मन के नैन हज़ार
सुख की कलिया
दुख के काँटे
सुख की कलिया
दुख के काँटे
मन है इन सबका आधार
मन से कोइ बात छूपे ना
हो..मन से कोइ बात छूपे ना
क्यूँकि..मन के नैन हज़ार
हो...मन के नैन हज़ार…
जब जब कोइ बात आयी
सुख दुख की साथ जंजीर लाई
कभी हसाया तो कभी रुलाया
एक सबक उसने हमको सिखाया
की पकडो दिल को छोडो मन को
पकडो दिल को छोडो मन को
कहेदो सबको यही बात
की मन से कोइ बात छूपे ना
हो..मन से कोइ बात छूपे ना
क्यूँकि..मन के नैन हज़ार
हो... मन के नैन हज़ार...सुख की कलिया...
ये तेरा है वो मेरा है
यही पर हम सबका बसेरा है
फिर भी जहामे उसका ही जमैला है
क्यूँकि हम सबका मन जो मैला है..
ये तुभी जाने ,ये मै भी जानु
फिर किस बात की है बबाल
मन ही है इन सबका आधार
की मन से कोइ बात छूपे ना
हो...मन से कोइ बात छूपे ना
क्यूँकि..मन के नैन हज़ार...सुख की कलिया....
#કાવ્યોત્સવ #અાધ્યાત્મિક