Quotes by Anita Sinha in Bitesapp read free

Anita Sinha

Anita Sinha Matrubharti Verified

@anitasinha4848
(28)

शरद पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा पर महारास उत्सव बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है वृन्दावन धाम में। राधे कृष्णा जी के चरणों में महारास महोत्सव का आयोजन किया जाता है।

वृन्दावन नगरी सज जाती है फूलों से
सारी। राधे कृष्णा जी का फूलों से श्रृंगार करते हैं वृन्दावन वासी संग सारे नर नारी।
अद्भुत रुप सज्जा करते हैं ब्रज वासी संग
सकल संसार के वासी । अलौकिक अनुपम सौंदर्य छबि बरनि नहीं जाई राधे
कृष्णा जी के रुप राशि।

तरु पल्लव पर्वत नदिया गाए गीत
मनाए शरद पूर्णिमा रास उत्सव मनाएं
गूंजे संगीत हरि बोल हरि बोल हरि बोल
कीर्तन-भजन करे सकल नगर वासी।
शंख बजाए जयकारे लगाते चले ढोल मृदंग
झांझर करताल बजाते चले निधि वन की ओर। गूंजे जयकारे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम हरे राम राम हरे हरे। नाचे ग्वाल बाल गोप कुमारी
गोपियन संग बजावे ढोल मृदंग करते चले फूलों के बारिश सकल नर नारी।

बताशे लुटाते चले जयकारे लगाते चले
निधि वन में महारास महोत्सव जागरण करे
तैयारी। श्री राधे रानी नाचे और नाचे घिरिधारी बनवारी। चंद्रमा की सोलह कलाएं
श्रृंगार करे पूनम की रात जागरण में राधे बिहारी।

झूमे नाचे और गाएं जागरण करत
बीते रात सारी। चंद्रमा करे अमृत वर्षा
आशीर्वाद पाए शरद पूर्णिमा महारास महोत्सव पर दुनिया सारी।

खीर प्रसाद बने अमृत जो पान करे
मनाए उत्सव रास बिहारी।


शरद पूर्णिमा पर शुभकामनाएं एवं बधाइयां सबको।

जय जय श्री राधे कृष्णा कोटि-कोटि प्रणाम। भूल चूक माफ करो हे भगवान जी।

जय जय श्री हरि विष्णु जी।


- Anita Sinha

Read More

ऊं ऐं सरस्वत्यै नमः

               मां सरस्वती वंदना

     जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
     जय जय हे मां भगवती हे मां शारदे।
     जय जय हे मां भारती हे मां शारदे।
     कोटि-कोटि प्रणाम हे मां सरस्वती हे मां शारदे। जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।

        जय जय हे मां वाणी हे मां शारदे।
        वाणी का वरदान दो हे मां शारदे।
        वाणी का आधार तुम हो हे मां शारदे।
        वाणी का संसार तुम हो हे मां शारदे।
        वाणी को खास बना दो हे मां शारदे।
        वाणी को सरल सहज और सरस
        बना दो हे मां शारदे।
        वाणी पर नियंत्रण हो हे मां सरस्वती।
        वाणी में सुधा रस धार दो हे मां शारदे।
        वाणी का मधुर उद्गार दो हे मां शारदे।
        वाणी पर विराजती तुम हो
        हे मां वाणी हे मां शारदे।
        वाणी की अधिष्ठात्री देवी तुम हो
        हे मां शारदे।
        वाणी की अभिव्यक्ति दो हे मां शारदे।
       वाणी की देवी तुम हो हे मां शारदे।
       वाणी ऐसी दीजिए कि शत्रुओं का दिल
       भी जीत सकें हम हे मां शारदे।
       वाणी की कटुता को दूर करो हे मां शारदे। वाणी में शीतलता प्रदान करो
हे मां शारदे।
       वाणी में तेज हो हे मां शारदे।
       वाणी में ओज हो हे मां शारदे।
       वाणी में शौर्य हो हे मां शारदे।
       वाणी गीत लिखने का वरदान दो
       हे मां शारदे।
      वाणी गीत से तेरी पूजा करें हे मां शारदे। वाणी से निस्वार्थ सेवा करें हे मां शारदे। वाणी से जग त्रास मिटे हे मां शारदे।
वाणी से जग उपकार हो हे मां शारदे।
वाणी की स्वामिनी देवी तुम हो हे मां शारदे।

