शहीदों मैं तुम्हें क्या लिखूँ!!
शहीदों मैं तुम्हें क्या लिखूँ!!
आपने तो अपना कर्तव्य किया।
खुद को देश पर न्योछावर कर दिया।
वे गद्दार जो हमारे देश का खाते हैं।
पर पाकिस्तान का गाते नहीं अघाते हैं।
उन बेईमानों की क्या-क्या खता लिखूँ!!
शहीदों मैं तुम्हें क्या लिखूँ!!
अजीब है देश के लिए आपकी इबादत।
आप जिन कश्मीरियों के लिए शहीद हुए,
वे ही नहीं समझ पाये आपकी शहादत ।
आतंकियों के सहयोगी पत्थरबाज ,थप्पड़बाज
इन बेइमानों की क्या मैं कथा लिखूँ!!
शहीदों मैं तुम्हें क्या लिखूँ!
बिलखते आपके बूढ़े माँ-बाप ,
जन्मे-अजन्मे बच्चों का संताप।
पथराई आँखों से निहारती बार -बार
रुखसत हुए थे जहाँ आप अन्तिम बार
आपकी पत्नी को हायअब विधवा लिखूँ!
शहीदों मैं तुम्हें क्या लिखूँ!
आप की शहादत न जाएगी बेकार
वे चव्वालीस मारे हम मारेंगे हजार।
पर यह खूनी खेल यूँ ही कब तक चलेगा?
किसी माँ का दुलारा यूँ ही कब तक मरेगा?
न जाने इस मर्ज की क्या है दवा लिखूँ!!
शहीदों मैं तुम्हें क्या लिखूँ!!
आपकी शहादत को "सुमन"हजारों सलाम।
परिवार दुःख सह सकें यह करें भगवान।
फिर न कभी हों ऐसे हादसे
ईश्वर से करूँ मैं यही दुआ लिखूँ।
शहीदों मैं तुम्हें क्या लिखूँ!!
पुलवामा14.02.2019के शहीदों को मा.शा.चंदना एवं शाला परिसर के समस्त शिक्षक स्टाफ की ओर से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि ।
****सुरेश कुमार बिसनदास बघेल"सुमन"***
दिनांक 17.02.2019