Quotes by rashmi ranjan in Bitesapp read free

rashmi ranjan

rashmi ranjan

@rashmiranjan.658661


*जिंदगी*

उलझनों से पूछ लो
किस राह ठहरी जिंदगी
किस गली में शोर है
किसने कितनी समझी जिंदगी।

मान लो उन्माद है
मिलता कहां स्वाद है
कसौटियों में परखते हैं
आँच खाती जिंदगी।

जब मिलो तो पूछना
कितना निखर पाई है
तालियों के शोर में
बस बिखर रही है जिंदगी।

नमी की इक बून्द भी
देख नजर आती नहीं
कितना मेकअप चेहरे पर
लिए घूमती है जिंदगी।

स्टेटस में चूर है
घमंड से मगरूर है
किस रास्ते चल पड़ी
कितना भटकती है जिंदगी।

अर्श पर चढ़ने की
होड़ चहु ओर है
कौन देखता जमीन को
छिटकी पड़ी है जिंदगी।

शब्द नहीं मिल रहे है
निशब्द भी शोर है
कटी हुई चंचला का
अभाव लिए जिंदगी।

एक तो संकल्प उठा
जात का भरम शेष है
रे मनुष्य, कभी पूछ तो
क्या मांगती है जिंदगी।

#रश्मि_रश

Read More

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 🙏🌹

सुनो सुनाती हूं मैं हिंदी की एक कहानी
संस्कृत के कोख से जन्मी जानी पहचानी।

सदियों का इतिहास है इसका ऐसा कहते
भारतेंदु लिख जाते थे जिसको कहते कहते।

गरिमा यह साहित्य की है भाषा की जननी
जन-जन की भाषा है यह राजभाषा अपनी।

इसकी महत्ता का अनुमान इससे लग पाया
शीर्षतम सॉफ्टवेयर कंपनियों ने जब अपनाया।

उज्ज्वल, सशक्त, समृद्ध, विविध रूप में फैली
हिंदी का पुट न होता क्या होती भाषा में शैली।

सूर, तुलसी, कबीर, मीरा के जीवन में शोभित
रसखान, रहीम, ज्ञानेश्वर, नामदेव भी थे मोहित।

अध्यात्म से परिपूर्ण सबको निकट लाने वाली
हर भाषा में संदेश एकता का भर जाने वाली।

जन जन तक पहुंची विचार लिए सरल रूप से
स्वतंत्रता के भाव पिरोती जन जन में पूर्ण रूप से।

तुम मानो मेरी बात की देश की धड़कन हिंदी है
भारत का जब जब होगा श्रृंगार तो बिंदी हिंदी है।

#रश्मि_रश

Read More

बिखरी हुई रूह में हमको भी करते शामिल
इस दम जो न मिले, उस दम ही तुमसे मिलते
#रश्मि_रश

#गणेश_चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें🙏🙏

@रश्मि रंजन

बस इश्क़ है बाकी अब मुझमें
तेरे इश्क़ में मरना तुम क्या जानो

जब साँसों से आहें गुजरी थी
उस प्यार की चाहत तुम क्या जानो

कुछ गालों पर महसूस हुआ था
तब सीने की हलचल तुम क्या जानो

जिस खामोशी से धड़कन शोर मचाती
उस सरगोशी का आलम तुम क्या जानो

है दर्द भी जरा सा बहका बहका
इमरोज़ ये चाहत तुम क्या जानो

अब ख़्वाबों की ख़्वाहिशें भी मचल रही
तेरी उल्फ़त के साये तुम क्या जानो
@रश्मि

Read More

नींद आँखों से गुज़र जाए तो बुलाऊ कैसे
आज फिर ख्वाब दिखे तो आजमाऊँ कैसे

अबके बारिश भी मेरी नमी चुरा कर गई
इतना बिखरा का समंदर पास आऊँ कैसे

जानते है हम जिसे वो मेरा रक़िब तो नहीं
दूरियों से गुजरता है बहोत अब बुलाऊँ कैसे

यूँ तो सदियों तक दरवाजों को आजमाते रहे
अपने आने की तारीख न बताई तो जाऊँ कैसे

ज़र्रा ज़र्रा मेरी खामोशियों से बात करता है
ये बता अपने लफ़्ज़ों में तुझे उलझाऊँ कैसे