     तेरे चरणों में शीश नवाएं हे मां शारदे।
     तेरे चरणों में जयकारे लगाएं हे मां शारदे। तेरी स्तुति करें हे मां शारदे।
नवरात्रि पर्व पर तेरा जगराता मनाएं
नवराते में। तेरी भक्ति करें हे मां शारदे।
  तेरी आरती करें हे मां शारदे।
  फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं हे मां शारदे।
   धूप दीप और नैवेद्य अर्पित करें हे मां शारदे। भजन कीर्तन करते रहें हे मां शारदे।
तेरे चरणों में नित नित वंदन हे मां शारदे।
भूल चूक माफ करो हे मां शारदे।
  कोटि-कोटि प्रणाम करते हैं हे मां शारदे।
  जय हो जय हो जय हो हे मां सरस्वती
हे मां वाणी हे मां शारदे।

  नवरात्रि पर्व पर शुभकामनाएं एवं बधाइयां सबको। जय माता दी।


- Anita Sinha

Read More

मां सरस्वती वंदना

लिखने का वरदान दो हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
लिखने की कला सिखा दे हे मां शारदे।
लिखने को प्रेरित करें हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
लिखने में मुझे प्रवीण बना दे हे मां शारदे।
लिखते रहें तेरी वंदना हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
लिखने में त्रुटि नहीं हो ऐसा ही वरदान दो हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
लेखन कला को उत्कृष्ट बना दे हे मां सरस्वती हे मां शारदे। जय जय हे मां शारदे।
लेखन जगत में भ्रमर बन कर विचरण करने का वरदान दो हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
लेखन को अविरल धार दो हे मां सरस्वती हे मां शारदे। लेखन को आशीर्वाद दो हे मां सरस्वती हे मां शारदे। लेखन का संसार तुम हो हे मां शारदे।
लेखनी की अधिष्ठात्री देवी तुम हो हे मां शारदे।
लेखन जगत का आधार तुम हो हे मां सरस्वती हे मां शारदे। लेखनी मंगा दे हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
तेरे चरणों में शीश नवाएं हे मां सरस्वती हे
मतमां शारदे। मति मति मति दे हे मां शारदे।
कुमति निवार दो हे मां शारदे।
सद्बुद्धि दे हे मां शारदे।
बुद्धि को हाजिर जवाब बना दे हे मां शारदे।
बुद्धि को प्रखर बना दे हे मां शारदे।
बुद्धि समय पर काम करे हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
तेरी पूजा करें हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
तेरे चरणों में आरती करें हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं हे मां सरस्वती हे मां शारदे। धूप दीप और नैवेद्य अर्पित करें हे मां सरस्वती हे मां शारदे। भूल चूक माफ करो हे मां सरस्वती हे मां शारदे। कृपा करो हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
भूल चूक माफ करो हे मां शारदे।
कोटि कोटि प्रणाम करते हैं हे मां शारदे।
जय जय हे मां शारदे।



- Anita Sinha

Read More

मां सरस्वती वंदना

भावों की अधिष्ठात्री देवी तुम हो हे मां शारदे। कोटि कोटि प्रणाम करते हैं हे मां शारदे। जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
भावों का वरदान दो हे मां शारदे। भावों का वरदान देकर लेखन को अविरल धार दो
हे मां सरस्वती हे मां शारदे।

जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।

भावों का उद्गार दे हे मां शारदे।
भावों का सागर तुम हो हे मां शारदे।
भावों से लेखनी को भर दे हे मां शारदे।
भावों की जननी तुम हो हे मां शारदे।

जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।

भावों की गंगा बहा दे हे मां शारदे।
भावों की अभिव्यक्ति दे हे मां शारदे।
भावों से तेरी पूजा करें हे मां शारदे।
भावों के चंदन लगाएं तुम्हें हे मां शारदे।

जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।

भावों में बसो हे मां शारदे।
भावों के पुष्प हार पहनाएं तुम्हें हे मां शारदे। भावों के पुष्प अर्पित करें हे मां शारदे। भावों के पुष्प से तेरी वंदना करें हे मां शारदे।

जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।

तेरे चरणों में शीश नवाएं हे मां शारदे।
तेरे चरणों में जयकारे लगाएं हे मां शारदे।
तेरे चरणों की दासी बन जाएं हे मां शारदे।
तेरे चरणों की धूल जो मिल जाए तो जीवन धन्य हो जाए हे मां शारदे।
फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं हे मां शारदे।
‌धूप दीप और नैवेद्य अर्पित करें हे मां शारदे।
तेरी आरती करें हे मां शारदे।
भूल चूक माफ करो हे मां शारदे।
तेरे चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम हे मां शारदे।

अकिंचन दासी करे वंदन पूजन प्रेम सहित भाव भक्ति मन में लाय । अरदास दास की स्वीकार कर हे मां शारदे हाथ पकड़ कर दे लेख लिखाय। कि तुम बिन ना चले
लेखनी हे मां शारदे। दास पड़ा है तेरे चरणों में बरबस शीश नवाय। आस भरोसा तेरा
है तू ही लेखनी को आशीर्वाद देकर निर्झरणी दे बनाय। तुम बिन मेरा कहीं ठौर
नहीं हे मां शारदे। दे ठोस ठौर और ठिकाना
तेरे चरणों में कि बस पकडत लेखनी लेखन
की गति बाधित खत्म हो जाए। कर कृपा हे मातु शारदे लेखन में सक्रिय रहें तेरे चरणों में
रहे यही प्रार्थना है बारंबार। दास की अनुनय-विनय को हे मां शारदे कर स्वीकार।

दंडवत प्रणाम करते हैं हे मां शारदे।
जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।


- Anita Sinha

Read More

हिंदी दिवस

१४ सितंबर का दिन होता है अति खास
जी। जगाने आता है हर साल भारतवासी
के मन में हिंदी दिवस जीवन आस जी।
बड़ा पावन अति सुहावन मनभावन दिन
हिंदी दिवस का सुवास जी। हिंदी चमकती
भाल भारत देश के बनकर बिंदी। जब तक
सृष्टि है सदियों तक स्वर्णिम अक्षरों में लिखी
जाए हमारी-आपकी पहचान है हिंदी।
जन जनं मेल कराए संपर्क भाषा बन कर
विश्व तक जुड़ जाए यही है हमारी भाषा
हिंदी जी। मनाते हैं और मनाते रहेंगे जश्ने
दिवस हिंदी के हर साल जी। हर भारतवासी
बोले हमारी राजभाषा हिंदी बने राष्ट्र भाषा
जी। बहुमुखी बहुद्देशीय बहु जन हिताय सर्वजन सुखाय राज करे चहूं दिशि हिंदी जी। विभिन्न प्रकार के फूलों में हिंदी शोभे
जैसे लाल शाही गुलाब जी। ना बंधी रहे
हिंदी फाईलों में कागजी कार्यवाही में जी।
नित नित सर्वत्र हो रहा है प्रयोग हिंदी जी।
विविधताओं से परे है हमारी हिंदी जी
अनुवाद भाषा बन कर मान सम्मान पाती
है हिंदी जी। श्रवण कर हिंदी भाषा जब
हम भारतवासियों के मन में प्रेम प्रसून
खिलातीं है। तब तब हिंदी हमें हिंदी दिवस
की याद जगाने आती है। सच पूछिए तो
आती है हिंदी हमें बेसुधी की नींद जगाने को। अन्य आकर्षणों के चकाचौंध में कहीं
खो नहीं जाएं हम कराती याद हमें देश के
श्रृंगार बिंदी की रक्षा करने को। परम्पराओं को निभाती बहु-भाषी से मधुर संबंध बनाती
हिलोरें लेती हदय सागर में। कहती हिन्दी
हिंदी दिवस पर हिंदी का साम्राज्य स्थापित
सर्वत्र करो भरो हिंदी सागर तुम गागर में।

जय हिंदी राजभाषा हिंदी नमन बारंबार।

जय जय हे मां भारती हे मां शारदे।
कोटि-कोटि प्रणाम।

* आओ सब मिलकर हिंदी दिवस पर जश्ने त्यौहार मनाएं। मातृभारती प्लेटफार्म पर
परिवार संग दस साल का संग अंग संग लगाएं हिल मिल जाएं। आओ आज त्यौहार
हिंदी दिवस पर मनाएं शुभकामना संदेश
जन जन तक पहुंचाएं। सब कुछ भूल जाएं
पर हिंदी का मान सम्मान हमारी पहचान
न भूलें कभी। जब याद आए हिंदी तो रोज
हिंदी की कार्यशाला आयोजित करें अब और अभी।*


