* संतुलन *
ऑफिस के चेयरमैन : "पवन ! ऑफिस आने में इतनी देर क्यों हो गई ?
पवन : "पापा ! आप जानते हैं फीर भी पूछ रहे हैं !
ऑफिस के चेयरमैन : " ये ऑफिस है और मैं तुम्हारा बॉस हूं | यहां बॉस और एम्पलाई के हिसाब से बर्ताव करो |"
पवन : " पर पापा ! पांच मिनट की ही तो देर हुई है उसमें क्या हर्ज है?
ऑफिस के चेयरमैन : "मैं मानता हूं कि, अब मैं तुम्हारा ससुर हूं | पर उसके पहले मैं तुम्हारा बॉस हूं क्योंकि मैंने तुम्हें तुम्हारा काम देख अपनी बेटी तुम्हारे साथ ब्याही थी | दो अलग-अलग रिश्तो को तुम एक नहीं बना सकते | यहां तुम कर्मचारी हो और घर पर तुम मेरे दामाद | पर्सनल और प्रोफेशनल को जोड़कर कभी काम नहीं कीया जा सकता | जो करते है वो घाटे में रहते हैं | एक बात हमेशा याद रखना की, काम के वक्त सिर्फ और सिर्फ काम की बातें और परिवार के साथ परिवार का सभ्य बनकर ही रहेना चाहिए | हर एक रिश्ते को पर्सनल और प्रोफेशनल तरीके से जीना चाहिए | चाहे वह परिवार के सभ्य हो, ऑफिस के अन्य कर्मचारी, दोस्त, रीश्तेदार वगेरा |"
पवन : " आपने सही कहा | आगे से कभी ऐसी गलती न होगी |"...ૐD