Ek Musafir Ek Hasina - 37 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 37

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 37

37

25 दिसंबर

 

 

अश्विन  तेज़ी से पुलिस स्टेशन से बाहर  निकला और फिर अपनी  गाड़ी  लेकर  वह  सेंट्रल  दिल्ली में बने  एक ऑफिस  में  पहुँच  गयाI जहाँ  पर इंस्पेक्टर करण  और विवेक  उसका बेसब्री से  इंतज़ार  कर रहें  हैंl वह  उनके केबिन  में  दाखिल  हुआ तो करण  ने उसे वो पकड़ाया  जिसकी  उसको  तलाश  थी  यानी  सम्राट  तक पहुँचने  का जरिया  और वो थी वो चिठ्ठी  जो राठी  की गाड़ी  से गायब हुई  थी l उसने वह खत  हाथ  में  लिया और करण  और विवेक  दोनों  को ‘गुडवर्क’ कहा l अब उसने वो खत  खोलकर देखा जिस पर लिखा था,

 

“भारत  का  रक्षा  मंत्री सर्वेश  वर्मा 25  दिसंबर  को क्या करने वाला है, मुझे इसके बारे में  पूरी  जानकारी  चाहिए l 23  दिसंबर  को मैं तुमसे सभी डिटेल लूँगाl” 

 

यह पढ़कर  अश्विन  के चेहरे  पर मुस्कान  आ गई l  “अब देखता हूँ, सम्राट  मुझसे कैसे  बचता  है l”

 

“राठी को कुछ पता तो नहीं चला?”

 

सर, यह काम हमने  उसके आदमी  को अपनी तरफ  करकर  करवा  लिया l

 

“गुड !! अब मुझे पूरा  यकीन  है कि  सम्राट  मेरी पकड़ में आ जायेगा l”

 

“सर अगर सम्राट  दिल्ली  में  है तो फिर पंचमढ़ी  में  कौन है ?”

 

“कोई नहीं, अब दोनों  को  हैरान  देखकर वह  बोला, “मेरे आदमी  ने बताया है कि  पंचमढ़ी में सब है, सिवाय  राजीव  को छोड़कर उसने कल  रात  ही दिल्ली की ट्रैन  पकड़  ली थी l हाँ  कुछ खास  सामान  तो नहीं लिया, मगर उसे देखकर लग रहा था था कि  चार-पाँच  दिन वह दिल्ली में  ही रहने वाला है l” उसने उन दोनों की दुविधा  दूर  की l

 

“सर आपको यकीन  है कि  वह राजीव  ही सम्राट  है तो उसे पकड़ लेते हैं ?” विवेक ने कहा l

 

“80% तो राजीव ही लग  रहा है पर अगर वो नहीं हुआ तो.....? इसीलिए सिर्फ शख की बिनाह पर राजीव को पकड़ना सही नहीं होगा पर वो जो भी है वह  इस समय दिल्ली  में  ही होगा l” अश्विन  ने ज़वाब  दिया l

 

“अच्छा  सर, अब आगे क्या करना  है ?”

 

“तुमने राठी के जिस  आदमी को ख़रीदा  उसे कहो कि  वह  राठी  की पल-पल  की खबर  हमें  देता  रहें l” अब करण  ने सोचते  हुए कहा,  “सर  हमें  तो लगा था कि  यह सम्राट  26  जनवरी  को उस अमेरिका  के  मंत्री  को मारकर  कोई हंगामा  करने वाला है l”

 

“मुझे भी यहीं  लगा था, मगर अब पता करना  पड़ेगा  कि  25  दिसंबर  का क्या सीन है l” यह कहकर वह वहाँ  से बाहर  निकला  और अपनी  गाड़ी  में  बैठते  ही उसने गुप्ता  को कॉल  किया l कमिश्नर  ने उसका  नंबर  देखते ही कहा,

 

“हाँ  सम्राट!!!”

 

“सर मैं गृहमंत्री  से मिलना चाहता  था l”

 

“पर क्यों?”

 

“सर नेशनल  सिक्योरिटी  का इशू  है l”

 

“ठीक है, मैं  मंत्री जी से बात  करकर, तुम्हें  बताता हूँ l” यह कहकर  उन्होंने फ़ोन रख दिया और अश्विन ने मुस्कुराते  हुए गाड़ी  की स्पीड  बढ़ा  दी  l

 

यश ने अनुज को बताया कि  “हमने  माया  के हमलावर  की फोटो  को उस वीडियो से ट्रेस  कर लिया है और अपने  सभी खबरी  और बाकी  पुलिस  स्टेशन  में  भी इन्फॉर्म  कर दिया  है l”  अब अनुज को कुछ  उलझा हुआ देखकर यश ने पूछा,  “सर क्या हुआ,  क्या सोच  रहें हैं?”