इश्क़ का असर इतना काबिज़ होता रहा
धड़कने टूटती है बहोत असर दिखाऊँ कैसे

जाने क्या बात है आँखों को बड़ा रोना आया
मिलते जो दरमियाँ से उनसे ही छुपाऊँ कैसे

बाद मुद्दत के सही कोई पैगाम दे जाया करो
तेरी नजदीकियों को खुद से जुदा कराऊँ कैसे

जाने वालों से उम्मीदों का न सिलसिला रखना
कोई पूछे न मिलने की वज़ह तो बताऊँ कैसे

गर्द इतनी थी उड़ी रास्तों से जब यादें गुजरी
धुंद में उलझे उलझे सितारों को उड़ाऊँ कैसे

कितनी शिद्दत से तेरे अफ़साने रश लिखती है
एक बार इतना बता दें कि तुझे जताऊँ कैसे

Rashmi Ranjan

Read More

#शुभ_जन्माष्टमी

कृष्ण धुनि में रमाये मन
पथिक मोह से तर जाएगा।

छवि सलोनी कान्हा तेरी
भक्तों के मन घर कर जाएगा।

क्षणभंगुर जीवन बस माया
बस कृष्ण नाम रह जाएगा।

जन्माष्टमी का पावन अवसर
कलेश,पीड़ा सब हर जाएगा।

#रश्मि ✍️
#जन्माष्टमी_की_शुभकामनाएं

Read More

आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में घर तिरंगा की विचारधारा के साथ आगमन काव्य मंच की तरफ से प्रथम काव्य गोष्ठी का आयोजन दिनांक 15 अगस्त 2022 की शुभ संध्या पर मेरे निवास स्थान कलाली, वडोदरा पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेजर डॉ हिमांशु पांडे जी के उपस्थिति में मैं रश्मि रंजन, आदरणीय राखी कटियार जी आदरणीय गौतम सागर जी आगमन के सदस्य की सहयोग से कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ कार्यक्रम का विषय - देशभक्ति, देश प्रेम एवं नारी सम्मान की भावनाओं से प्रेरित रहा।
कार्यक्रम का आरम्भ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना एवं संचालन डॉ राखी सिंह कटियार ने किया।
इसके बाद श्रीमती रश्मि रंजन द्वारा आगमन काव्य मंच का परिचय, रुपरेखा और कार्य प्रणाली का विस्तृत विवरण आमंत्रित कवियों को दिया गया।
कार्यक्रम के आरम्भ में डॉ रचना निगम जी एवं श्रीमती मालिनी पाठक द्वारा मुख्य अतिथि को अतीक का पेड़ व पुष्प गुच्छ द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में काव्य पाठ के लिए आमंत्रित कविगण श्री मेजर हिमांशु पांडेय, श्रीमती राखी कटियार, श्री गौतम सागर, श्रीमती रश्मि रंजन श्रीमती रचना निगम, श्री रंजन मिश्र बिरागी, श्री ऋतेश त्रिपाठी, श्रीमती मालिनी पाठक, श्री दीपक नायकवाड़, श्री राजीव सक्सेना रहे।

Read More

जब शान से ये इठलाता है
ये रंग तिरंगा मुझे भाता है
रंग केसरिया प्रतिक बलिदान का
मुझमें हिम्मत भर जाता है
रंग सफेद प्रतिक शीतलता का
जीवन में शांति भर जाता है
रंग हरा धरे संदेश उर्वरता का
खुशहाली जीवन में भर जाता है
मैं आन तिरंगा लिखता हूँ
मेरी शान तिरंगा लिखता हूँ
मैं रंग तिरंगा लिए फिरता हूँ।

आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर सभी देशवासियों को अनंत शुभकामनायें 🇮🇳❤️🇮🇳

@रश्मि

Read More