Ek Musafir Ek Hasina - 20 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 20

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 20

20

सफ़र

 

अब अपनी तरफ  देखते  अनुज को  कोमल घूरते  हुए  बोली,

 

“ऐसे  क्या देख  रहें  हो? जब तुम वापिस आओंगे तो इस बारे  में  बात  करेंगेl”   यह कहकर  कोमल  गाड़ी से उतरने  लगी तो अनुज  ने उसका हाथ  पकड़  लिया ,” नहीं मुझे अभी  बात करनी  हैl” 

 

“क्यों अब तुम्हें  देर नहीं हो रही?” कोमल  ने मुँह बनाते  हुए कहा और अनुज ने उसकी बात को अनसुना  करते हुए पूछा, 

 

“तुम्हारी  मम्मी  ने तुम्हारे कान  भरे  हैंl”

 

“अगर  मुझे अपनी  मम्मी  की सुननी  होती तो मैं  तुमसे शादी  नहीं  करतीl” 

 

“फिर क्या  बात है, कोमल? वो दिन कहाँ   गए जब तुम्हें  मेरी जॉब  पर गर्व हुआ करता था l” 

 

“हाँ लेकिन अब चिढ़  होने लगी है, तुम आज का दिन दी देख लो, तुमने  मेरे साथ सिर्फ तीन-चार  घण्टे  ही बिताए  है, अब  बताओ  वो दिन कहाँ  गए, जब हम मेरे बर्थडे  पर  लॉन्ग  ड्राइव  पर जाया  करते  थेंl “ उसने चिल्लाते हुए ज़वाब  दियाl 

 

“मैंने तुम्हें  कहा न यह  सीरियल  किलर  मेरे हाथ आने दो फिर जहाँ कहोगी  तुम्हें  वही ले चलूँगाl”  

 

“अरे! भाड़  में  जाए यह सीरियल  किलर, आज यह  किलर  है कल कोई और होगा, अनुज  प्लीज  मैं तुम्हारे  साथ और नहीं  रह  सकतीl”  

 

“पर तुम्हारी  मम्मी  ने मुझे छह  महीने दिए  हैl”  अनुज  की आँखों  में  विनय  का भाव  हैl  

 

“वो भी इसीलिए  दिए है क्योंकि पापा को अभी-अभी हार्टअटैक  आया  है और वो अभी  कोई दूसरा  सदमा झेल  नहीं पाएंगेl”  यह सुनकर  अनुज हैरान  हैl  अब उसने गहरी सांस  लेते हुए  कहा,   “मैं तुम्हारे  साथ नहीं रह  सकती बस किसी  तरह  यह छह  महीन बीत  जाये, उसके  बाद तुम अपने  रास्ते  मैं  अपने रास्ते l”   यह कहकर कोमल  ने गाड़ी  का गेट  खोला  और अनुज की तरफ बिना देखे  अपनी  सोसाइटी  के अंदर  चली गईl   अनुज  कुछ देर वहीं  खड़ा  होकर  कोमल  की कहीं  बात के बारे में सोचने लगा और फिर गाड़ी  घुमाता  हुआ  रेलवे स्टेशन  जाने लगाl  

 

उसने वहाँ  पहुँचकर  देखा  कि  अश्विन  और पूरी  टीम वर्दी  की बजाय  फॉर्मल  कपड़ों  में   रेलवे स्टेशन  पर निगरानी  रख  रही हैl   अब वह अश्विन  के करीब  गया तो उसे देखकर अश्विन  बोला, “यार  कोमल  को विश  करने के लिए फ़ोन किया तो ना  ही  उसने फ़ोन उठाया  और ना ही  मेरे  मैसेज  का रिप्लाई  कियाl “  यह सुनकर  अनुज ने उदास मन से उससे नज़रे फेर ली तो अश्विन  ने पूछा  कि “क्या बात  है? “ अब उसने धीमी आवाज़ में अपने पूरे दिन की कहानी सुना दीl “तुझे क्या ज़रूरत  थी, माया  के चक्कर  में  पड़ने  की, वह बहुत तेज़  लड़की हैl”   अश्विन  ने चिढ़कर  कहाl  “यार !! उस समय वो पुलिस  पुलिस  कह रही थी  और दूसरा  वह  प्रॉब्लम में थी और वैसे  भी हमारे  तलाक  की वजह  माया  नहीं मेरा काम  हैl “ “ बकवास बातें  मत कर, अगर तेरा मूड़  सही नहीं  है तो तू रहने  दे, मैं तेरी जगह  किसी और को ट्रैन  में  भेज  देता  हूँl”   “नहीं यार !! यह भी ज़रूरी  है और मैं अभी  खुद  कोमल  से कोई बात नहीं करना चाहता l “  अनुज ने बुझी  आवाज़  में  कहा  कि  तभी उनके  पास यश आ गयाl 

 

“सर, ये आप दोनों के लिए पैसेंजर  लिस्ट हैl अनुज सर आप पहले  डिब्बे  में  है, इसलिए यह लीजिए  आपकी लिस्ट अनुज  ने पाँचो  के नाम देखे,  पति का नाम राकेश और पत्नी का नाम शालिनी, बुज़ुर्ग  रामलाल और बच्चा बृजेशl  उसने गहरी साँस  लेते हुए पूछा, “इनका आख़िरी  स्टॉप क्या है?”  “सर यह ट्रैन  चलने  के तीन घण्टे बाद जो पहला  स्टेशन मालपुरा  है, वहाँ  उतरने  वाले  हैl”  “ इससे अच्छा तो गाड़ी  में  चले  जाते बेवकूफ  कही  केl”   अनुज के मुँह से यह सुनकर  अश्विन  और यश  को हँसी  आ गईl “अब अपनी बीवी का  गुस्सा  इन  पर मत निकाल दियो, ध्यान रहें, इस डिब्बे  में  किलर  के मिलने के 30% चान्सेस है”l  अश्विन  के यह कहते ही यश ने उनके पास आकर  खड़े  हुए करण  को  भी पैसेंजर  की लिस्ट  पकड़ा  दीl

