पाप - पुण्य उसे लगे जो वचन ले कर भी वचन न निभाए |
पर बीना वचन लीए भी वचन निभाए उसे तो रब भी मान जाए | जो आत्मा से छुआ प्यार हो उसे एक दुजे को छुने की जरुरत नहीं रेहती |
यहां तक भी देखने की भी जरुरत नहीं रेहती |
जो दुर रेह कर भी पास है |
जीस ने बीना टीसी बंधन में बंधे भी हर फर्ज निभाए है |
ये केहना तो आम बात है पर कुदरत की शक्ति आज भी यहीं आस पास है ये एहसास कराना बहोत खास है |
इसलिए तो रब ने चुना भंवर में फसे को निकाल दे |
थोडा सहन कर ले अपने ही तो है |
तु जाने समझे इसलिए समजा दे |
कई सारे नेक बंदे है पर फंसे पड़े भवर में है |
अपना पन जगा, प्यार मोहब्बत जगा खुश रेहना सीखा |
समजदार है दुसरो को भी समझदार बना |
कई सारे नेक बंदे है जो कर रहे काम है तुझे आता है तो थोडा तुभी सीखा |
इसलिए चल पडे सीखाने पहले सीखा अब है सीखाते |
पर फीर भी है सीख रहे नया कुछ खोज रहे शायद मीले रब को हम को कोई जो ओर बेहतर जीवन दे सके |
सब में समाया ईश्वर का अंश है पता नहीं कौन कहां से ओर एक नेक बन्दा मील जाए और जग सारा सोने की चिड़िया बन जाए |
हंसी खुशी हर चेहरे पर हो यही तो जगत माता-पिता की कामना होती है |...ॐD