गुजरने को क्या है वक्त है गुज़र जायेगा,
बस रहेगा इक निशान उस दर्द जो वक्त दे जायेगा।
बड़े अर्से के बाद तो लग रहा था ठीक
क्या मालूम था सब ऐसे बिखर जायेगा।
किसी भी दुख पर बहती नहीं आंखे,
दर्द है दब कर कम पड़ जायेगा।
मुझे दुख है किस से काहू किस उम्मीद से
दुख का क्या कहने से और बड़ जायेगा।
मुझे नज़र ना हुआ प्यार कभी किसी से,
जिसने भी ज्यादा वो फिर बिछड़ जायेगा।
कितने अजीब रिश्ते में प्यार हुआ मुझे
ना पता था इतनी जल्दी प्यार ख़तम हो जायेगा
बड़ी नाउम्मीदी हुई है इस जिंदगी से,
मुझे फ़िर क्या कोई उम्मीद से भर पायेगा।