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महोब्बत में बेअदब चाहता रहना, रोते हुवे भी मुस्कुराकर पिघल जाना, इश्क़ में इम्तिहान की घड़ी में बदल जाना, मजबूरियां कितनी भी क्यू ना हो एक साथ निभाना, यूंही हसते हसते जिंदगी के एक और सफ़र को सुहाना बनाना। 💕Náíshá💕
मात्र नात जात भेद भाव धर्म के नाम कर दिया गया, हाहा कार मचाकर देश को खुलेआम बेचा गया, करप्शन के नाम पर एक एक गरीब किसान को लूट लिया गया, बलिदान दे दे कर कितने वीर शहीद के नाम पर जान न्योछावर कर क्या गया, इंसानों में एक इंसनियत के हौसला बनाने में कितनो की जान को बख्शा गया, वतन के हर सैलाब मे एक एक और नोजवन ने भारत को बचाने में मां के चरणों को त्याग दिया, किसी तरह आज मेरे देश को गणतंत्र का बनाने में एक हो कर सब नाती के लोग ने शहारा दिया। 🇮🇳 Náíshá
जान देने से वाकिफ है मेरे वीर देश की मिट्टी के लिए, आलम बनाना है मेरे वतन को आजादी को जिंदगी देने के लिए, झंडा लहराया है आज मेरे सुपुत्र भारत माता कि मिट्टी के लिए, आसामा रंगीन बनाया है मेरे वीर ने अपने खून से वतन के लिए, देश की जंग है आओ साथ लड़कर दुनिया में इतिहास गणतंत्र दिन लिखने के लिए। Happy Republic Day 🇮🇳
❣️ नाईशा
मेरे अलावा कितनो से बाते कर ली होगी, जिंदगी में आधार ढूंढने में कुछ तो मजबूरी होगी, ये आलम सारा मेरे जज्बात से खेल रहा है यार, खुदकी खुशबू पहेचान ने में किस किसको मान सम्मान दुगी, ये अल्लाह गवाह भी होगा कभी मेरी नियति में लिखा गुजरा कल, कलम भी तो रों रों कर बरस कर जिंदगी की अहमियत कागज में उतार रही होगी, मेने हर एक एक कतरे मेरे हिस्से को हर एक में बाट कर जिंदगी जी ली होगी, खुदा शब्र रखना को कहेता रहा मेरे आंखो मे दिल में एक शहर में रहते छिपे मोती की खोज भी तो की होगी Dear Zindagi❣️
ये मुहावरे का अंदाज कुछ अलग नजर आता है, उससे मिलने के लिए कमबख्त हर पल वक्त खरीदने का जी चाहता है, जिंदगी चाहे या ना चाहे एक शक्श हर लम्हे में मेरे आंखो में बसा रहता है, बाते हजार करू फिर भी दिल एक और लफ्ज़ सुनने को बेहाल सा रहता है, क्या करू मजबूरी है वरना उसके साथ रहकर जिंदगी की हर चांदनी रात उसके साथ गुजरना चाहता है, उसकी बाहों में रह कर दुनिया का हर एक खुशनुमा सफ़र मेरे हाथो मे हाथ डाल जिंदगी जीना चाहता है। 💕 नाईशा 💕
उसके दर्द मुझे हरदम नाजुक दिल सा बना देता है, मरहम लगा दिया तो एक और फैसला नामंजूर करता है। साया कितना भी पास हो उसे छाव की करवटें बेजुदा करता है, वो नहीं मानेगी मेरी किस्मत में बने हर किताबी नकाब के चहेरे में चुभता है। इश्क़ से इश्क़ करके बगावत का मशवरा बटोर लिया, इस दिल के अब नई एक दुनिया मेरी भी लिखता हूँ। नियति को दोष क्या दू उसके सामने जरिया मेरे जहा का, हर हिस्से में, कहानी के हर किस्से में दर्द पाकर जिंदा रहता हूँ। वो जब तक पास ठहरेगी इलाज मेरे दिल का होता रहेगा, उसकी मौजूदगी में मेरी आँखों मे ख्वाब चलाता रहता हूँ। उसको कैसे समझाऊं मैं दर्द के ये इम्तिहान, मेरे जहन से हर बार बहोत कुछ चुपके से कानो में कहता हूँ। बस कर ए खुदा मेरी तड़प को देख उसको मेरा बना दे, ना हो सके तो उसके साथ जिंदगी के लम्हों को जिंदा बनादे। ~Déâ® Zîñdãgí
उनके चहेरे की चमक छीन गया था कोई, नफ़रत के दबदबे में कई अरसे से मुस्कान दबी हुई थी। उनके जज़्बात लफ्ज़ ए बया ना हो सके इतनी कमबख्त जाहिर इश्क से बगावत हुई थी। पहेचान उनकी मेरे साए से लगा कर चलने लगा, आख़िर सफ़र तय करने पर मंजिल पाई थी। एक ओर कई हसी और एक तरफ दबी थी तकलीफ़, तो एक ओर कास्ट के खेल से महबूब से जुदाई लिखी थी। -नाईशा
उसके नाम के पीछे मेरा नाम नही लगा तो क्या हुआ,,,,,? उसके दिल के ईमान और जज़्बात तो मासूमियत से मेरे दिल में पनाह दे रहा है,,, वो हर हद तक रूह के ख़्याल से मिलता गया हर वक्त पर,,,, जो अपनी नादानियाँ से भरे इश्क़ ए खयाल से कुछ यूँ महेसुस तो करवा रहा है...,। 🌹 नाईशा 🌹
ये हररोज के उतार चढ़ाव के सिलसिले इश्क़ के, कैसे हमदर्द की कहानी की इंतिहा स्याही से उतार लिखूं? ये बीन बताए प्यार से हमराह के सफ़र को बुनता रहता है, कैसे मैं उसको मेरे जमीर को तार तार करने का हकदार लिखूं? ❣️ नाईशा 💕
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