Chapter 18: MUZE — जब दिल फिर से पुकारे
वक़्त बीतता गया।
आरव और काव्या दोनों अपने-अपने रास्तों पर चल पड़े थे। काव्या ने कुछ बड़े बैनर साइन किए और उसका नाम अब बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस की लिस्ट में गिना जाने लगा। हर हफ्ते उसकी कोई न कोई फिल्म या विज्ञापन ट्रेंड में होता।
दूसरी ओर, आरव ने खुद को एक निर्देशक के रूप में साबित कर दिया। उसने एक और वेब सीरीज़ लिखी, जो ना सिर्फ़ हिट हुई बल्कि उसकी कहानी ने लोगों को झकझोर कर रख दिया।
लेकिन... कामयाबी के शोर में भी दोनों के दिलों में एक कोना अब भी खाली था।
एक साल बाद — एक इवेंट, एक टकराव
मुंबई में एक नेशनल अवॉर्ड फंक्शन हो रहा था। दोनों को अपने-अपने काम के लिए
नामांकित किया गया था — काव्या बेस्ट एक्ट्रेस और आरव बेस्ट स्क्रिप्ट।
रेड कारपेट पर जब दोनों की आंखें मिलीं, एक पुरानी सी मुस्कान लौटी — वो मुस्कान जो एक छत पर, एक बाइक राइड में, और एक अधूरी कहानी में कहीं छूट गई थी।
स्टेज पर जब काव्या का नाम घोषित हुआ — उसने स्टेज पर जाकर अवॉर्ड लिया, फिर माइक पकड़ा और कहा,
"ये अवॉर्ड उन लम्हों के नाम है... जो कैमरे के पीछे थे, उन शब्दों के लिए जो किसी डायरी में लिखे गए थे, और उस इंसान के लिए जिसने कभी कहा था — 'मैं भीगना नहीं चाहता, और जिसे साथ लेकर चलूँ, उसे भी नहीं।' Thank you आरव..."
पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा।
आरव की आंखें भीग गईं।
पुराने रास्तों की ओर
इवेंट के बाद जब दोनों ग्रीन रूम में मिले, तो कुछ पल तक कोई कुछ नहीं बोला।
फिर आरव ने हल्के से कहा,
"मैंने सुना... तुम अब भी भीगना नहीं चाहती?"
काव्या मुस्कुरा कर बोली,
"अब चाहती हूँ — लेकिन तुम्हारे साथ।"
"और अगर फिर से हमारे बीच शोहरत आ गई?"
"तो इस बार हम कैमरे के सामने नहीं, एक-दूसरे के पीछे खड़े रहेंगे।"
एक नई शुरुआत — 'MUZE'
कुछ महीने बाद, एक नई फिल्म का पोस्टर वायरल हुआ —
"MUZE – जब दिल फिर से पुकारे"
इस बार कहानी फिर आरव ने लिखी थी और डायरेक्शन भी उसी का था। लेकिन नायिका — काव्या।
फिल्म एक कपल की कहानी थी, जो एक-दूसरे से बिछड़ते हैं, फिर वक़्त के साथ खुद को
समझते हैं, और जब दोबारा मिलते हैं — तो प्यार को पूरी सच्चाई से अपनाते हैं।
इस बार आरव और काव्या सिर्फ़ पर्दे पर नहीं, असल ज़िन्दगी में भी एक कहानी थे।
फिल्म की रिलीज़ और आखिरी सीन
"MUZE" जब रिलीज़ हुई, तो थियेटर में बैठे दर्शकों की आंखों से आंसू बह निकले। आखिरी सीन में जब हीरो कहता है:
"मैंने तुम्हें सिर्फ चाहा नहीं... महसूस किया है। जैसे हर सांस में तुम हो, जैसे हर खामोशी में तुम्हारा नाम गूंजता है..."
और नायिका जवाब देती है:
"अगर तू MUZE कहे, तो मैं दुनिया छोड़ दूं... पर तुझे कभी नहीं।"
थियेटर तालियों और सीटी से गूंज उठा।
डायरी का आखिरी पन्ना
उस रात आरव ने अपनी डायरी का आखिरी पन्ना खोला:
"कभी जो तकरार थी, वो इश्क़ में बदली।
कभी जो दूरी थी, वो क़रीबी में सिमटी।
MUZE — ये कहानी अब पूरी हुई नहीं,
ये तो बस एक नई कहानी की शुरुआत है..."
समाप्त।
💖 THE END — लेकिन प्यार की कहानी कभी खत्म नहीं होती।