तुम हो वही बस हम बदल गए,
तुम हो जवां बस लम्हे बदल गए।
वही शाम वही सूरज बस मौसम बदल गए,
वही हवा वही घटा बस बादल बदल गए।
वही वर्षा नदी वही कागज कस्ती बस माही बदल गए,
वहीं रेत वहीं खिलौने बस खेल बदल गए।
वहीं हम वहीं तुम बस चाहत बदल गई।
वहीं हम वहीं तुम बस चाहत बदल गई।
एन आर ओमप्रकाश।