पेरिस में टाउलन की स्वतन्त्रता का समारोह मनाने के लिए एक विशेष आयोजन किया गया, जिससे नेपोलियन के नाम को जन-जन के मन में स्थान मिल गया। उत्तरी व पूर्वी सीमाओं पर प्राप्त सफलताओं के कारण नेपोलियन को ब्रिगेडियर से भी ऊपर, जनरल का पद दिया गया तथा उसके मुखिया ने उसे रणनीति के निर्माता के रूप में सम्मानित करते हुए उसकी बहुत सराहना की। उसने आश्चर्यजनक टिप्पणी करते हुए कहा : "यद्यपि सम्मेलन में उसे मामूली सम्मान दिया गया है, फिर भी वह सीमा पर सफल व्यूह-रचना कर लेता है।" इसी प्रकार प्रशस्तिपत्र में पांच अन्य युवा अधिकारी भी उल्लिखित थे। जब नेपोलियन ने अपना नाम इस रिपोर्ट में पहली बार देखा, तो अपने को इन अधिकारियों के बीच पाकर उसे अत्यन्त खीझ हुई। उसने सोचा कि शिखर पर पहुंचना कितना दुष्कर कार्य है।
कुछ नवयुवक पहले से ही नये नक्षत्र के उदय होने की सम्भावना देख रहे थे। अपरिचित अधिकारी मार्मेण्ट व जुनोट अपने भाग्य को उसके साथ जोड़कर उज्ज्वल बनाना चाहते थे। अतः वह उन नवयुवकों की नियुक्ति सैन्य-न्यायाधीश के रूप में करता है। उसका भाई लुई भी अब सोलह वर्ष का हो गया है तथा वह भी एक दल का मुखिया है।
सम्मेलन के उच्चाधिकारी उसे टाउलन से नाइस तक सम्पूर्ण समुद्रतट के विस्तार की क़िलेबन्दी करने का कार्य सौंपते हैं। क्या कार्सिका का पुराना शत्रु जिनोवा समुद्रतट से दूर नहीं है? जिनोवा पर क़ब्ज़ा करने वाला कार्सिका को भी अपने अधिकार में ले लेगा। क्या जिनोवा में कूटनीतिज्ञों व दलालों की कमी है? यही वह स्थान है, जहां उदासीन व्यक्तियों में भी नयी चेतना जगायी जा सकती है। यहां तीक्ष्ण दृष्टि व सतर्क व्यक्ति बहुत कुछ सीख सकता है तथा प्राप्त जानकारी का उपयोग भी कर सकता है। वह अपनी नियुक्ति जन-प्रतिनिधि के रूप में करा लेता है। इससे उसे जिनोवा के मुख्य अधिकारियों के साथ सम्पर्क स्थापित करने का अवसर मिलता है। ऐसी नियुक्ति होने पर निश्चित रूप से वह सीमावर्ती विवाद को सुलझा सकता है।
वास्तव में कूटनीतिज्ञ के रूप में बोनापार्ट का यह पहला क़दम है। क्या फ्रांस के प्रतिनिधि वास्तव में इस क्रान्ति के पक्ष में हैं या केवल क्रान्तिकारी विचारों के पक्षधर होने का ढोंग करते हैं? विभिन्न क्षेत्र के एजेण्टों के साथ विचार-विमर्श करके वह इस तथ्य को जानना चाहता है। इसके साथ ही वह फ्रांस में तोपखानों की स्थिति व उनके स्थानों पर भी नज़र रखता है। अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए वह नाइस लौटता है तथा बिना किसी पूर्वसूचना के गिरफ़्तार कर लिया जाता है।
इसी बीच रोबेस्पीरी की हत्या कर दी जाती है। विशृंखलन के लिए एक सामान्य आन्दोलन उमड़ पड़ता है। कोई भी व्यक्ति तानाशाह से किसी प्रकार की बात करने को तैयार नहीं। सभी लोग अपने को निर्दोष साबित करने और दूसरों पर आरोप मढ़ने में लगे हैं। स्पष्ट है कि इसके शिकार वे लोग बनेंगे, जो पेरिस में युद्ध के समय मौजूद ही नहीं थे; कुछ लोगों का सोचना था कि रोबेस्पीरी के विद्रोह में उन्हें शामिल न माना जा सके, इसलिए वे शीघ्रता से पेरिस जाना चाहते हैं। इधर बोनापार्ट जिनोवा की शत्रुता को समाप्त करने के लिए गुप्त अभियान पर गया हुआ था। उसे हमारी दक्षिणी सेना को समाप्त करने की योजना बनाकर रोबेस्पीरी को विश्वास दिलाना था। इसी अभियोग में उसे तुरन्त गिरफ़्तार करने तथा उस पर मुक़दमा चलाने के लिए उसे पेरिस ले चलने का आदेश जारी किया जाता है।
नेपोलियन को नाइस के पास फ़ोर्ट कैरी में रखा जाता है। उसके सारे काग़ज़ात ज़ब्त कर लिये जाते हैं। आज उसका जन्मदिन है। लोहे की सलाखों के बीच से समुद्र की ओर निहारते हुए वह सोचता है- "आज मैं पच्चीस वर्ष का हो गया हूं।" खिड़की से बाहर झांक सकता, तो मुझे कार्सिका की भी एक झलक दिखाई दे जाती। कार्सिका की एक झलक पाने के लिए उसने कितने प्रयास किये, लेकिन सब बेकार सिद्ध हुए। क्या एक युवा के मन में उमड़ते देशप्रेम की इस स्थिति को उचित ठहराया जा सकता है? प्लूतार्क ने इस विषय में क्या कहा है? कार्सिका के सम्बन्ध में उसे पद से निष्कासित, निर्वासित तथा विद्रोही घोषित कर दिया गया है। समस्त योजनाओं के पश्चात् वह फ्रांस का क़ैदी बन चुका है। सम्भव है कि अगले सप्ताह उसे दीवार पर खड़ा कर दिया जायेगा तथा वह अपने ऊपर गोलियां चलाये जाने के आदेश की प्रतीक्षा कर रहा होगा। इसके अतिरिक्त और क्या होगा?
