Zom-Bai - 6 in Hindi Thriller by Tabish Sultan books and stories PDF | Zom-Bai - 6

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Zom-Bai - 6

Episode#6 Zom-bai

"What the hell, ये क्या है",

चंडिका ने बाहर के मंज़र को देखते हुए कहा।

"अब क्या होगा, मुझे तो डर लग रहा है",

रुहान ने भी जब बाहर देखा तो उसकी हालत ख़राब हो गयी थी।

सुपरमार्केट के बाहर तकरीबन 200 ज़ॉम्बी खड़े हुए थे। ये ज़ॉम्बी शायद तेज़ म्यूजिक सुनकर ही सुपरमार्केट की तरफ आये थे।उन्हें देखकर चंडिका और रुहान की तो साँसे सूख गई थी।Zombies से उनकी दूरी लगभग 100 मीटर की थी।

Zombies धीरे-धीरे उन दोनों की तरफ बढ़ते हुए चले आ रहे थे। उन्हें बढ़ता हुआ देख चंडिका और रुहान ने अपने कदमों को पीछे खीचं लिया । फिर दोनों ही वापस सुपर मार्केट के अंदर घुस गए और सुपर मार्केट के पीछे का दरवाजा ढूंढने लगे। काफी ढूंढने के बाद रुहान को दरवाजा मिल गया और उसने चंडिका को बुलाते हुए कहा।।

"चंडिका, मुझे दरवाजा मिल गया है…..जल्दी से आओ।",

रोहन की आवाज सुनकर चंडिका फौरन उसकी तरफ दौड़ी। वहां पहुंचकर उसने देखा कि रोहान अकेले ही दरवाजे को अपनी तरफ की खींच रहा था लेकिन दरवाजे को खोल नहीं पा रहा था । दरवाजा लोहे का था और उस पर इंटरलॉक लगा हुआ था, चंडिका रुहान के पास गई और उसे खींचते हुए कहा।

" ये दरवाजा ऐसे नहीँ खुलेगा, हमें किसी तरह से इसके लॉक को तोड़ना होगा……हमें जल्दी से एक हथौड़ा और बड़ी से कील ढूढंनी होगी।",

इतना कहकर रोहन और चंडिका दोनों ही हथौड़ा और कील को ढूंढने निकल गए। कुछ देर ढूंढने के बाद रुहान को हथौड़ा मिला और चंडिका को कील, इतनी देर में कुछ Zombies सुपर मार्केट के अंदर घुस चुके थे। रुहान आहट से समझ गया था कि Zombies  उससे बस कुछ दूरी पर ही है। उसने चंडिका से घबराते हुए कहा।

"जल्दी करो, Zombies हमारे करीब ही है।",

डर की वजह से चंडिका के हाथ कांप रहे थे। वो बार बार कील और हथौड़े से लॉक को तोड़ने की कोशिश कर रही थी लेकिन लॉक इतना मजबूत था कि हथौड़ा के वार से टूटी ही नहीं रहा था।लॉक तोड़ने की आवाज़ को सुनकर 2 Zombies वहाँ पहुँच गये।

रुहान ने जब Zombies को देखा तो वो फ़ौरन भागकर Sports segments से एक बैट ले आया, फिर वो ज़ॉम्बी की तरफ भागा और उसने उस बैट को zombie के सिर पर दे मारा। बैट के वार से Zombie का सिर फट गया और वो वही खत्म हो गया ।जब रोहन ने दूसरे जोंबी को उसी बैट से मारना चाहा तो उस जोंबी ने रुहान का बैट पकड़ लिया और उसके बैट को पकड़कर दूर फेंक दिया था।

रुहान घबराकर चंडिका की तरफ भागा ।चंडिका अभी भी लॉक को खोल रही थी। जब उसने देखा कि ज़ॉम्बी अब उसके और रुहान की तरफ तेजी से बढ़ रहा है  तो उसने फ़ौरन अपनी तलवार निकाली और तलवार को zombie के सिर के आरपार कर दिया।तलवार सिर पर लगने से Zombie तो मर गया लेकिन मरने से पहले वो इतनी जोर से चिल्लाया (Screeching) कि सुपरमार्केट के अंदर मौजूद सभी Zombie आवाज़ के direction में तेज़ी से भागने लगे।

