(रिया अपनी बहन प्रिया को उसका प्रेम—कुणाल—देने के लिए त्याग का झूठ बोलती है कि वह आदित्य से प्रेम करती है। सगाई की शाम, हँसी के पीछे कई दिल टूटते हैं। प्रिया कुणाल से सगाई करती है, जबकि रिया अपने IAS सपने को दबा देती है। कुणाल उलझन में है, भानु अपने एकतरफा प्रेम में टूट जाती है और ललिता द्वारा तिरस्कृत होती है। प्रिया रिया के अधूरे सपनों की सच्चाई से बेचैन हो उठती है। डोगरा हाउस में प्रिया अपने माता-पिता से रिया को उसकी राह पर चलने देने की विनती करती है। कहानी बलिदान, प्रेम और आत्म-साक्षात्कार की जटिल परतों में धीरे-धीरे खुलती जाती है। अब आगे)
कुणाल और टोनी का सामना
ललिता अपने कमरे में बैठी आदित्य और रिया की सगाई की तस्वीरें देख रही थी। एल्बम के पन्ने पलटते हुए अचानक उसकी नज़र एक फोटो पर अटक गई—कुणाल और प्रिया साथ में। प्रिया को देखकर उसके चेहरे पर घृणा की लकीर खिंच गई।
"नौकरानी बनने लायक नहीं ये लड़की... बस रिया की शादी हो जाए, फिर इसे मक्खी की तरह निकाल फेंकूंगी। कुणाल की शादी कराऊंगी बराबरी वाली लड़की से।"
वो ज़ोर से हँस पड़ी। तभी उसका फोन बजा।
वैभव: "नमस्ते बहनजी, क्या आज मिल सकते हैं?"
ललिता: "ज़रूर, शाम को आइए... शादी की तारीख भी तो तय करनी है।"
फोन रखते ही उसने तस्वीर फिर से देखी और ठंडी सांस भरी।
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दूसरी ओर, कुमुद और वैभव की बातचीत चल रही थी।
कुमुद: "रिया की IAS की पढ़ाई पर आपत्ति तो नहीं होगी?"
वैभव: (मुस्कुराकर) "बिलकुल नहीं, IAS तो हमारे परिवार की शान बढ़ाएगी।"
बातें सुनकर दूर खड़ी प्रिया के चेहरे पर मुस्कान फैल गई। वह लौटकर अपने कमरे में आई, और खिड़की के पास बैठ कुणाल के बारे में सोचने लगी। अचानक उसने आदित्य को कॉल किया।
प्रिया: "हैलो माय मोस्ट हैंडसम जीजू! आज चलें कहीं घूमने?"
आदित्य: "क्यों नहीं! पर कुणाल शहर में नहीं है।"
प्रिया: (शरारती अंदाज़ में) "कोई बात नहीं... दीदी और आप दोनों के साथ वक्त बिताने को मिलेगा!"
आदित्य: "ठीक है, लेकिन रिया को लाना तुम्हारी ज़िम्मेदारी।"
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अगला सीन: डिस्को के बाहर
रिया और प्रिया ‘दीदार डिस्को’ के बाहर खड़ी थीं।
रिया: "हम यहाँ क्यों आए हैं?"
प्रिया: (हँसते हुए) "चिल दी! बस देखना है, कैसा होता है।"
डिस्को के अंदर धुएं, रोशनी और शोर ने उन्हें असहज कर दिया। प्रिया इधर-उधर आदित्य को खोजने लगी।
रिया: "पक्का यहीं मस्ती करनी है?"
प्रिया: "हां दी, मैं ऑर्डर देकर आती हूं।"
रिया अब अकेली थी। तभी एक लड़का—टोनी—उसके पास आया।
टोनी: "हे गोर्जियस! चलो डांस करें?"
रिया: "नो, सॉरी।"
टोनी ने अचानक उसका हाथ पकड़ लिया।
टोनी: "टोनी को ‘ना’ पसंद नहीं।"
रिया घबरा गई। तभी प्रिया दौड़ती हुई आई और टोनी को धक्का दिया।
प्रिया: "हिम्मत कैसे हुई उसे छूने की?"
टोनी: (हँसते हुए) "तू क्यों बुरा मान गई? पहले तेरे साथ ही..."
वह प्रिया को छूने की कोशिश करता है, और तभी...
चटाक!
प्रिया ने उसे ज़ोरदार चांटा मारा।
टोनी: "अब देखता हूं तुझे!"
वह प्रिया के बाल पकड़ने ही वाला था कि किसी ने उसका हाथ मरोड़ दिया—कुणाल।
कुणाल ने टोनी को ज़मीन पर गिरा दिया।
टोनी: "मुझ पर हाथ उठाया?"
उसके दोस्त उसे खींचकर ले गए।
रिया ने गुस्से में प्रिया को घूरा।
रिया: "ऐसी जगह पसंद है तुम्हें?"
कुणाल: (प्रिया की ओर) "तो भाभी को यहाँ तुम लाईं हो?"
प्रिया कुछ कहती, इससे पहले रिया बोली—
रिया: "मैंने ही जिद की थी। क्या आप हमें घर छोड़ देंगे?"
बाहर कार में रिया के लिए कुणाल ने दरवाज़ा खोला, वह बैठ गई।
प्रिया पीछे बैठने जा रही थी, तभी—
कुणाल: "तुम आगे बैठो।"
दूर खड़ा टोनी यह सब देख रहा था।
टोनी: "मुझे ये लड़की चाहिए..."
लड़का: "पगला गया है? वो कुणाल राठौड़ की भाभी है।"
टोनी: "भाभी नहीं... भाभी की बहन! पता करो उसका नाम। चांटे की कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी।"
...
1. क्या टोनी प्रिया से बदला लेने के लिए कोई खतरनाक चाल चलने वाला है?
2. क्या कुणाल के मन में प्रिया के लिए अब सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, कुछ और भी पनप रहा है?
3. क्या ललिता, भानु के साथ मिलकर रिया और प्रिया दोनों के भविष्य को बर्बाद करने की साजिश रच रही है?
जानने के लिए पढ़ते रहिए ओ मेरे हमसफर