Quotes by rajesh kaliya in Bitesapp read free

rajesh kaliya

rajesh kaliya

@miku


शाम तो होने दो, शराब तो पीने दो,
इतना ना सताओ, मुझे चैन से जीने दो।

वो यादें जो आँखों में बस कर रहीं हैं,
कुछ देर को सीने में चुपचाप रहने दो।

मक़सद नहीं हर बार ग़म से लड़ जाना,
कभी-कभी टूट कर भी तो जीने दो।

महफ़िल में हँसना कोई आसान नहीं,
परदा न उठाओ, ये नक़ाब ही रहने दो।

लबों पे शिकायत नहीं, फिर भी दर्द है,
इस खामोशी को थोड़ा सा कहने दो।

'दिल' कह रहा है आज कुछ पुराना सुने,
साज़ को छेड़ो ना, सुरों को बहने दो।

Read More

ये जो तेरी मेरी प्यार कि कहानी है,
मत बता किसी को कितनी पुरानी है।

राह तकते कटे हैं कई मौसम,
बात अब भी वही सुहानी है।

ख़्वाब बिखरे पड़े हैं आँखों में,
ज़िंदगी बन गई निशानी है।

चुप हैं लब पर सिसक रही साँसें,
इश्क़ की ये अजब रवानी है।

सबूत न दे मुझे वफाई का'राजेश'
बयां कर रहा आँखों में जो पानी है।
- rajesh kaliya

Read More

हमारे सितारे मुफ़लिसी में हैं तो क्या हुआ,
दिल में उम्मीदों की रोशनी तो अभी जला रही है।

जो राहें अंधेरों में खो गईं थीं कहीं,
मगर ज़रा देख, सुबह भी आ रही है।

चमकते नहीं तो क्या, धुंधले सही,
आसमान में अपनी जगह बना रही है।

ग़म के बादल गर बरसते हैं हर घड़ी,
तो इन बूँदों में भी ज़िंदगी मुस्कुरा रही है।

मुश्किलों के साए लंबे सही, गहरे सही,
उन्हीं में उम्मीद फिर से दिशा बता रही है।

Read More

ग़ज़ल

वो मेरे न हुए तो क्या हुआ,
इश्क़ मेरा तो अब भी वफ़ा हुआ।

चाँद तन्हा नहीं किसी रात में,
मैं भी अपनी तरह से रौशन हुआ।

वो जो ख़्वाबों में रोज़ आते थे,
अब हक़ीक़त से वो जुदा हुआ।

दिल के आईने में बसा था जो,
आज अश्कों में क्यों धुला हुआ।

मैंने चाहा था दिल से उसको राजेश,
वो किसी और का हुआ तो क्या हुआ।

Read More

tum kha ho - nazam

epost thumb

कापते होंठों से आवाज़, दिल में छुपे राज,
कुछ तो बयां करो, कुछ तो कहो अल्फ़ाज़।

ख़ामोश लब मगर आँखों में तूफ़ान,
तेरी हँसी में छुपे हैं चाहत के अन्दाज।

रातों के साए में जज़्बात जागे,
मैं भी सुनता रहा दिल की आवाज़।

तू पास है फिर भी दूर सा क्यों है,
धड़कन कहे तुझसे कर लूँ कुछ राज़।

बंद लबों को अब खुलने दे राजेश,
गाने दे राग , बजने दे साज़।

Read More

और मैं क्या करूँ तुझे यक़ीन हो जाए,
ख़ुद को खो दूँ मैं, कि तेरा नसीब हो जाए।

चाँदनी रातों में तेरा नाम लिख दिया,
क्या पता ये रोशनी तेरा नूर हो जाए।

मैं हवाओं से तेरा पता पूछता रहा,
कहीं मेरी सदा तेरा हमराही हो जाए।

तू जो कह दे तो मैं खुद को मिटा दूँ,
तेरी एक हाँ से मेरा तक़दीर हो जाए।

तेरे हर इक सवाल का जवाब हूैं राजेश,
मेरा हर इक लफ्ज़ तेरा तहरीर हो जाए।

Read More

nazam-
तुम कहाँ हो?
तुम बिन ये ज़िंदगी अधूरी है,
मेरी कहानी अधूरी है,
हर साँस जैसे रुकी हुई है,
हर राह जैसे भटकी हुई है।

तुम्हारी हँसी थी जो रौशनी,
अब हर शाम भी उदास है,
तुम्हारी बातें थीं जो सुकून,
अब दिल बस एक सवाल है।

चाँद भी अब खामोश है,
तारों में भी वो चमक नहीं,
मेरी धड़कन भी बेसब्र है,
पर आँखों में कोई चमक नहीं।

लौट आओ, इन हवाओं में,
अब भी तेरी खुशबू बाकी है,
दिल की हर धड़कन में,
तेरे नाम की धुन बाकी है।

तुम कहाँ हो?
इस अधूरी दास्तां को पूरा कर दो,
इन वीरान गलियों में फिर से,
अपने क़दमों की आहट भर दो।

Read More

ग़ज़ल-

तेरी आँखों में जो देखा तो सवेरा निकला,
चाँदनी रात का हर ख्वाब सुनहरा निकला।

तेरी साँसों की महक संग बहकते रहे,
जैसे बरसों से भटकता कोई रस्ता निकला।

दिल की वीरान गली में जो कदम रख दिए,
इक दबी आग का शोला भी सुनहरा निकला।

तेरी बातों में वो जादू, वो मोहब्बत की कशिश,
हर लफ़्ज़ जैसे कोई मीठा सा नग़मा निकला।

इश्क़ को सोच के रोका था कई बार मगर,
फिर भी तेरा नाम लब से बेख़ुदी में निकला।

अब तो बस एक ही अरमान लिए हैं राजेश,
तेरी बाहों में सिमट जाए जहाँ सा निकला।

Read More

हमसे अपनी नजरो को ना चुराया करो ,
कभी होठो पे मेरा नाम भी सजाया करो!

पिते हैं जाम से तो हर वक्त हम ,
कभी इन मस्त आँखों से भी पिलाया करो।

हम जानते हैं तुम्हारी शबाबा की आग को,
फिर भी कहेगें तुम हमे जलाया करो।

भले कुछ ना दिखा इस जमाने को तुम,
मगर हमसे ना साहिब कुछ छिपाया करो।

सामने देख खड़े हैं तेरे चाहने वाले ,
समझ के गैर हमें ना पलके झुकाया करो।

Read More