 

 करण  ने भी चौथे  नंबर  के पैसेंजर  के नाम अच्छे से चेक कियेl   “वैसे  यश मेरे डिब्बे  में बैठे  लोग करते क्या है? “ अनुज ने पूछा l “सर दोनों हस्बैंड  वाइफ  जॉब  करते है और बुजुर्ग  रिटायर  है और बच्चा....” l “रहने दो, मैं समझ गयाl” अनुज ने उसे बीच में ही टोक दियाl   इस तरह यश ने करण को उसके साथी पैसेंजर के बारे में बताया तो वह भी बोला, “यह चारों  भी वर्किंग  हैl” “हम्म!” करण ने सिर  हिलाया,  अश्विन सर आपकी लिस्ट,  उसने अब छह  लोगों के नाम  पढ़े,  राजीव,  रेहान, समर,  नंदिश,  देवेन  और रेवा l  “पाँच पुरुष और एक महिला l” “जी सर राजीव  की सीट  नंबर 304, रेहान का 305, रेवा  का 306, नंदिश, 302,  देवेन 301 और समर 303  सीट  पर बैठे  मिलेंगे, बाकी यह ये काम.....”  “रहने दो मैं इनकी कहानी  इनके मुँह से सुन लूंगाl “  “और करण  यह सभी  पैसेंजर  धर्मपुरा  स्टेशन  के हैl जो आखिरी स्टेशन  पंचमढ़ी से पहले  आता है और अश्विन  सर आपके वाले  तो......”  “सब के सब  पंचमढ़ी  उतरेंगेl” उसने यश की बात  बीच में  काटते  हुए  कहाl

 

“वैसे  रेलवे  वालों ने सही रिजर्वेशन  किया है, नहीं?” अनुज ने कहा तो यश बोल पड़ा, “सर किया नहीं करवाया  है, हमने  ही सभी  एक स्टेशन पर उतरने  वालों  को एक साथ करवाया  है, चार  दिन पहले ही इन  सबको रेलवे  की तरफ से एक मेल भेजी  गई  है ताकि  किलर  और  सम्राट  को पकड़ने  में  आसानी  होl “ “गुडजॉब यश!!! इस केस  के बाद  तुम्हारा  भी प्रमोशन  पक्का हैl” अनुज ने उसकी तारीफ  करते हुए कहा तो अश्विन  ने करण को देखते  हुए कहा, “तुम्हें  भी सम्राट  को पकड़वाने  का रिवॉर्ड  मिलेगा, “ यह सुनकर करण के चेहरे पर मुस्कान  आ गई और सर एक बात और, एक टीम  ट्रैन  में  रहेगी और यह इलेक्ट्रिक  बटन  ले,  अगर कोई खतरा  दिखे तो आप दबा  सकते हैं ताकि सब के सब  जल्दी से जल्दी  वहां  पहुँच  सकेंl “ करण  ने  अनुज और अश्विन  को ट्रांसमीटर  सा दिखने  वाला  डिवाइस  पकड़ा दियाl  “ठीक है और पुलिस  की एक टीम  हर स्टेशन  पर रहेगी ताकि अगर  वहाँ  भी कोई खतरा दिखे  तो  सब एक्शन  मोड  में  होl”  अश्विन ने बताया l

 

“अश्विन  सर, उन लोगों से पूछताझ उस स्टेशन पर करनी  है, जहाँ  वो उतरेंगे?”  “नहीं करण  मैंने प्लान  में  चेंज  किया हैl तुम भी पैसेंजर  की तरह  जब उनके डिब्बे  में  जाओंगे, तभी उनके बारे में  सभी डिटेल  पता लगानी  होगी चाहे तो उनसे बात करो, दोस्ती करो या जो मर्जी  करोl” “ओके  सर!!!” यह कहकर  करण  ने सिर  हिला दियाl “और यश तुम कौन  से डिब्बे में  हो?” अनुज ने सवाल  कियाl  “सर  मैं  दूसरे, नवीन, तीसरे और प्रकाश, पाँचवे में  रहेगाl”  ऐसे  ही पाँच-पाँच पुलिस कर्मी सिविल ड्रेस में  हर स्टेशन  पर मौजूद  रहेंगेl”  यश ने ज़वाब  दियाl  “वैसे मेरे, अनुज और करण के अलावा किलर और सम्राट के किसी और डिब्बे में होने के चांस तो ना के बराबर  है,  मगर फिर भी अलर्ट  रहना होगाl” अश्विन के कहा l  अभी वे चारों बात ही कर रहें  है कि  प्लेटफार्म  पर एक सूचना  सुनाई  देती  हैl

 

“यात्रीगण  ध्यान  दें, नई  दिल्ली से मध्यप्रदेश  के लिए पंचमढ़ी  जाने  वाली ट्रैन  स्टेशन पर से  निकलने के लिए  तैयार  हैl सभी यात्रियों से निवेदन  है कि समय  से अपनी  निर्धारित  सीट  पर बैठेl!!! “ “लो सफर  शुरू  हो गया,” अश्विन  के यह कहते ही चारों के चेहरे  पर मुस्कान आ  जाती  है l