#kavyotsav
आज सिर्फ एक ही ख्याल था जो भी है अन्दर सब निकाल दूँ
रो लिय फिरसे बहुत रोया मैंने पर रो लेने से शोर थम तो नहीं जाता
बड़ी है जिंदगी यही सोचकर ठान लिया कुछ वक्त और यूँ ही निकाल दूँ
उठी मुस्कुराई और हँसी भी बहुत पर हँसने से खुशी महसूस हो ऐसा हो तो नहीं जाता
नहीं पता खुद से हैं या किसी और से पर बहुत ही पेचीदे से सवाल हैं कुछ
जबाव मिलेंगे या नहीं पता नहीं पर फिर भी लौ जला रखी है जबावों की उम्मीद की
ऐसे मंजर पर हूँ मैं कि जाना चाहती हूँ बहुत दूर जहाँ कोई न हो जानने वाला पर मजबूरियाँ हैं कुछ
सो लेती हूँ पर वो बात नहीं है आ जाए चैन मेरे दिल की गहराई को इंतहाँ है ऐसी नींद की