#KAVYOTSAV -2
पुलवामा के वीर शहीदों को मेरी कलम से
छोटी से श्रद्धांजलि?????
कितने ही उरी जल चुके,
पुलवामा अब जल रहा है,,
धीरे-धीरे देखो अपना,
हिन्दुस्तान सुलग रहा है।
लेने बलिदानों का बदला,
जर्रा-जर्रा मचल रहा है,,
खत्म हो हर आतंकी मसला,
लहू का हर कण उबल रहा है।
शान्ति-शान्ति करते-करते,
मिमयाना अब बहुत हो चुका,,
खून के बदले खून चाहिए,
हमले का अब वक़्त हो चुका।
हमारी खामोशी को वो,
कमजोरी अब मान रहा है,,
नादान बहुत है यारों जो,
भ्रम अच्छा पाल रहा है।
कुछ तो भूल हुई है हमसे,
समझने में किरदारों को,,
अपने ही कुछ छल रहे हैं,
पहचानों देशी गद्दारों को।
ना तो धरा ना यूँ घायल होती,
बहता रक़्त ना अपने वीरो का,,
जो वक्त पे उत्तर मिल जाता,
पड़ोसी आतंकी तीरों का।
कुछ जख्म गहरे नासूर बन चुके,
पर बाज अभी ना आया है,,
48, 65, 71 और कारगिल,
शायद भुला ना अब तक पाया है।
संसद की दिवारों सुन लो,
हमको अब कानून चाहिए,,
हर आतंकी का लटके सिर,
सीधे ये अधिकार चाहिए।
हर आतंकी का लटके सिर,
सीधे ये अधिकार चाहिए।।
"राजीव कुमार गुर्जर"