Ek Musafir Ek Hasina - 36 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 36

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 36

36

माया

 

 

वह शख़्स  तो बिल  देकर  जा  ही रहा था कि  अश्विन  झट  से  बिलिंग  की लाइन  से  निकला  और बोला,   “मिस्टर  अभिरंजन  आप यहाँ?” अब अभिरंजन  ने भी ज़बरदस्ती  का मुस्कुराते  हुए कहा, “जी कुछ  सामान  लेने आया था, “ “चलिए, चलते-चलते  बातें  करते  हैl” उसने अब अपनी  आईडी दिखाकर  अपनी  बिलिंग  पहले करवा ली  तो एक आंटी  उसे बुरी  तरह  घूरने  लगी,  तो उसने प्यार  से कहा, “सॉरी!!! इमरजेंसी  हैl “ यह कहकर  वह अपने  हाथ  में  अपने सामान के  पैकेट्स  पकड़ें अभिरंजन  के साथ चलने लगाl दोनों  इलेक्ट्रिक  सीढ़ियों  से नीचे  की ओर  आ रहें हैंl  “आप  तो पुणे  में  थें  न?”  अश्विन  ने सवाल  कियाl “वो मुझे कैंसिल  करना  पड़ा, डॉक्टर ने ट्रेवल  करने से मना  कर दिया थाl”  उसने सफाई दीl अब वह  सीढ़ियों  से  नीचे  आ चुके  हैंl “आपके घर में  कोई  नहीं है?” “ जी नहीं मेरी बीवी एक एक्सीडेंट  में  मुझे छोड़कर  चली गईl एक बेटी है, जिसकी  मैं  शादी  कर चुका  हूँ l इस समय वह फ्रांस  में   रहती  हैl”  अभिरंजन  ने   अश्विन के साथ गेट  से बाहर  आते हुए ज़वाब  दियाl अब अश्विन  ने अपना  सामान  गाड़ी  की सीट  पर  रखा  और अभिरंजन  की तरफ देखते हुए बोला,

 

“आपने माया  की जासूसी करनी क्यों  बंद कर दी ?”

 

“जी!!! अब मेरा  कॉन्ट्रैक्ट  सिंघल  ग्रुप  के साथ  खत्म  हो गयाl”

 

“कितनी अजीब बात है न, आपके  हटते  ही माया  पर अटैक  हो गयाl ऐसे  लग रहा है कि  कोई आप दोनों की भी जासूसी  कर रहा  थाl”

 

“ये हाई  प्रोफाइल  लोग है, इनकी बातें  यही जानेl “

 

“आप माया  की माँ रोमा  के बारे में  क्या जानते  है?”

 

“मैं उनसे एक या दो बार मिला हूँ इसीलिए   ज़्यादा  नहीं बता सकता l” उसने अब अपनी  गाड़ी  की तरफ देखा तो अश्विन  समझ गया कि  वह जाना  चाह रहा हैl अब उसने उससे हाथ  मिलाया  और वह अपनी  गाड़ी  की तरफ चला गयाl

 

रेहान  और रेवा  रिसोर्ट  स्पोर्ट्स  ग्राउंड  में  बैडमिंटन  खेल रहें हैंl कुछ शॉट्स  मारने  के बाद रेवा थककर  बैठ गई तो रेहान  भी उसके साथ वहीं  ग्राउंड  पर बिछे  मैट  पर लेटते  हुए बोला, “यार  तुम्हारे  साथ तो मेरी  ज़िन्दगी  बहुत रंगीन हो  गई  हैl”  रेवा को यह सुनकर हँसी  आ गईl अब रेहान  ने उसके होंठो  को चूमते  हुए कहा,  “इस  बुक  के पब्लिश  होने के बाद, मैं सोच रहा  हूं, यही रह  जाओl” उसकी बात सुनकर रेवा ने उसका मज़ाक उड़ाते  हुए कहा, “तुम तो सच  में  मुझसे प्यार  करने लगे हो!!” “कुछ ऐसा  ही समझ लोl” अभी  वे दोनों बात ही कर रहें है कि  देवन  भी घूमता  हुआ उनके  पास  आकर  बैठ गयाl 

 

“लव बर्ड्स  को मैंने  डिस्टर्ब  तो नहीं किया?” रेवा ने उसे घूरकर  देखा तो वह झेंप  गया और रेहान  की तरफ देखकर बोला, “ यार मैं  सोच  रहा हूँ  कि  अपनी  स्टेशनरी  की फैक्ट्री  यही डाल  लोl मेरा मतलब  मध्यप्रदेश  के मैन  शहर  मेंl” “क्यों दिल्ली से मन  भर  गया? “ “नहीं!!! पर मुझे लगता है दिल्ली  के लोग सुधर  गए है, उन्हें  मेरी ज़रूरत  नहीं हैl” “ वो बिगड़े  कब थें?” रेवा ने सवाल  किया? “बिगड़े  ही हुए थें, किसी  के दिल को दिल  नहीं समझते  थेंl  कभी किसी  के साथ, कभी किसी  के l”  यह कहते  हुए देवेन  के चेहरे  पर जो खतरनाक  हावभाव है,  उसे रेवा  तो  देख पा  रही है पर रेहान  की नज़र  तो आसमान  के तारों  पर हैl “वैसे  तुम्हारी बात मुझे समझ नहीं  आई, तुम्हारे  बिज़नेस  और दिल्ली के लोगों  के दिल का क्या  कनेक्शन है? “ “यहीं  की लव  लेटर  लिखने के लिए कॉपी-पेन  नहीं खरीदते”  यह कहकर वह ज़ोर से हँसा  तो उसकी अजीब हँसी  सुनकर   रेहान  बोला, “यार  तुम्हारी हँसी  तो डरा  रही हैl”” डरना अच्छी  बात है, डरना  भी चाहिए, लोग ने डरना  छोड़ दिया है, इसी  बात का अफ़सोस  है, वे  अपने आपको खुदा समझने लगे  हैंl” यह कहकर  वह वहाँ  से उठकर  बाकी  के रिसोर्ट  में  टहलने  लगा और रेहान  ने रेवा की तरफ देखकर  कहा,  “यह क्या कह  गयाl” “ कुछ ऐसा  जिसे  समझने  की ज़रूरत  हैl”  रेवा ने भौहें  उचकाते  हुए जवाब  दियाl

