टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 34
पिछले एपिसोड में:
भावेश को पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन क्या यह वाकई सबकुछ खत्म हो गया था? या कोई नया खतरा दस्तक दे रहा था?
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अस्पताल में नई हलचल
भावेश की गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में सब कुछ सामान्य लगने लगा था। डॉक्टरों और मरीजों की चहल-पहल पहले जैसी थी। लेकिन आदित्य के दिल में एक बेचैनी थी।
"कुछ अजीब लग रहा है," आदित्य ने अर्जुन से कहा।
"क्या मतलब?" अर्जुन ने पूछा।
"भावेश इतना आसान खिलाड़ी नहीं है। मुझे लगता है, उसने कोई और चाल पहले से ही चल दी है।"
अर्जुन ने गहरी सांस ली, "आदित्य, वो अब जेल में है। तू ज्यादा मत सोच।"
लेकिन तभी अस्पताल के रिसेप्शन से हंगामे की आवाज़ आई।
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रिसेप्शन पर हंगामा
"मुझे डॉक्टर आदित्य से मिलना है!"
एक औरत जोर-जोर से चिल्ला रही थी। उसकी आँखों में आंसू थे और चेहरा डर से सफेद पड़ा था।
आदित्य ने आगे बढ़कर पूछा, "क्या हुआ?"
"डॉक्टर… मेरा बेटा… किसी ने उसे ज़हर दे दिया!"
आदित्य का दिल धड़क उठा।
"कहाँ है तुम्हारा बेटा?"
"बाहर कार में!"
आदित्य और अर्जुन भागकर बाहर गए।
कार की पिछली सीट पर एक बच्चा बेहोश पड़ा था। उसकी नाक से खून बह रहा था।
"इसे फौरन ICU में ले चलो!" आदित्य ने नर्स को इशारा किया।
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साजिश की परतें खुलने लगीं
जब बच्चे की रिपोर्ट आई, तो आदित्य चौंक गया।
"इस बच्चे के शरीर में वही ज़हर है जो भावेश इस्तेमाल करता था!"
अर्जुन का चेहरा भी गंभीर हो गया।
"तो क्या भावेश ने जेल से भी अपनी साजिशें जारी रखी हैं?"
"शायद," आदित्य ने गहरी सांस ली।
"हमें पुलिस से बात करनी होगी," अर्जुन ने कहा।
लेकिन आदित्य ने सिर हिलाया, "नहीं, पहले हमें खुद सच का पता लगाना होगा!"
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भावेश की रहस्यमयी चाल
उसी रात, जब आदित्य अपनी केबिन में बैठा था, उसका फोन बजा।
"हैलो, डॉक्टर आदित्य!"
फोन के दूसरी तरफ भावेश की आवाज़ थी।
"तू… तू जेल में है!" आदित्य गुस्से से चिल्लाया।
"अरे डॉक्टर, जेल में रहकर भी मैं खेल सकता हूँ। ये सिर्फ शुरुआत है। अब देख, कैसे तेरा पूरा अस्पताल तबाह करता हूँ!"
फोन कट गया।
आदित्य के माथे पर पसीना आ गया।
"भावेश जेल में होकर भी यह सब करवा रहा है?"
अब सवाल यह था— कौन था भावेश का साथी?
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नई जंग की शुरुआत
भावेश भले ही जेल में था, लेकिन उसकी परछाई अभी भी अस्पताल पर मंडरा रही थी।
अगली सुबह, अस्पताल में एक और चौंकाने वाली घटना घटी। एक नर्स अचानक फर्श पर गिर पड़ी।
"ये क्या हो रहा है?" अर्जुन ने घबराकर कहा।
आदित्य दौड़ता हुआ नर्स के पास पहुंचा, "इसे तुरंत इमरजेंसी वार्ड में ले चलो!"
रिपोर्ट आने के बाद सब हैरान रह गए।
"ये वही ज़हर है… जो उस बच्चे के शरीर में था," आदित्य ने अर्जुन की ओर देखा।
"इसका मतलब है कि कोई अभी भी अस्पताल के अंदर है, जो भावेश का काम कर रहा है।"
"लेकिन कौन?" अर्जुन ने सवाल किया।
आदित्य के चेहरे पर तनाव था।
"हमें अस्पताल में मौजूद हर डॉक्टर और स्टाफ की लिस्ट चेक करनी होगी। हो सकता है, भावेश ने पहले ही किसी को अपना मोहरा बना लिया हो!"
अस्पताल में एक डर का माहौल बन गया था।
हर कोई जानना चाहता था— अगला शिकार कौन होगा?
क्या आदित्य
और अर्जुन समय रहते इस रहस्य को सुलझा पाएंगे?
क्या अस्पताल की सुरक्षा खतरे में है?
इसका जवाब मिलेगा अगले एपिसोड में!