Zombie के कदमों की आहट अब तेज़ होने लगी थी। जैसे ही ज़ोंबी का एक बहुत बड़ा झुण्ड चंडीका और रुहान के एकदम पास आया, वैसे ही दरवाजे का इंटर लॉक खुल गया था। दरवाजा खुलते ही रुहान और चंडिका सुपर मार्केट की लॉबी में आ गए।

उन्होंने जैसे ही लॉबी में अपने कदम रखें। लॉबी में इससे भी ज्यादा ज़ॉम्बी मौजूद थे। चंडिका और रुहान किसी तरह खुद को बचाकर सुपरमार्केट के एग्जिट गेट पर पहुंच गए थे।

वो जैसे ही सुपरमार्केट के एग्जिट गेट पर पहुंचे, वहां पर ना जाने कहां से Zombies  का एक और झुण्ड आ टपका।

सुपर मार्केट से निकलते वक्त रुहान ने लोहे की रॉड ले ली थी जबकि चंडिका के पास उसकी तलवार थी। चंडिका और रूहान ने एक दूसरी तरफ देखा और फिर चंडिका ने इशारा करते हुए रुहान से कहा।

" टारगेट सिर्फ सिर होना चाहिए",

रुहान ने हामी में अपना सिर हिलाते हुए कहा।

" ओके कैप्टन ",,

चंडिका और रुहान ने डटकर उन ज़ॉम्बीयों का मुकाबला किया। जहाँ चंडिका ज़ॉम्बीयों का सिर गाजर मूली की तरह काट रही थी, वही रुहान भी ज़ॉम्बीयों के सिर पर अपनी पूरी ताकत से मार रहा था। जब वहां मौजूद सारे Zombies मर गए, तो Zombies का एक तीसरा झुंड उनकी तरफ तेजी से बढ़ रहा था ।

Zombies का झुंड अपनी तरफ बढ़ता देख चंडिका ने रुहान का हाथ पकड़ा और उसे खींचकर सुपर मार्केट से बाहर ले आई। उसने हांफते हुए रुहान से कहा।

" हम यहां ज्यादा देर तक नहीं रुक सकते हैं…. हमें ये भी नहीं मालूम कि आर्मी यहां पर कितनी देर में पहुंचेगी ….हमें फौरन मुंबई शहर के बॉर्डर पर निकलना होगा।",

फिर चंडिका अपनी नजर इधर उधर दौड़ाने लगी, उसने रुहान से कहा।

" तुम्हें अगर कोई कार दिखे तो मुझे बताना।",

रुहान भी अपनी नजरे इधर-उधर दौड़ने लगी और तभी अचानक उसे एक कार दिखी। ये कार बिल्कुल उसके पापा के कार के जैसी थी, फिर उसने अपनी जेब में हाथ डाला और अपनी जेब से मम्मी पापा का फोटो निकालने लगा लेकिन जब उसने अपने जेब में हाथ डाला तो उसे फोटो नहीं मिली, फिर उसने चंडिका के तरफ देखा और चिल्लाते हुए कहा।

" मेरे मम्मी पापा की फोटो…..गिर गयी…. मेरे मम्मी पापा की फोटो अंदर ही गिर गई है।",

इतना कहते ही वो वापस बेसुध होकर सुपर मार्केट के अंदर जाने लगा, जैसे ही उसने सुपर मार्केट के गेट के पास कदम रखा चंडिका ने उसी कॉलर पकड़ कर खींच लिया और गुस्से से बरसते हुए उससे कहा।

" तुम पागल हो गए हो …. अंदर जाकर तुम्हें मरना है क्या।",

रुहान रोने लगा था, इस वक्त उसकी मम्मी पापा की फोटो उसके लिए सब कुछ थी और उसे दोबारा पाने के लिए वो कुछ भी करने को तैयार था। जब रुहान ने अंदर जाने की जिद नहीं छोड़ी तो चंडिका ने उसके गाल पर जोर से थप्पड़ मारा और गुस्साते हुए उससे कहा।

" अगर तुम्हें इस तरह से मरना ही था ,तो तुमने मुझसे इतनी मेहनत किस लिए करवाई",

अभी चंडिका अपनी पूरी बात खत्म ही नहीं कर पाई थी कि Zombies का तीसरा झुण्ड उन दोनों के एकदम करीब आ गया था। चंडिका ने फौरन रुहान का हाथ पकड़ा और कार की तरफ भागने लगी। उसने रॉड से कार का शीशा तोड़ा और फिर अपनी मोटी nose pin से कार को स्टार्ट कर दिया।

