यहा कहनी है,एक अनाथ की
जिसके जन्म के तीन महा बाद उनकी मां दुनिया से चली गयी और उनके पिता ने दुसरी नही बलकि तीसरी शादि कर ली है।
" अब वहा बालक बड़ा हो गया है, पर अब वो अपने पिता से शयद नफरत करता है।
अगर उस बच्चे के पिता का देहान्त होता तो क्या मां उस दो महा के बच्चे के होते हुए तीसरी शादी करती।
वहां बालक अब युवा हो गया है।
ये उसी की अब तक की कहनी है जो क्रमशा उनके बचपन से अब तक के उतार चड़ाव व कटो भरी बचपन की दस्ता है।
कहनी का नाम "मेरी और उनकी,