#गांधीगीरी
"एक आँख के बदले एक आँख मांगने की तर्ज पर अगर दुनिया चलेगी तो पूरी दुनिया अंधी हो जायेगी "महात्मा गांधी की ये बात जब से जीवन में उतारी तब से बहुत कुछ उतर गया ।जीवन से जो कुंठा,हताशा ,अपमान और तिरस्कार की सौगात मिली ।उसे जीवन को उसी रूप में लौटाने के बजाय सर्जना के स्वर में ढाल कर अपनी बात कहने के लिये साहित्य को एक विकल्प चुना जो मुझे बदला लेने के बजाय बदल देने की प्रेरणा देता है। जो मुझे सत्य के साथ मेरे प्रयोग पुस्तक ने सिखाया ,यही गांधीगीरी है अब अपनी ।