संसार का प्रत्येक गुण एक सीमा तक निर्धारित होता हैँ
उस सीमा को लांघने पर उसका गुण दोष मे परिवर्तित हो जाता हैँ

जैसे आत्मा विश्वास एक गुण हैँ परन्तु अधिक आत्मा विश्वास अहंकार कहलाता हैँ जो की एक दोष हैँ

धन अर्जित करने की लगन एक गुण हैँ किन्तु अधिक होने पर ये लोभ नामी बीमारी का रूप धारण कर लेती है

धन को सोच समझ कर कम से कम खर्च करना एक गुण हैँ लेकिन अधिक होने पर ये कंजूसी जैसे दोष मे आ जाती हैँ
ऐसे ही प्रत्येक गुण अपनी सीमा से अधिक होते ही दोष बन जाता हैँ

Hindi Quotes by Sohail Saifi : 111305911

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