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निगाह
उसने बैंक में पिता के स्थान पर मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पाई हुई थी ..20 वर्षीय लड़की को देख दो सहकर्मी
" देखिए बेचारी बच्ची.. अभी उम्र ही क्या थी करियर बनाने के सपने रहे होंगे.. पर विधि का विधान था कि उस पर अपना घर चलाने की जिम्मेदारी आन पड़ी..!"
" हा हा हा हा.. क्या मजाक करते हैं सर .. आपको यह 20 साल की लड़की बच्ची दिखाई दे रही है, कहां से ? हा हा हा"...लालची आंखें उसके बदन का मुआयना कर रही थी...
अगले पुरुष ने व्यंग्य और क्रोध से कहा..
" लगने का क्या है भाई साहब, किसी को 20 साल की लड़की अपनी बच्ची लगती है , किसी को वस्तु.. ये तो निगाह की बात है ..वरना बहुत से लोगों को तो 6 महीने की बच्ची भी बच्ची नहीं लगती..!"
-कविता जयन्त