मेरी काव्या
मेरी हर कविता मुझे
कुछ न कुछ सीखाती हैं
कोई धैर्य, कोई अनुशासन
तो कोई ज्ञान दे जाती हैं
मेरी काव्या मुझ तक
माधव का संदेश बन कर आती हैं
जीवन में आ कर
जीने के राह दिखलाती हैं
मुझे अपना आधार कहलवा
मेरी जिन्दगानी बन जाती हैं
कृष्णा के बंसी की धुन को
जो शब्दों में लिखा जाए
तो वो मेरी काव्या कहलाती हैं |
Taken from the book "Kaavyamaadhvam"