- Anita Sinha

Read More

मां सरस्वती वंदना

जय जय मां सरस्वती जय मां शारदे।

विद्या की अधिष्ठात्री देवी तुम ही हो हे मां शारदे ।

विद्या धन का उपहार देकर हमें विद्वान बना दे
हे मां शारदे ।
विद्या तेरा अनमोल उपहार है हे मां शारदे।
तेरे चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम करते हैं
हे मां मां शारदे ।
जय जय मां शारदे ।
बल बुद्धि और विवेक हमें दे हे मां शारदे ।
विवेकवान विचारवान हमें बना दे हे मां शारदे।
सत्कर्मों में लगा दे हमें हे मां शारदे ।
जय जय हे हंस वाहिनी हे मां शारदे ।
हंस पर सवार होकर आओ हे मां शारदे ।
हंस से नीर क्षीर अलग करने वाले युक्ति बता दे हमें
हे मां शारदे।
हंस तेरा वाहन है हे मां शारदे।
हंस वाहिनी कहलाती तुम हो हे मां शारदे ।
जग मंगल करो हे मां शारदे ।
जय जय मां शारदे ।
हे वर दायिनी विमल मति दायिनी
मति दे मति दे मति दे हे मां शारदे ।
कुमति दूर करो हे मां शारदे।
कुबुद्धि का नाश हो हे मां शारदे ।
जय जय मां शारदे ।
विद्या धन रत्नों की खान तुम हो हे मां शारदे ।
जो भी आए तेरे चरणों में बन जाए विद्या का वरदान पाकर ख्यातिवान हे मां शारदे ।
काली दास तुलसीदास और कबीर दास को बनाया अपने महान हे मां शारदे।
जय जय मां सरस्वती जय मां शारदे।
तेरी पूजा करें हे मां शारदे ।
तेरे चरणों में कोटि-कोटि बार ।प्रार्थना करें
हे मां शारदे ।
फल फूल प्रसाद और नैवेद्य चढ़ाएं हे मां शारदे ।धूप दीप और आरती करें हे मां शारदे। तेरे चरणों में
जयकारे लगाए हे मां शारदे ।
जय जय मां शारदे ।
हे मां सरस्वती हे मां शारदे ।
जग कल्याण करो हे मां शारदे।
शत्रु बुद्धि विनाश करो है मां शारदे ।
संकट और विपदा दूर करो हे मां शारदे।
दिनचर्या सही बना दे हे मां शारदे ।
जीवन आधार तुम हो हे मां शारदे।
जीवन रक्षक तुम हो हे मां शारदे।
करो पाप का भक्षण हे मां शारदे।
हे मां शारदे दंडवत प्रणाम स्वीकार करो ।
हे मां शारदे दासी का तेरे चरणों में
नमन बारंबार समर्पित हो।
जय जय मां शारदे ।
दासी कहे अब लेखनी को तलवार बना दे हे ।मां शारदे।
लेखनी पर विराजो हे मां शारदे।
बेमिसाल रचना लिखा दे हे मां शारदे।
तेरी सदा ही जय जय कार हो हे मां शारदे।
जय जय हे मां सरस्वती हे मां भारती हे मां भगवती
हे मां शारदे ।

- Anita Sinha

Read More

विद्या दायिनी नमो नमः।

विद्यारंभ करिष्यामि सिद्धि भवतु मे सदा वरद मुद्रा ज्ञान मुद्रा विद्या दानं
करोतु मे।

विद्या दायिनी वेदों की स्वामिनी
वेदों की ज्योति जला देना।
वेद वेदांग शोभे तेरे हस्त मां घर घर में
वेदों को पढ़ने का ज्ञान करा देना।
जय जय हे मां विद्या रुपिणी विद्या के
भंडार उपहार हमें देना।
तेरे बिना नहीं मिले विद्या का ज्ञान मां
विद्या जगत में ख्याति प्राप्त करा देना।
तुम ही हो विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां
विद्या जगत में भ्रमर बन कर विचरण
करने का अवसर दे देना।
विद्या धन अनमोल उपहार का ज्ञान जरा
हमें विस्तृत करा देना।
हे मैहर वाली मां शारदे विद्या सर्व सुलभ
करा देना।
विद्या का आधार तुम से ही है हे मां शारदे। विद्या पर अधिकार रहे यही वरदान
दे देना।

