Ek Musafir Ek Hasina - 19 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 19

Featured Books
Categories
Share

एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 19

19

यकीन

 

अब माया  ने बड़े नरम लहज़े  से अनुज से पूछा,  “यह आपकी गर्लफ्रेंड  है?”  “ नो, वाइफ,”  अब माया  की नज़र  कोमल  के गले में पड़े  छोटे  से मंगलसूत्र पर गई  तो वह  बोली,  “ओह !!! शी  इज़  वैरी  प्रीटी !!!”  “थैंक्स!!” यह जवाब  कोमल  की तरफ से आया जो माया  को बुरी तरह  घूर  रही है l  “आई  एम  माया !!” उसने कोमल  से हाथ  मिलाते  हुए  कहा l “और आप?” माया  ने  पूछा l “कोमल!!” उसने जवाब दिया l “वैसे मिस्टर  अनुज  आपके दोस्त  अश्विन  कैसे है?”  “बिल्कुल  ठीक है  पर आपके यह नए  दोस्त  कौन है?” “ ओह !! वो अभिनव  है,” उसने अनुज के ईशारे  को समझते हुए जवाब दिया l अब वेटर अनुज के टेबल का आर्डर लेकर  आ गया तो माया  उन्हें  बाय  बोलकर वापिस अभिनव  के पास चली गई l अनुज ने उसके जाते ही धीरे से कहा,  “पहले अनुराग, अमन और फिर अभिनव लगता है, इसे  ए  नाम  के लड़के  कुछ  ज्यादा  ही  पसंद  है l “ “तुम उसकी नहीं अपनी बीवी  की पसंद पर ध्यान दो और  यह अश्विन  का क्या  सीन  है? “ “तुम्हें  तो पता है है वो कैसा  है, अच्छा  चलो अपना  मूड़  ठीक करो,” यह कहते हुए उसने उसके  मुँह की तरफ नूडल्स  का एक चमच्च  बढ़ा  दिया l

 

अश्विन  रेलवे  स्टेशन जाने  के लिए  निकला तो उसे किशन  का फ़ोन आया, उसने घड़ी  में  टाइम   देखा  और गाड़ी  उसकी गेराज  की तरफ घुमा  दी l वहाँ  किशन  उसकी बहुत पहले  से वैट  कर रहा है l अश्विन  को देखते ही उसने उसे सलाम  किया  और  फिर दोनों  कुरसी  पर बैठकर  बतियाने  लगें,

 

“क्यों किशन  यहाँ क्यों बुलाया?”

 

“साहब  रोनित का कुछ फायदा  हुआ या नहीं?”

 

“हम्म! उसके दिए  ही  हिंट को फॉलो  करते हुए  आज रात  की ट्रैन  में  ट्रेवल  कर रहा हूँ l”

 

“साहब, मुझे  लग रहा है कोई दो दिन से मेरा पीछा  कर  रहा है, “ उसने अब आसपास  देखते  हुए कहा l

 

“कौन पीछा कर रहा  है?”

 

“साहब  वो नहीं मालूम  पर मैं कुछ दिनों  के लिए अंडरग्राउंड  होने की सोच  रहा  हूँ l”

 

“यह भी ठीक है पर रोनित के अलावा  सम्राट  के किसी  और पालतू  कुत्ते का पता चला? “

 

अब उसने बहुत धीरे  से कहा,  “हाँ सर  क्लब  पैराडाइज़  का मालिक विपिन  राठी l”  यह सुनकर  अश्विन  को कुछ हैरानी  हुई l

 

“खबर  पक्की  है?” आश्विन ने उत्साहित  होकर पूछा l

 

“हाँ सर, सुना  है 6 दिसम्बर  की शाम  सम्राट  उसी   क्लब  में  मौजूद  था l “ डेट  सुनकर  अश्विन  चौंक  गयाl “अमन  भी उसी दिन  वहाँ  मौजूद  था पर उसका मर्डर  बारह  बजे के बाद, यानी 7  दिसम्बर  को हुआ  था l” अश्विन  को ऐसे बड़बड़ाते  देखकर किशन ने पूछा, “सर किसकी बात कर रहें  हैं?”

 

“तूने उस सीरियल  किलर  के बारे में  तो सुना ही होगा?”