पूरे मुंबई शहर के कोने-कोने में अब सिर्फ Zombies ही दिख रहे थे।अब ये शहर Mumbai ना रह कर पूरी तरह से Zombai बन चुका था।चंडिका ने बड़ी चालाकी से किसी तरह बचते बचाते रुहान को बॉर्डर के करीब ला दिया था।

सवेरा होने वाला था। चंडिका ने दूर से देखा कि सड़क पर आर्मी का बंकर बना हुआ है। इसका मतलब वो अब आर्मी के काफी नजदीक थी, आर्मी ने हाइवे पर ही अपना एक पोस्ट बना लिया था।जो लोग सही सलामत थे, आर्मी उन्हें rescue कर रही थी जबकि जो लोग Zombie बन रहे थे। आर्मी उन्हें ऑन द स्पॉट मार दे रही थी ।

चंडिका और रुहान बस आर्मी पोस्ट के करीब पहुंचने वाले थे। आर्मी पोस्ट से अभी उनकी दूरी लगभग 100 मीटर ही थी। जब दूरी केवल 40 मीटर रह गई तो चंडिका ने कार रोक दी, रुहान ने उससे हैरानी से पूछा।

"अरे, क्यों रोक दिया। अभी हम पोस्ट की तरह पहुँचे ही कहां है",

रुहान ने देखा चंडिका पीछे की तरफ कुछ देख रही है, उसे लगा कि शायद चंडिका भी कुछ भूल गई हो। उसे लगा कि चंडिका आप वापस जाने के लिए रिवर्स ले रही है, फिर उसने चंडीका से curious होकर पूछा।

"अब क्या हुआ, इतने करीब पहुँचकर तुम्हें वापस जाना है क्या",

चंडीगढ़ ने बैक गियर लिया और 10 मीटर पीछे आ गई। फिर उसने दोबारा कार रोक दी और कार से उतर आई। उसे कार से उतरता देख रुहान भी उतर आया। उधर पोस्ट के कुछ जवान उन्हें देख रहे थे, उन्होंने भी हैरानी से एक दूसरे से बात करते हुए कहा।

" ये दोनों कर क्या रहें?",

फिर दूसरे ने जवाब देते हुए कहा।

" हमें चलकर देखना चाहिए",

फिर तीसरे ने जवाब देते हुए कहा

" पागल हो क्या हमें सख्त ऑर्डर मिले हैं कि हम पोस्ट के इस पार नहीं जाएंगे, उन्हें आना होगा तो वो खुद ही इधर आएंगे।"

इधर रुहान ने चंडिका से गाड़ी रोकने की वजह पूछी तो चंडिका ने उसे अपनी बांह दिखाई। चंडिका को ज़ोंबी ने काट लिया था। चंडिका को चक्कर आ रहा था और रुहान से कहने लगी।

" जल्दी से जाओ यहां से….",

चंडिका अब ज़ोंबी में बदलने ही वाली थी, चंडिका के बदले हुए रुप को देख रुहान ने अपने कदम पीछे किए और पोस्ट की तरफ तेजी से भागने लगा।भागते भागते वो पोस्ट के करीब पहुंच गया और उसने आर्मी की तरह देखते हुए कहा।

" अंकल…. अंकल प्लीज मेरे दोस्त को बचा लीजिए।",

चंडिका पूरी तरह से जोंबी बन चुकी थी और वो पोस्ट की तरफ से तेज कदमों से बढ़ रही थी। उसे पोस्ट की तरफ बढ़ते देख आर्मी के जवान मुस्तैद हो गए थे। एक जवान ने उसे दूरबीन से देखते हुए कहा।

"Status confirm, वो infected हो चुकी है।",

इतना सुनते ही आर्मी के जवान ने zombie चंडिका पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी। उस पर गोली लगते देख रुहान के आंसू छलकने लगे थे।

रुहान अब safely आर्मी पोस्ट पर पहुंच चुका था। आर्मी वाले उसे camp लेकर जाने लगे थे। अचानक से उसे पेट में दर्द हुआ, उसने चुपके से अपनी शर्ट उठाई। उसके पेट पर दांत के निशान बने हुए थे……..!


The End

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