Nepolian Bonapart - 10 in Hindi Biography by Anarchy Short Story books and stories PDF | नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 10

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नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 10

लितिज़िआ की दो युवा पुत्रियों के सस्ता सामान खरीदकर बाज़ार से लौटने पर उनके फटे-पुराने पहनावे को देखकर बोनापार्ट बहुत दुखी होता है। वे शरणार्थी के रूप में मार्सिलीस में ज़ब्त किये गये एक घर के चौथे तल पर रह रहे हैं। मा की आयु चालीस-पैंतालीस वर्ष की है। उसके साथ रहने वाली तीनों सन्तानें मज़दूरी करके पेट भर रही हैं। सबसे छोटी दो सन्तानें अभी तक कार्सिका में उसके रिश्तेदारों के पास हैं। देशभक्त होने के कारण न्यायालय द्वारा दण्डित बोनापार्ट सेना के कमाण्डेण्ट से परिवार के लिए खाद्य-पदार्थ प्राप्त करता है। सदा से आत्मसम्मान को प्रमुखता देने वाली लितिज़िआ को इस पर भी कोई दुःख नहीं है। इस भटकाव के दौरान नेपोलियन को युद्ध सामग्री की आपूर्ति में अपने भाई की ओर से कुछ आर्थिक लाभके अवसर मिलते हैं। उसका मामा फ़ैश अपने पुराने धन्धे को छोड़कर रेशम का व्यापारी बन जाता है। बाह्य फ़ैशन का शौकीन जोसेफ़ अपने पिता पर गया है तथा ज्येष्ठ पुत्र होने के कारण अपने पिता काउण्ट बोनापार्ट के चरणचिह्नों पर चलकर मार्सिलीस के एक रेशम के व्यापारी की दो बालिग पुत्रियों में से एक का हृदय जीत लेता है। इधर नेपोलियन भी रेशम के इस व्यापारी की दूसरी पुत्री देसिरी के साथ विवाह करने का निश्चय कर लेता है।

        गरमी के इस मौसम में वह नाइस, रोम व टाउलन का भ्रमण करता रहता है। पूरे समय उसकी आंखें व मस्तिष्क इस प्रायद्वीप की क़िलेबन्दी पर लगी रहती हैं। उसे विश्वास होने लगता है कि जल्दी ही वह प्राप्त ज्ञान का अच्छा उपयोग करेगा। इसी बीच वह एक राजनीतिक लेख लिखता है। जनता से चन्दा इकट्ठा करके वह लेख छापा जाता है। उसका स्वरूप किसी विज्ञापन के समान है।

         वार्तालाप करते समय वह ठीक जाना-पहचाना लगता है। अपने वंशजों की तरह टाउलन का यह सम्पन्न ग्रामीण वस्तुतः मार्सिलीस में रोबेस्पीरी के शासनाधीन है। उसे अपनी सम्पत्ति के तथा अपने प्राणों के जाने का खतरा है। अपने धन के प्रति चिन्तित ऐसे ग्रामीण के निर्वासित होने पर शाही परिवार के लोग उसके कल्याण के लिए अधिक कार्यशील हो जाते हैं। अपनी पूजी को बचाने की आशा में वे फ्रास के शत्रुओं को अपनी मदद के लिए बुलाते हैं तथा अपने पास बची हुई समुद्री शक्ति अंगरेजों को सौंप देते हैं, तो अगरेज उन्हें उसके बदले में सुरक्षा का वचन देते हैं।

       नये गणतन्त्र के लिए यह एक भयानक आघात है। फ्रास सभी सीमाओं पर विरोधी सेनाओं से घिरा हुआ है। बेल्जियम उसके हाथ से छिन गया है। स्पेन के सैनिक पहाड़ों की ओर बढ़ रहे हैं। वैण्डी में बोर्बोन का विद्रोह सिर उठा रहा है। इसके पश्चात् टाउलन में सत्ता के लिए सघर्ष होता है। रिपब्लिकन सेना अपने बचे-खुचे नागरिकों को सेवा के लिए पुकार रही है। महिलाओं को भी फ़ौज में भर्ती किया गया है तथा समूचे फ्रास को सशस्त्र सेना की छावनी में बदल दिया गया है। विशेषज्ञों का उत्साहपूर्वक विशेष स्वागत किया जाता है।