 

“यश मुझे लगता है कि  वह आदमी  दिल्ली में  तो नहीं होगा, अगर  उसे हेलीकाप्टर  से ले  जाया गया है तो  जाहिर  सी बात है, उसे शहर  से दूर  कर दिया गया है l”  यश ने भी उसकी बात सुनकर  सहमति जताते  हुए पूछा,  “सर फिर क्या करें?” “ देखते  है, तुमने जो किया है, क्या पता उसे  कोई क्लू  मिल जाएl”  अनुज  ने बात  वहीँ खत्म  कर दी और फिर तभी उसे कोमल  का मैसेज  आज के डिनर  के बारे में  याद  दिलाने  के लिए आया  तो उसने टाइम  देखा और यश  को कुछ  ज़रूरी  निर्देश  देकर  वह स्टेशन  से निकल गया l रास्ते  में  उसकी अश्विन  से बात हुई  तो उसने बताया कि  वह गृहमंत्री से मिलने उनके  आवास  पर जा  रहा है l

 

अश्विन  गृहमंत्री  के आवास  पहुँचा  तो देखा कि  वहां  पर पहले से ही सर्वेश वर्मा  मौजूद  हैl दोनों  मंत्रियों  के साथ सेना के जनरल  चीफ  और कई बड़े  अधिकरी  भी हैl अश्विन  ने सबसे हाथ  मिलाया और उन  लोगों  ने उसे बैठने  के लिए कहाl अब गृहमंत्री  अश्विन  की तरफ देखकर  बोले,

 

“कहिये  मिस्टर  राणा,आपको हमसे क्या बात करनी  थी?”

 

अब उसने उस खत  के बारे में  बताया तो वह सब गंभीर  हो गएl  सर्वेश  बोला, “25  दिसंबर  को मदन मोहन मालवीय जी के जन्मदिन के अवसर  पर मैं  सरकार  की तरफ  से जो सैनिको के परिवार  वालों  के लिए योजना  तैयार  हुई  है, उसका उद्घाटन  करने ध्यानचंद स्टेडियम  जाने  वाला हूँ, बाकी  तो कोई   खास प्रोग्राम नहीं है, अब अगर ऐसे हालत  बन  रहें  तो मैं  नहीं जाता पर इससे काफी  नुकसान  हो सकता है और जनता में गलत  सन्देश  भी जा सकता हैl”  सर्वेश  ने चिंता  व्यक्त  कीl

 

“सर, मुझे लगता है आपको  जाना  ही चाहिए, अगर हम सम्राट  या उसके भेजे  किसी  भी आदमी  को पकड़  पाए  तो  इस माफिया  किंग की कहानी  खत्म होगी और सोना  भी हमारे  देश में  वापिस आ जायेगाl अश्विन  की बात सुनकर  सेना  के जनरल  चीफ  ने कहा, “मगर हमें  अपनी  सुरक्षा  के इंतज़ाम  काफी  कड़े  करने होंगेl “ “सर मेरे पास एक प्लान  हैl”  अब अश्विन  ने अपना  प्लान  उन्हें  सुनाया  तो वह उसे  सुनकर  खुश हो गया और बाकी अधिकारियों  ने  कुछ  हल्की  हेरफेर करकर उस प्लान  को हरी  झंडी  दे दीl  अब अश्विन  कुछ  सोचते हुए बोला,

 

 

“सर  एक बात समझ नहीं आईं  कि  वह सम्राट आपके  पीछे  क्यों पड़  गयाl” अब सर्वेश  ने एक गहरी  साँस  ली उसे कहानी  सुननी  शुरू  की,

“पाँच  साल पहले, सरकार  की सम्राट के पिता  बलराज से  बात हुई  थी,  वह हमारे  देश  का सोना  वापिस देने  के लिए मान गया था,  हमने  उसे क़तर  देश  में  बुलाया, हम अभी  बात कर ही रहें  थे  कि  खलीफा  ने हमारे  ऊपर  हमला  कर दियाl जिसमे  हमारे पूर्व रक्षा मंत्री  सुधीर कावत  और ब्रिगेडियर जसविंदर  सिंह मारे  गए और साथ ही सम्राट  के बाप  को भी गोली  लग गई  और वह भी  मर गयाl अब उसे लगता होगा कि  यह सारी  प्लानिंग  हमारी थीl”  यह कहते हुए सर्वेश  के चेहरे  के कोई हावभाव नहीं हैl

 

“तो क्या सर सच में  कोई प्लानिंग  नहीं थी ?” अश्विन  ने सवालियां  नज़रों से सबकी ओर  देखाl

 

“दरअसल  मैंने  उन्हें  कहा था कि  हमें  बलराज  को गोल्ड के साथ-साथ गिरफ्तार भी करना चाहिएl इसके  लिए हमने  शेखो   से  मदद  माँगी  थी,  मगर उन्हें  भी गोल्ड  का लालच  ले डूबा  और उन्होंने हम सब पर हमला  कर दियाl  उसे समय  मैं  कानून  मंत्री थाl” यह कहते हुए सर्वेश का चेहरा  गंभीर हो गयाl

 

“सर हमारे  पास तो यह इनफार्मेशन थी कि  बलराज   की हार्टअटैक  से मौत  हो गई  थी?”

 

“हमारी  सरकारी  फाइल  में  यही लिखा हैl” सर्वेश ने सफ़ाई दी l  

 

“सर यह आपको  25  को ही क्यों मारना  चाहता है?”  यह सुनकर  सर्वेश समेत सभी मंत्री, जनरल और बाकी अधिकारी एक दूसरे  का मुँह देखने लग  गए,  जैसे सोच रहें हो कि  अश्विन  को बताए  या नहींl