तु गृहिणी हैं।
तु खुद को taken for grantedly मत ले।
तु सब की पसंद का खाना बनाती है,
कभी खुद की पसंद का खाना बनाया कर।
किसी की तबियत ना दुरस्त होने पर उसे आराम करने को कहती हो,
तो खुद की तबियत ना दुरस्त होने पर आराम कयूँ नहीं करती?
तु सब की पसंद का खयाल रखती है ,
कभी खुद की पसंद का भी खयाल रखा कर।
में यह नहीं कहती के तु यह सब काम ना कर,
बस तु खुद के अस्तित्व को पहचान।
तु खुद के लिए भी जी ले।
Dedicate to all housewife
-Khushbu chhatbar