          टाउलन में भी अगरेजों को भगाने की तैयारिया की जा रही हैं। सफल तैयारी करने के लिए अयोजित किये गये एक सम्मेलन में युद्ध की तकनीकी जानकारी न रखने पर भी क्रान्तिकारी भावनाओं से ओत-प्रोत एक चित्रकार को सेनानायक बनाये जाने का निर्णय लिया जाता है।

          इसके पश्चात् एविगोन से लौटने वाले युवा कप्तान बोनापार्ट को बारूद का सामान देकर भेजने का उसे निर्देश दिया जाता है कि वह सालिसेटी में जाकर अपने देशवासियों से मिले और युवा सेनानायक का चित्रकार सेनानायक से परिचय कराये। रात्रिभोज के पश्चात् सैन्य अधिकारी घूमने निकले व समुद्र से कई मील दूर चले गये। उन्होंने बन्दूक के उपयोग पर शेखी बघारनी शुरू की, तो विशेषज्ञों ने उन्हें समझाया कि वर्तमान स्थिति में ऐसी शेखी मारना उचित नहीं है। उसने समुद्र की पहुंच से दूर होने के प्रमाणस्वरूप चार गोलियां चलाकर दिखायीं। उन्होंने आश्चर्यचकित होकर बोनापार्ट को टाउलन में रखा व उसे रणनीति बनाने की अनुमति दी।

        दृढ़ इच्छाशक्ति वाला यह अकेला व्यक्ति धारणा बनाता है कि "अन्ततः रस्सी का एक सिरा मेरे हाथ में है, जिसे मैंने अपने हाथ में लपेट रखा है तथा मज़बूती से पकड़ रखा है।" आश्चर्यजनक ढंग से कार्य करने वाला यह कप्तान समुद्रतट के समीपवर्ती सभी स्थानों से तोपें ले आया है। छह सप्ताह में उसके पास सौ से अधिक तोपें एकत्रित हो गयी हैं।

        अब वह अपने निपुण सेनानायक होने का परिचय देगा। उसकी योजना है कि वह दो बन्दरगाहों में खाड़ी के किनारों पर तोपें लगायेगा तथा इस प्रकार समुद्र तक पहुंचने की सम्भावना को समाप्त करेगा। गोलाबारी होने पर अंगरेज सेनानायक अपने बचने का कोई स्थान नहीं ढूंढ़ सकेगा। वह बारूद को दियासलाई दिखायेगा तथा उसकी सेनाओं का काम तमाम कर देगा।

        अमीर लोग व्यंग्यपूर्ण मुसकराहट से इसे मात्र दिमाग़ी सनक कहते हैं, परन्तु वह सम्मेलन में उपस्थित अपने दोस्तों से सम्मेलन के मुखिया के विरुद्ध शिकायत करता है। वह टाउलन की गोलाबारी से सम्बन्धित अपनी योजना पेरिस को भेजता है, जिसमें कहा गया है कि हमारे विद्रोह का केन्द्रित होना आवश्यक है। दीवार को तोड़ देने पर शेष सेना का टिकना कठिन हो जायेगा तथा हमारी जीत सुनिश्चित हो जायेगी। जीवित रहने के लिए हमारा विभाजित होना तथा सघर्ष करने के लिए हमारा एक होना ज़रूरी है। एकजुट न रहने पर विजय सम्भव नहीं है। समय ही सब कुछ है। इस प्रकार यह चौबीस वर्षीय कप्तान केन्द्रीय प्राधिकारियों को विद्रोह के लिए प्रेरित करता है।

