ऐसे मिल जाये....
चल हमतुम ऐसे मिल जाये
जैसे खुशबू हवा मे घुल जाये
जलता है जमाना
चाहे क्यु ना जल जाये
इश्क का रंग कितना है गहरा
इश्क पे जग का कितना है पहरा
उन सारे पहरो को भूल जाये
चल हमतुम ऐसे मिल जाये
जैसे खुशबू हवा मे घुल जाये
कितनी छोटी सी है ये जिंदगी
रबसे पहले करू मै तेरी बंदगी
रूठे रब,चाहे सजा मिल जाये
चल हमतुम ऐसे मिल जाये
जैसे खुशबू हवा मे घुल जाये
याद रखे दुनिया तेरा मेरा अफसाना
चाहे पड़े हमको मिट्ठी मे मिल जाना
फिर मिठ्ठीसे फूल बनके खिल जाये
चल हमतुम ऐसे मिल जाये
जैसे खुशबू हवा मे घुल जाये
जलता है जमाना तो
चाहे क्यु ना जल जाये
Sagar...✍️
Follow me...💝