MUZE JAB TI MERI KAHAANI BAN GAI - 9 in Hindi Love Stories by Chaitanya Shelke books and stories PDF | MUZE जब तू मेरी कहानी बन गई - 9

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MUZE जब तू मेरी कहानी बन गई - 9

Chapter 9 : जब अतीत लौट आया

 मुंबई की सड़कों पर हल्की ठंड थी, लेकिन आरव के दिल में एक अजीब सी गर्मी थी  —  शायद बेचैनी की। रणविजय के नाम ने जो तूफ़ान उठाया था , वो अब भी उसके ज़हन में गूंज रहा था

काव्या हालांकि सामान्य दिख रही थी , लेकिन आरव जानता था कि कुछ तो था जो उसके चेहरे की मुस्कान से मेल नहीं खा रहा था।

उस रात , जब दोनों अपनी स्क्रिप्ट के दूसरे एपिसोड पर काम कर रहे थे , काव्या का फोन फिर बजा  —  रणविजय फिर कॉल कर रहा था । इस बार उसने फोन उठाया।

“हाय काव्या, बोर्ड मीटिंग में तेरा नाम फाइनल किया है। तू ही हमारी कंपनी की फेस होगी। कल सुबह कॉन्ट्रैक्ट साइन कर ले । ”

काव्या ने धीमी आवाज़ में जवाब दिया ,  “ ठीक है ... मैं सोचकर बताती हूँ । ”

फोन कटते ही आरव ने पूछा , “ क्या सोचना है ? ”

काव्या कुछ नहीं बोली , बस चुपचाप उठकर बालकनी में चली गई ।


अगले दिन , आरव शूट पर था और काव्या कॉन्ट्रैक्ट साइन करने रणविजय के ऑफिस गई । वहाँ माहौल बिल्कुल प्रोफेशनल था  — लेकिन रणविजय की नजरों में कुछ और ही चल रहा था ।

“ याद है स्कूल में तू कितनी पागल थी ? अब भी वैसी ही है … बस थोड़ी हसीन और । ”

काव्या ने सख्ती से कहा , “ मैं यहाँ काम के लिए आई हूँ , यादों के लिए नहीं । ”

रणविजय हँस पड़ा , “ काम ही तो यादें बनाता है , काव्या । ”

काव्या ने कॉन्ट्रैक्ट उठाया और बोला , “ अगर तेरा इरादा सिर्फ प्रोफेशनल होता , तो ये 

बातचीत और ये माहौल बहुत अलग होता । ”

वो कॉन्ट्रैक्ट वहीं छोड़कर बाहर निकल गई ।


शाम को जब वो आरव से मिली , उसने कुछ नहीं बताया। लेकिन आरव उसकी आँखों से सब पढ़ चुका था ।

“तेरे लिए आज कॉफ़ी बनाई है। स्पेशल वाली — वो वाली जिसमें मैं अपनी हर उलझन घोल देता हूँ । ”

काव्या हल्का सा मुस्कराई , “ आज कुछ हल्का लग रहा है ... शायद तेरी कॉफ़ी की वजह से।”

आरव ने कहा , “ या शायद क्योंकि तूने सही फैसला लिया । ”

काव्या चौंकी , “ तुझे कैसे पता ? ”

“क्योंकि जो इंसान अपने अतीत को ठुकरा दे, वही अपने वर्तमान को गले लगा सकता है।”

 

अगले दिन, काव्या ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला:

“मुझे कई बड़े मौके मिले, लेकिन मैंने वो चुना जिसमें दिल हो। मैंने अपनी नई जर्नी एक ऐसे इंसान के साथ शुरू की है जो मुझे सिर्फ फेस नहीं, रूह समझता है।”

वीडियो वायरल हो गया।

और उसी रात, आरव ने उसे छत पर बुलाया। शहर की लाइट्स के बीच उसने कहा,

“तेरे नाम का मतलब मेरे लिए अब सिर्फ एक इंसान नहीं, एक प्रेरणा है। तू ‘म्यूज़’ नहीं, तू मेरी ‘MUZE’ है।”

काव्या की आँखें भर आईं, लेकिन इस बार वो खुशी थी — पूरी तरह से सच्ची, पूरी तरह से उनकी।

और उस रात, उनकी स्क्रिप्ट का नया पन्ना खुला —  जिसमें अतीत का साया तो था, लेकिन अब सिर्फ एक सबक बनकर।