        पेरिस में युवा रोबेस्पीरी उसका शक्तिशाली मित्र है। उसकी प्रसिद्धि बुद्धिमान् व्यक्ति के रूप में है। अपने शक्तिशाली भाई की प्रतिभा से भी उसकी प्रतिष्ठा में कोई कमी नहीं आयी है। जोसेफ़ रोवेस्पीरी मैक्समिलन से कहता है "जब तुम्हें युद्ध के मैदान में विशेष निपुणता से लड़ने वाले युवा की ज़रूरत पड़े, तो बोनापार्ट को स्मरण करना। वह सचमुच ही अनोखा साहसी वीर है।" वस्तुतः कार्सिका के इस साहसी युवा से जब यह पूछा गया कि क्या वह आतकवादियों का सेनानायक बनेगा, तो विशेष सावधानी बरतने की दृष्टि से उसने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। अब यह योजना स्वीकार कर ली गयी और चित्रकार सेनानायक को वापस बुला लिया गया है। देखना यह है कि उसका स्थान अब कौन लेगा?

           बोनापार्ट अपने दांत निपोरता है। नया सेनापति एक नौसिखिया डॉक्टर है। वह अपना समय अमीरों द्वारा रची गयी साजिश का पर्दाफाश करने में बिताता है, जबकि शत्रु इसी बीच राज्य के महत्त्वपूर्ण हिस्से पर अधिकार कर लेता है। पेरिस से राज्य की बसों में चमकीली वेशभूषा में विद्वानों व अधिकारियों की टोली आती है और सभी अधिकारी टाउलन को शत्रु के क़ब्ज़े से आज़ाद कराने के लिए विचार-विमर्श करते हैं। बोनापार्ट ने उनका ध्यान असुरक्षित तोपखाने की ओर आकर्षित किया। शत्रु द्वारा तोप चलाये जाने पर सुरक्षा के असफल प्रयत्न करने के सम्बन्ध में उनके मार्गदर्शक ने गम्भीरतापूर्वक कहा- "यदि हममें देशभक्ति का भाव है, तो हम आजकल बिना बचाव के भी कार्य कर सकते हैं।" नीली-सलेटी आखों वाले इस नवयुवक की रुचि, योजना बनाने की अपेक्षा उसे कार्यरूप देने में अधिक है। वह सैन्य-सञ्चालन में परिवर्तन करने की शिकायत करता है। इस समय सेना का मुख्य अधिकारी एक अद्वितीय योद्धा है, जो नेपोलियन को बटालियन कमाण्डर नियुक्त कर देता है तथा शत्रु को राज्य से खदेड़ने के सम्बन्ध में उसकी योजना को तुरन्त मान लेता है।

        अन्त में जब बोनापार्ट की योजना के अनुसार टाउलन पर आक्रमण किया जाता है, तो युद्ध में उसके घोड़े को गोली लग जाती है तथा एक अगरेज के भाले से उसकी जाघ घायल हो जाती है। यह उसका पहला व आखिरी घाव है। यद्यपि वह सरकारी कमाण्डर नहीं है और न ही यह इग्लैण्ड पर मिली विजय है, तथापि यह उसकी पहली विजय है। जैसी कि नेपोलियन ने पूर्वघोषणा की थी, शत्रु का समुद्री बेड़ा व तोपखाना आदि बेकार हो जाता है तथा वह रातोंरात आत्मसमर्पण कर देता है।

           भयकर अग्निकाण्ड, मृत्यु, समुद्री बेड़े में छिडे युद्ध व आतक के कारण हज़ारों राजद्रोही नगरप्रतिनिधियों द्वारा बचाव की चेष्टा तथा दिसम्बर की इस रात में सभी खतरनाक इरादों के बीच कराह व चीख-पुकार, लाशों के ढेर तथा समुद्र में डूबने वाले सैनिकों की आकाशभेदी चीखें एव लूट मचाने वाले सैनिकों के कर्णभेदी क़हक़हों के बीच नेपोलियन की प्रसिद्धि का नक्षत्र उदय हो गया।