 

“हाँ साहब  टीवी  में  देखा थाl” किशन  ने सिर  हिलायाl

 

“अच्छा  किशन  तू  जा और तुझे किसी  भी चीज़  की ज़रूरत  हो तो बता  दियोl”  यह कहकर  उसने किशन  के कंधे  पर हाथ रखा तो किशन  भी हौले  से मुस्कुरा  दियाl

 

कोमल और अनुज खाते  हुए बातें  कर रहें  हैं कि  तभी अनुज की नज़र   माया  पर  जाती  है जो किसी बात को लेकर  अभिनव से बहस  कर रही हैl  कोमल  भी उसे माया  को देखते हुए देख लेती है पर कहती कुछ  नहीं,  अब माया  और अभिनव की बहस  इतनी  बढ़  जाती है कि  वह अभिनव  को एक थप्पड़  रसीद  कर देती हैl “यह तुमने अच्छा नहीं  किया, माया  सिंघल!!” “अगर भाई को तुम्हारी मुझे धमकाने वाली हरकत के बारे  में  बता दिया तो  तुम्हारी  खैर  नहींl” अब अभिनव  के  गुस्से  का पारा  बढ़ता  जाता  है और वह उसकी  बाजू  पकड़ते  हुए कहता है, “यह धमकी  किसी  और को देना, मैं तुम्हारे भाई से डरता नहीं हूँl अब चलो, तुम्हें  इस थप्पड़ का ज़वाब  भी देता हूँl “ यह कहकर  वह उसे खींचते  हुए वहां से ले जाने  लगता है,  वहां बैठे सब लोग उन दोनों  को देख रहें  है पर कोई कुछ नहीं कह  रहा हैl  अब  वह चिल्लाकर  कहती,  “पुलिस!! पुलिस!!!” अनुज जो काफी  देर से यह  तमाशा  देख रहा था, बिना देर किए  उसके पास जाने लगा l अब तक माया  और  अभिनाब रेस्ट्रा से बाहर  निकल चुके  हैंl अनुज उसके पास पहुँचकर अभिनव का हाथ छुड़ाते  हुए कहता है, “पुलिस!”  अब उसने अपनी  जेब से आईडी  निकालकर  अभिनव को दिखाई  तो वह शांत हो गया और अनुज की तरफ देखते हुए बोला,  “मिस्टर अनुज  इस माया  ने  मुझसे  पैसे लेकर शेयर पर लगा दिए, जब  मैंने हिसाब माँगा तो मुझसे बहस  कर रही  है और अपने  भाई के नाम से डरा रही हैl” अब अनुज ने माया  की तरफ देखा तो वह  बोली,

 

“पैसे  सारे  डूब   गए है, कुछ टाइम बाद वापिस  कर दूंगी और यह कह रहा है कि  अभी  चाहिएl”

 

“तुम्हें  पैसे  की क्या कमी है?” अनुज ने माया  को घूरते हुए पूछाl

 

“भाई ने मेरे सारे  फंड्स, डेबिट  कार्ड  और  क्रेडिट कार्ड  ब्लॉक  कर दिए हैंl” उसने  मुँह  बनाते हुए कहाl

 

“और मिस्टर अभिनव  यह कौन से तरीके  से आप माया  से पैसे  वसूलना चाह  रहें थेंl” अनुज के मुँह  से यह सुनकर अभिनव ने अपने गुस्से  पर काबू  रखते हुए  कहा,  “आप इसे कहिये पंद्रह  दिन बाद पैसे दे देंगीl”

 

“मैंने कह दिया न दो महीने से पहले  पैसे  नहीं मिलगे  और  कुछ तो भरोसा  करो, अपनी गर्लफ्रेंड  परl”

 

“गर्लफ्रेंड!! मई फुटl” यह कहकर वह पैर  पटकता  हुआ वहां से चला गया और माया  ने अनुज को थैंक्स कहा तो उसने  कहा,  “संभलकर !!! हर कोई अमन या अनुराग  नहीं होताl”  यह कहकर वह वापिस  कोमल  के पास  आया तो उसने कहा,  “मेरा पेट  भर  चुका  है, अब यहाँ से चले क्योंकि तुम्हें  भी फिर से ड्यूटी पर जाना  हैl”  कोमल  के यह  कहते ही अनुज  कोमल  को लेकर  मॉल  से निकल गया  और फिर पार्किंग से निकलकर  उसकी गाड़ी  घर की तरफ दौड़ने  लगीl अब जैसे ही उसकी गाड़ी उनकी सोसाइटी  के सामने  रुकी  तो अनुज ने एक बार  कोमल  को बर्थडे  विश  करने  के लिए उसे गले लगाना  चाहा  तो वह पीछे  होते हुए अनुज को घूरते  हुए बोली, “मुझे  तुमसे तलाक  चाहिएl”  यह सुनकर  अनुज के पैरो  तले  ज़मीन  खिसक गई, वह कोमल  को बस एकटक देखता जा रहा है जैसे अनुज को उसके कहे शब्दों  पर यकीन  नहीं हो रहा होl