दिनभर हम बाते किया करते थे ,
रातभर उनके बारे में सोचा करते थे,
कुछ लम्हों की मुलाकात को भी तड़पते थे ,
वक़्त बदल सा गया है,
सब कुछ भूतकाल बन गया है,
पहले हम आगे बढ़ने के ख्वाब देखा करते थे,
और अब बस चंद पल उन्हें सिर्फ याद किया करते है,
अब ना तो बाते होती है ,
नाहीं ख्याल आते है,
मुलाकातों का दौर बीत चुका ,
अब तो सिर्फ कभी कभी ज़िक्र हो उनका अगर,
तो बस कुछ खास लम्हे याद आते हैं।।।