हे विद्या दायिनी विश्वेश्वरी वागीश्वरी
हे मां सरस्वती हे मां शारदे हमें सद्बुद्धि
देकर सतपंथ पर चलने को
प्रेरित करना।
विमल मति विमल विचार और विवेक
से हमें मां शारदे विभूषित कर देना।
जड़ मति कुबुद्धि मिथ्या प्रपंचों से हमें
उबार लेना।
सत्कर्म बने जीवन आधार हे मां शारदे
अब सुकर्म धर्म सविता सम तेजोमय
ज्योति पुंज से प्रकाशित जीवन
कर देना। तेरी पूजा अर्चना वंदना करने
में बीते जीवन मेरा यही भावना
जगा देना।

* यदक्षरं पदभ्रष्टं मात्रा हीनं च यद् भवेत्। तत्सर्वं क्षम्यतां देवी सरस्वती प्रसीद कुशलं मंगलं करोतु मे*।

- Anita Sinha

Read More

मां सरस्वती वंदना

    हे सरस्वती वर दे हे विद्या रुपिणी।
    विद्यारंभे तव चरणे कोटि-कोटि नमनम्
    हे देवि सरस्वत्यै सिद्धि दायिनी।
    प्रसीद हे माते सुप्रसन्न भवतु सर्व सिद्धि ददातु मे।
    त्वं हि मात त्वं हि पिता त्वं हि बंधु सखाश्च।
    हे देवि सरस्वती भक्त: तव प्रसादेन काव्यं
    कुर्वन्ति। जय जय हे मां ज्ञान चक्षु दायिनी
    अज्ञान तिमिर हरणी विमल मति बल दायिनी नमः।
   हे कश्मीर वासिनि त्वमेव बहुभाषिणी
    अधिकारिणीम् अस्तु।
    विद्या बहुर्मुखी विकासिनी त्वमेव हे मातु शारदे।
    जय जय हे मां सरस्वती ब्रह्मलोक वासिनि
    नमो नमः।
    हे मां सरस्वती दिव्य स्वरूपिणी कमल लोचनी।
   स्फटिक मालिनी वीणा पुस्तक धारिणी हंसगामिनी।
   वागीश्वरी सुमधुर भाषिणी सर्वेश्वरी सिद्धेश्वरी
   जग वंदनी जग कल्याणी जगदंबिके

    नमस्ते हे देवि मां सरस्वती शारदेन्दु पूर्णेन्दु
    कला निधि नाथे। संसार सारे हे मां विद्या सागरे
    तव समाहिता संस्थिता जिह्वायां अग्र भागे
    विराजमान भवतु सदा समया विधे।

    यदक्षरं पदभ्रष्टं मात्रा हीनं च यद् भवेत्।
    तत्सर्वं क्षम्यतां देवी प्रसीद कुशलं मंगलं करोतु मे।

     कोटि-कोटि नमस्कारान् समर्पयामि त्वं चरणे
      हे सरस्वती मातरम्।

     

   
    


- Anita Sinha

Read More

वाणी वंदना

वाणी की अधिष्ठात्री देवी तुम हो हे मां शारदे।
वाणी की देवी तुम हो हे मां शारदे।
वाणी की अभिव्यक्ति दे हे मां शारदे।
वाणी में शक्ति दे हे मां शारदे।
वाणी पर विराजती तुम हो हे मां शारदे।
वाणी वंदना लिखने का वरदान दो हे मां शारदे।
वाणी की देवी तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम हे।
जय जय हे मां शारदे।
- Anita Sinha

Read More

जय मां शारदे

जय हो जय हो जय हो हे मां शारदे।
विद्या का वरदान दो हे मां शारदे।
विद्या की अधिष्ठात्री देवी तुम हो हे मां शारदे। विद्या धन रत्नों की खान कहलाती तुम हो हे मां शारदे।
विश्व संचालिनी विश्व की देवी
कहलाती तुम हो हे मां शारदे।
जय जय हे मां विश्वेश्वरी वागीश्वरी हे मां शारदे।
कोटि-कोटि प्रणाम हे मां शारदे।
जय जय हे मां शारदे।
- Anita Sinha

Read More