आशा करता हु यह कविता आप को पसंद आएगी। ओर इस मे कोई त्रुटी हो तो मुझे क्षमा करना। आप सब हमसे बड़े है तो आप के आशीर्वाद के साथ मे सुरु करना चाहता हु आप का आशीर्वाद हमेसा मुझे पे बनाए रखना। यह कविता में अपने पिता जी के चरण कमलों में समर्पित है।
*#पद चिन्ह*
जिन के पद चिन्हों पर चलकर मेने खड़ा होना सीखा, जिन के पद चिन्हों पर चलकर मेने चलना सिखा,
जिन के पद चिन्हों पर चलकर ही वाणी में मिठास आई,
जिन के पद चिन्हों पर चलकर होटो पे मुस्कान आई,
जिन के पद चिन्हों पर चलकर अच्छा लिखना सीखा,
जिन के पद चिन्हों पर चलकर ही विपरीत हालातों से लड़ना सीखा,
जिन के पद चिन्हों पर चलकर ही परिवार को जोड़ना सीखा,
जिन के पद चिन्हों पर चलकर ही मेने भावनाओं को टटोलना सीखा,
जिन के पद चिन्हों पर चलकर ही मेंने आशाओं के बीज बोए,
जिन के पद चिन्हों पर चलकर ही सारे सपनें सच होये,
जिन के पद चिन्हों पर चलकर ही अपने माता पिता के चिराग होये,
जिन के पद चिन्हों पर चलकर ही सफलता अपने कदमो में हुई,
उन के पद चिन्हों में मेरा कोटि कोटि प्रणाम।
#मनीष -पारीक
#Blenkpage