 

अगली  सुबह  अनुज ने नाश्ता  तैयार  करने के बाद, बड़े प्यार से कोमल  को आवाज  दी तो वह मुस्कुराती  हुई  आई  और बोली,

 

“तुम  तो कुकिंग में एक्सपर्ट  होते जा रहें  होl”  वह भी अब उसके साथ नाश्ता  करने बैठ  गईl

 

उसने साबुदाना  का दलिया  खाते  हुए कहा, “यह सचमुच  बढ़िया  हैl”

 

“थैंक्स !!!”  अब कोमल और अनुज इधर-उधर  की बातें  करते हुए ब्रेकफास्ट  कर रहें  हैं l तभी कोमल ने कहा,  “आज मेरे  डैड  का जन्मदिन  है और मेरे भाई दिनेश  ने रेस्ट्रा  में  डिनर  प्लान  किया हैl क्या तुम आ सकते हो?”

 

“ओफ़्कौर्से  !!!” अनुज ने खुश होते  हुए ज़वाब  दियाl

 

“ठीक है, फिर रात  आठ  बजे  रेस्ट्रा  मेरीगोल्ड  में  पहुँच  जानाl” कोमल  ने मुस्कुराते  हुए कहाl

 

राठी  अपने घर पर बैठा  यह सोच-सोचकर  पागल हो  रहा  है कि  अगर  वह खत  किसी के  हाथ  लग गया तो गज़ब हो  जायेगा और सम्राट  को पता चल गया तो उसकी खैर  नहींl पर वो खत  कहाँ  जा सकता  हैl उसने  ड्रिंक  पीते  हुए खुद  से सवाल कियाl अब उसके नौकर  ने उसे नाश्ते  के लिए पूछा तो उसने मना  कर दियाl फिर उसका खास  आदमी  जग्गा  उसके सामने आकर खड़ा  हो गया तो उसने सख्ती से पूछा,

 

“कुछ पता चला?”

 

“नहीं सर, कोठी के बाहर  की सड़क  के कैमरे  में  कुछ नहीं  दिखाl”

 

“क्या पता किसी  ने कैमरा  खराब  कर दिया हो या फुटेज  डिलीट  कर दिया होl”

 

“सर  ऐसा  तो कुछ लग नहीं  रहा l” यह कहते हुए उसने मुँह  नीचे  कर लिया तो राठी  ज़ोर से चिल्लाया, “तो फिर उस खत  को ज़मीन  खा  गई  या कोई मिस्टर  इंडिया  ले गयाl” अब उसने गहरी  साँस  छोड़ी  और फिर उसे जाने  का ईशारा  कियाl अब वह कुछ सोचते हुए बोला, “सम्राट  का काम तो कर दो, दो  दिन बाद मुझे उसे सारी  डिटेल भेजनी  है, पता नहीं, इस काम की डिटेल  मैं  उस तक कैसे भेजूँगा, उसने तो कोई फ़ोन नंबर, कोई अड्रेस  कुछ भी तो नहीं दियाl” यह सोचकर  राठी  के माथे  पर बल  पड़  गएl

 

वहीं  पुलिस  स्टेशन में  बैठा अश्विन  यह सोच  रहा है कि   माया  को कॉल  करो या नहींl पता चला, सम्राट  के बहाने  वह मुझे किसी और मकसद  से डस  ही ना  लेंl तभी अनुज को स्टेशन  में  मुस्कुराते  हुए आते  देखकर, उसने कहा,  “लगता है, तूने कोशिश करना शुरू  कर दिया हैl “  हाँ, और आज उसकी शुरुआत कोमल  के डैड के बर्थडे  से होने वाली  हैl “ “गुड !!! अच्छा यह  बता, तू किस सोच  में  था?” उसने उसे माया की  कही  बात के बारे में  बताया तो वह बोला, “ तुझे लगता है, वह तुझे सम्राट तक ले जा  सकती हैl” “ शायद  हाँ क्योंकि  मुझे इस बात का यकीन  है कि  वो नीली आँखों  वाली  लड़की माया  ही है जो मेरी गाड़ी  का पीछा  कर रहीं  थीl “ अनुज ने भोहें  सिकुड़ते  हुए कहा, “फिर सोच  क्या रहा है, बात कर उससेl”  अश्विन  इससे पहले कुछ बोलता, उसे किसी  का कॉल  आ गया और वह बाद में  मिलने का बोलकर स्टेशन  से  निकल गयाl  उसका चेहरा  बता रहा है कि यह फ़ोन कॉल  उसे सम्राट  नाम  की मंजिल  तक ले जायेगा और माया की ज़रूरत  ही नहीं पड़ेगीl