MUZE JAB TI MERI KAHAANI BAN GAI - 17 in Hindi Love Stories by Chaitanya Shelke books and stories PDF | MUZE जब तू मेरी कहानी बन गई - 17

Featured Books
Categories
Share

MUZE जब तू मेरी कहानी बन गई - 17

Chapter 17: ख़बरों की दुनिया और दिल की लड़ाई

 

नेटफ्लिक्स की सीरीज़ "MUZE" रिलीज़ हो चुकी थी। पहले हफ्ते में ही शो टॉप ट्रेंड में आ गया। आरव की स्क्रिप्ट और निर्देशन की तारीफ हो रही थी, लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा में थी — काव्या की एक्टिंग।

कभी जो काव्या सिर्फ इंस्टाग्राम स्टोरीज़ और ट्रेंडिंग रील्स तक सीमित थी, आज वो बॉलीवुड जर्नलिस्ट्स और फिल्म क्रिटिक्स की तारीफों में छा गई थी।

"काव्या मेहरा — A star is born,"
"काव्या की नज़ाकत और गहराई ने शो में जान डाल दी,"
"Is she the next big thing?" — अख़बारों की हेडलाइंस बदल चुकी थीं।

काव्या कैमरे की चमक में लौट आई थी — लेकिन इस बार, कुछ बदल गया था।


पार्टीज़, इवेंट्स और दूरी

कामयाबी का स्वाद मीठा था, लेकिन उसकी कीमत भी थी। हर रात कोई न कोई इवेंट, कोई इंटरव्यू, कोई पार्टी। काव्या का कैलेंडर भरा हुआ था।

आरव एक दिन डिनर टेबल पर बैठा उसका इंतज़ार करता रहा। घड़ी की सुइयाँ घूमती रहीं, और उसकी आंखों में इंतज़ार गहराता गया।

रात को जब काव्या लौटी, तो चेहरे पर थकान थी लेकिन आवाज़ में जोश,
"आज करण जौहर ने मुझे अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए consider किया है! Can you believe it?"

आरव मुस्कुरा तो दिया, लेकिन दिल में हल्की सी चुभन हुई।
"तुम्हारे पास अब डिनर का भी वक्त नहीं?"

काव्या ने सिर झुकाते हुए कहा,
"I’m sorry आरव... मैं बस... बहुत थक गई थी। ये सब अचानक हो रहा है।"

“पता है,” आरव ने धीरे से कहा, “मुझे तुम्हारी कामयाबी 

से खुशी है... बस डर ये है कि कहीं हम इस भीड़ में खो न जाएँ।”


मीडिया का दखल

अगले दिन न्यूज़ में एक वीडियो वायरल हो गया — जिसमें काव्या एक पार्टी में एक फेमस एक्टर के साथ डांस कर रही थी। कैप्शन था — "काव्या का नया क्लोज़ फ्रेंड?"

सोशल मीडिया पर मीम्स और कमेंट्स की बाढ़ आ गई।

आरव ने कुछ नहीं कहा, लेकिन काव्या ने खुद ही बात छेड़ी,
“तुमने देखा होगा वो वायरल वीडियो... लेकिन प्लीज़, तुम तो जानते हो कि मेरा कोई इंटेंशन नहीं था।”

आरव ने बिना उसकी आंखों में देखे जवाब दिया,
“मुझे तुम्हारे इरादों पर शक नहीं है... पर इस दुनिया को हमारे भरोसे की कोई परवाह नहीं।”

 

रिश्ते में तनाव

अब वो दिन गए जब दोनों साथ में छत पर बैठ कर बातें करते थे। अब हर बातचीत में सफाई, हर चुप्पी में शिकायत थी।

एक दिन आरव ने कहा,
"तुम्हारा काम, तुम्हारा नाम, सब कुछ बहुत प्यारा है... पर क्या मैं अब भी तुम्हारी ज़िन्दगी में उतना ही हूँ?"

काव्या ने पहली बार उसकी आंखों में आंसू देखे।

"तुम मेरी वजह हो आरव... पर शायद मैं तुम्हारे साथ वो लड़की नहीं रह पाई जो तुमसे प्यार करती थी — बिना कैमरे, बिना शोहरत के।"


ब्रेक या ब्रेकअप?

कुछ दिनों के लिए काव्या ने अपने मैनेजर से कह दिया कि वो कुछ हफ्तों तक कोई प्रोजेक्ट साइन नहीं करेगी। वो आरव के साथ वक्त बिताना चाहती थी।

लेकिन जब उसने ये बात आरव को बताई, तो आरव ने कहा,
“अब ब्रेक से कुछ नहीं होगा 

काव्या। हमें खुद से सच्चा होना पड़ेगा... हम दोनों अलग-अलग दिशा में भाग रहे हैं। शायद हमें रुककर ये समझना चाहिए कि हम अब भी एक-दूसरे के लिए बने हैं या नहीं।”

काव्या का दिल डूब गया।
“तो... ये ब्रेकअप है?”

आरव चुप रहा। और उसी चुप्पी में उनका रिश्ता एक मोड़ पर आ गया — जहाँ शब्द कम पड़ जाते हैं और फासले बढ़ने लगते हैं।


आरव की डायरी में लिखा गया उस रात:

“कभी जो साथ चलते थे, आज खुद के रास्तों पर भटक रहे हैं।
प्यार अब भी है, पर सुकून कहीं खो गया है।

शायद अब हमें कुछ दूर चलकर देखना होगा —
अगर रास्ते फिर मिलें, तो समझना कि कहानी अधूरी नहीं थी।”