41
राठी
वह शख़्स हँस-हॅंसकर राठी से बात करता रहा और वह फिर कुछ देर राठी के पास आकर बैठ गया। तभी राठी के आदमी ने यश को माइक्रोफोन के जरिए बताया कि वह राठी का कोई जानने वाला है तो वे तीनों फिर सामान्य हो गए पर उनकी नज़र राठी पर ही लगी हुई है। अश्विन ने अनुज के करीब आकर कहा,
“यह राठी भी सकपकाता नजर आ रहा है, लगता है, इसको सम्राट नज़र आ गया है।“
“हम्म !! पर मुझे लग रहा है कि सम्राट किसी सही मौके का इंतज़ार कर रहा है।“ अनुज की बात से अश्विन भी सहमत है। लड़कियाँ अब भी पोल डांस कर रही है और तभी एक लड़की फ्लोर से उतरी और धा जाकर राठी की गोद में आकर बैठ गई और प्यार से उसके चेहरे और बाकी बदन को सहलाने लगी और गाने के बोल के अनुसार उसके चेहरे पर वैसे ही हावभाव उभरने लगें,
“बच के तू रहना रे, बच के तू रहना
नहीं दूजा मौका मिलेगा संभलना
बच के तू रहना रे, बच के तू रहना
नहीं दूजा मौका मिलेगा संभलना
कहीं भी छुपा हो, तुझे ढूंढ लेगा
ये है इश्क़ समझा, तुझे कर ही देगा
खल्लास, हे खल्लास”
अब राठी के चेहरे पर हल्का -हल्का पसीना उभरने लगा तो उस लड़की ने उसे प्यार से साफ़ किया और वह वापिस फ्लोर की तरफ चली गई। अब गाना तेज़ हो गया और सारी लड़कियाँ स्टेज से उतरकर आसपास नाचने लगी जैसे मानो वहाँ के लोगों को घेरने की कोशिश कर रही हो।
“जीना है तेरा मुश्किल, तू मर गया समझ ले
मरना भी तेरा मुश्किल, तू वो कर गया समझ ले
जहां में तेरा, बस यही है ठिकाना
अरे बच के तू रहना रे, बच के तू रहना
ये वो रास्ता है, जहाँ मुड़ना मुश्किल
ये वो दास्ताँ है, शुरू हो गई तो
खल्लास...
हाँ हाँ.... खल्लास...”
अब अश्विन ने देखा कि एक लम्बा चौड़ा आदमी अपनी सीट से उठा और फिर राठी की तरफ जाने लगा, राठी भी उसे हैरानी से देखने लगा, अब वह राठी के पास पहुँचकर उसे कुछ देने का ईशारा करने लगा और राठी का हाथ अपनी जेब पर गया और तभी वे तीनों अपनी-अपनी हरकत में आ गए और फिर अश्विन ने जल्दी से पिस्तौल उसकी कनपटी पर लगा दी, उसके ऐसा करते ही चारों तरफ हंगामा मच गया, सभी लोग और डांसर क्लब से निकलने लगें । यश ने सभी को आराम से बाहर निकालकर क्लब खाली करवा दिया और क्लब में लगी सभी लाइटे जला दी । जिसकी कनपटी पर अश्विन की बंदूक थी, उसके चेहरे के भी होश उड़े हुए हैं। अब अश्विन ने ज़ोर से दहाड़ते हुए कहा, “सम्राट तेरा खेल खत्म !!!!” यह कहते हुए उसने उस आदमी को ज़ोर से लात मार दी तो वह लुढ़कता हुआ ज़मीन पर जा गिरा। अब उस आदमी ने कहा, “तुम मुझे गलत समझ रहें हो।“ “बकवास बंद कर, क्यों राठी यही है ना सम्राट?” राठी तो पहले ही घबराया हुआ है, उसने हकलाते हुए कहा, “पता नहीं, पर तुम लोग कौन हो?” अब तीनों ने अपनी-अपनी दाढ़ी उतारी और फिर पुलिस को अपने सामने देखकर उसके चेहरे पर हवाइयाँ उड़ गई।
