एक सफर में तुम भी हो मैं भी हुँ,
कुछ अधूरे तुम भी हो मैं भी हुँ,
इतना मगरूर होने से क्या फायदा,
दिल को अक्सर ही तोड़ने से क्या फायदा,
तुम भी अपनी करो मैं भी अपनी करू,
प्यार झूठा दुनिया को दिखाने से क्या फायदा,
जब मशहूर दिल की दुनिया में मशहूर तुम भी हो मैं भी हुँ,
इस कदर खुद को तड़पना अच्छा नहीं,
दिल हर किसी से लगाना अच्छा नहीं,
मैं तो समझा के दुनिया बदल गई मगर,
मगर दुनिया क्यों बदले सिर्फ मेरे लिए,
इस बदलने में उसका भी क्या फायदा,
दिल सबसे लगने से क्या फायदा,
एक लम्हा जो एक दिन गुज़र जाएगा,
एक हकीकत जो कल याद बन जाएगा,
वो ही किस्सा तू भी है और मैं भी हुँ,
तो दिल को तोड़ने में हमेशा ही क्या फायदा,
इतना मगरूर होने से क्या फायदा.