अपने धोखेबाज!!!
जिस अपने ने मुझे धोखा दिया ,
उस अपने का शुक्रिया।
जिस अपने ने मुझे दरबदर किया।
उस अपने का शुक्रिया।
हमने तो सोचा था,हम खाएँ तो कोई
अपना क्यों भूखा रहे।
हमने तो सोचा था,हम खाएँ तो कोई
अपना क्यों भूखा रहे।
जिस अपने ने गंजी ही हड़प लिया।
उस अपने का शुक्रिया।।
जिस अपने ने गंजी ही हड़प लिया।
उस अपने का शुक्रिया।।
जिस अपने ने मुझे धोखा दिया,
उस अपने का शुक्रिया।।
कबीर साहेब ने हमें भेजा,जाओ बेटे
मेरे अधूरे काम कर के आओ ।।
कबीर साहेब ने हमें भेजा,जाओ बेटे
मेरे अधूरे काम कर के आओ ।।
जिस अपने ने सुना धोखा दो भले बाप हो
उस अपने का शुक्रिया।।
जिस अपने ने सुना धोखा दो भले बाप हो
उस अपने का शुक्रिया।।
जिस अपने ने मुझे धोखा दिया ,
उस अपने का शुक्रिया।।
हम तो फूल हैं मेरे अपने धोखेबाज !
हम खुशबू ही फैलाएँगे।।
हम तो फूल हैं मेरे अपने धोखेबाज !
हम खुशबू ही फैलाएँगे।।
हाँ !आप बताओ हमें लूटकर साहेब को
क्या मुहँ दिखाएँगे।।
हाँ !आप बताओ हमें लूटकर साहेब को
क्या मुहँ दिखाएँगे।।
अभी भी वक्त है सुधर जाओ,अब
तक जो किया तो किया।
जिस अपने ने मुझे धोखा दिया,
उस अपने का शुक्रिया।।
***सुरेश कुमार बिसनदास बघेल "सुमन" ***
दिनांक 24*01*2019