#काव्योत्सव के लिए
प्रेरणा दायक कविता
*तकदीर*
कर्म की कलम से तू राही
तकदीर नई लिख पाएगा
जो कुछ नहीं दिया प्रभु ने
कर्म तुझे दिलाएगा
गर तकदीर में तेरे मेहनत से
फल है लिखा तो,
सुख कहां से पाएगा ।
जो भाग्य के भरोसे बैठेगा
सदा वही पछताएगा ।
समय निकल गया हाथ से
तो फिर वापस नहीं आएगा।
सदा नेह से कर्म करना
सम्मान इसी से पाएगा।
हर सपना फिर पूरा होगा।
और एक दिन ऐसा आएगा
सफलता के शिखर पर
परचम अपना फहराएगा।
*अर्चना राय भेड़ाघाट जबलपुर मध्य प्रदेश*