नेपोलियन के वफ़ादार अनुयायी उसे भाग जाने की सलाह देते हैं, परन्तु वह उदासीन स्वर में उन्हें उचित सलाह के लिए धन्यवाद देता है और कहता है : "यदि मैं निर्दोष हूं, तो लोगों द्वारा मेरे प्रति किये जा रहे अन्यायपूर्ण व्यवहार से मुझे कोई अन्तर नहीं पड़ता। मेरी आत्मा न्यायाधिकरण है, जिससे मैं अपने आचरण का फैसला लेता हूं। मेरी भावना को कोई ठेस नहीं लगती। कुछ करने के स्थान पर तुम केवल समझौता करो।" इस पत्र में लिखे गये एक वाक्य से वह स्वयं को एक शहीद के रूप में व्यक्त करता है। अपने साहसी प्रशंसक जुनोट को वह उद्देश्य के सम्बन्ध में कहता है, जिसे वह समझ जाता है। वस्तुतः रोबेस्पीरी के साथ षड्यन्त्र का कोई प्रमाण नहीं है, इस बात को वह जानता है, इसीलिए वह कोई समझौता करना नहीं चाहता। वह जानता है कि उसके भागने को, उसके द्वारा अपराध को स्वीकार करना मान लिया जायेगा।
नेपोलियन जेल से एक प्रभावशाली कूटनीतिज्ञ को लिखता है : "रोबेस्पीरीं की हृदयविदारक मृत्यु से मुझे आघात लगा है; क्योंकि मैं मानवता का प्रेमी हूं तथा मुझे उसके एक सही मानव होने का विश्वास है। यदि में तानाशाह होता, तो वह मेरा पिता ही क्यों न होता, मैंने छुरा घोंपकर उसकी हत्या कर दी होती।" क्या यह एक आदर्श नागरिक का लक्षण नहीं है? इससे भी अधिक स्पष्टता से वह सम्मेलन को लिखता है : "निर्दोष होने पर भी मैं कमेटी के निर्णय के विरुद्ध कोई शिकायत नहीं करूंगा। मेरी सुनवाई की जाये, मेरी बेड़ियों को खोला जाये तथा मेरे देशभक्त होने का सम्मान मुझे लौटाया जाये। यदि एक घण्टे बाद मुझे फांसी पर भी चढ़ा दिया जाता है, तो मैं इसके लिए तैयार रहूंगा। मैंने अपने जीवन को कई बार जोखिम में डाला है, अतः मैं इसकी बहुत कम परवाह करता हूं। जिस विचार से मैं अपने देश की सेवा कर सकता हूं, वह मुझे प्रसन्नता से अपने दायित्व को निभाने की सामर्थ्य प्रदान करता है।"
एक सप्ताह बाद उसे स्वतन्त्र कर दिया जाता है। सम्मेलन में उसका साथी सालिसेटी उसका सहायक बना था। जब कार्सिका के प्रतिनिधि ने अपने ऊपर मंडराते हुए खतरे से अपने को मुक्त व सुरक्षित अनुभव किया, तो उसने घोषित किया : "बोनापार्ट निर्दोष है।" इतना ही नहीं, वह अपने वक्तव्य को समाप्त करने से पूर्व इस युवा व साहसी सैन्याधिकारी से कहता है: "वस्तुतः हमें इस युवक की सेना में आवश्यकता है।"