“तुम लोग यहाँ क्या कर रहे हो?” अश्विन ने राठी के सवाल का जवाब देने की बजाय जमीन पर गिरे सम्राट को कॉलर से उठाया, “कमीने आज अपनी बंदूक की सभी गोलियाँ तेरे सीने में उतारूँगा,” उसके यह कहते ही वह आदमी कातर आवाज में बोला, “मैं सम्राट नहीं हूँ, मैं तो राठी से अपने हीरे मांगने आया था।“ उसने सफाई दी। “बकवास कर रहा है, “ यह कहते ही अश्विन ने उसे ज़ोर-ज़ोर से मारना शरू कर दिया तो राठी ने कहा, “यह सही कह रहा है, यह अब्दुल रहमान है, यह मुझसे हीरे लेने आया था।“ “तो फिर तू डरा क्यों हुआ था, कुत्ते!!!” उसने अब राठी को भी एक लात मार दी। “क्योंकि मैंने हीरे देने से मना कर दिया था।“ उसने अपने आपको सम्भलाते हुए अश्विन को जवाब दिया । अब अश्विन इससे पहले एक लात और राठी को मारता, अनुज ने उसे रोकते हुए कहा, “इन्हें पुलिस स्टेशन लेकर चलते हैं।“ “नहीं, अनुज मैं इस सम्राट को यही खत्म करूँगा, “ उसने फिर गोली का निशाना उस आदमी की तरफ कर दिया। “अश्विन सुन, अगर यह सम्राट नहीं हुआ तो बहुत मुश्किल हो जाएगी, एक बार कन्फर्म हो जाये कि यही सम्राट है, फिर तेरा जो मन कहें वही कर लियो।“ अब अश्विन थोड़ा पीछे हटा और फिर यश, करण और विवेक के साथ राठी और उस अब्दुल को पुलिस जीप में बिठाने लगा।
पुलिस स्टेशन के इंटेरोगेशन रूम में बड़ी गरमागर्मी चल रही है। सबसे पहले अब्दुल नाम का वो शख्स अश्विन के सामने अपनी सफाई पेश कर रहा है। “मैं आपको बता रहा हूँ कि मैं सम्राट नहीं हूँ, राठी पहले तो हमें हीरे देने के लिए मान गया, उसके बाद फिर मना कर दिया, जिसकी वजह से हमारे बीच तनातनी बहुत दिनों से चल रह थी, आज भी मैं अपने बॉस फिरोज जाफरी के कहने पर यहाँ आया था, जिनका डायमंड का बिज़नेस है।“ उसने अब जाफरी का नंबर और अड्रेस उसे दिया तो वह गुस्से में उस कार्ड को देखने लगा और फिर उसने वो कार्ड करण के हवाले कर दिया ताकि वो सच्चाई का पता लगा सकें।
अब राठी को बुलाया गया, इस दफा अश्विन के साथ अनुज भी बैठा है। राठी ने भी अपनी सफाई दी, “हाँ मैंने यह हीरे पहले जाफरी को देने की बात कहीं थी मगर बाद में मुझे दुबई के एक शेख से अच्छा ऑफर मिला तो मैंने मना कर दिया पर जाफरी को यही हीरे लेने थें क्योंकि यह नायाब है तो वह मेरे पीछे पड़ा हुआ था।“
“और यह नायाब हीरे तूने कहाँ से खरीदे ?” अनुज ने सवाल किया।
“मैंने इन्हें गुजरात के सूरत के एक व्यापारी से लिया था और जिस व्यापरी से ये लिया थे, उसके पास इन हीरों की यह आखिरी नस्ल थी।“
“वो व्यापारी कहाँ है और कौन है? “ अब भी अनुज ने पूछा।
“उसे ब्रेन ट्यूमर था, उसकी कोई संतान नहीं थी तो मरने से पहले वह अपना कारोबार खत्म करना चाहता था।“ उसने भी अनुज को उस व्यापारी का नाम और उसका पता दिखाया।
“पर यह तो सच है कि तू आज सम्राट से मिलने वाला था?” अब अश्विन ने सवाल किया। अब उसके इस सवाल पर राठी ने कुछ नहीं कहा तो वह बोला, “अगर तूने मेरे सवालों के सही जवाब नहीं दिए तो तेरे मुँह के अंदर गोली मार दूंगा, “ यह कहते ही उसने पिस्तौल उसके मुँह की तरफ कर दी और अनुज भी अश्विन का ऐसा गुस्सैल रूप देखकर हैरान हो गया और राठी को समझ नहीं आया कि क्या जवाब दें क्योंकि सम्राट के खिलाफ जाना उसे बहुत भारी पड़ सकता है।