मुझे बस नाच ही नचाती हे जिंदगी,
दिन और रात अब सताती हे जिन्दगी।
निकल पडू में जब लेके उम्मीदे आईना,
रोज नये ख्वाब दिखाती हे जिन्दगी।
मुझपे मुशिबते आये दिन रहती हे,
हौशला बुलंद कर बताती हे जिन्दगी।
नये पुराने सभी रिश्ते बड़े उल्जे उल्जे,
फिर भी अपना पन जताती हे जिन्दगी।
देर रात को जागना नये सूरज की खोज में,
ना मिले जब चैन बहलाती हे जिन्दगी।
यह मेरी हे जिंदगी मेरा कहा सुनती हे,
आप जेसे दोस्तों सेही चलती हे जिंदगी।
आप मिले हो किस्मत से किसमत कितनी अच्छी हे,
वरना मुजको जिनेको कहा शिखलाती जिन्दगी।
Dp,"प्रतिक"