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रक्षामंत्री
अश्विन को लगा कि शायद गुस्से और खुनस ने उसका दिमाग खराब कर दिया हैl उसने एक बार और पूछा, “कौन बोल रहा है?” “कहा ना सम्राट !!” अब जिस नंबर से फ़ोन आया, उसने वह नंबर चैक किया तो वह उसे कुछ अलग नंबर लगा, उसने दोबारा कान पर फ़ोन लगाया तो सम्राट बोला,
“कोई फायदा नहीं नंबर ट्रेस करने का, यह सेटलाइट फ़ोन है, कुछ देर बाद ही डिस्कनेक्ट हो जायेगाl” अब अश्विन को यकीन हो गया कि यह शख़्स सम्राट ही हैl उसने अब रोष से भरकर कहा, “बोल कुत्ते क्यों कॉल कियाl”
“तमीज़ से बात कर राणा, अच्छा चल रहने दे, आज तो तेरा दिन ही खराब हैl” वह मुस्कुराते हुए बोलाl
“जितना खुश होना है हो लें मगर मैं भी देखता कब तक तेरी गर्दन मुझसे बचेगीl” अश्विन ने गुस्से में एक हाथ से गाड़ी के स्टेरिंग को कसकर पकड़ लियाl
“मैं चाहता तो तुझे मरवा भी सकता था, मगर तेरे देश के पास कुछ ही ईंमानदार पुलिस अफसर है इसलिए यह सोचकर रुक गयाl”
“तुझे मारने से पहले नहीं मरूंगा, वैसे भी तेरे यहाँ आने का मकसद तो पूरा हो गया है तो अब जीकर करेगा भी क्याl”
मैं तेरे रक्षामंत्री को दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर मरवा सकता था इसलिए एक बात समझ लें कि मेरे यहाँ आने का मकसद यह नहीं था और हाँ अब तो तेरी वर्दी उतर गयी है, इसलिए अब आराम से ऐश कर और मुझे भूल जाl
“तेरी उस माया सिंघल को सबक सिखाकर और तुझे मारकर पूरे आराम से ऐश करूंगा l” अश्विन की आवाज़ में गुस्सा है l
“पहली बात उस माया से मेरा कोई लेना देना नहीं है, काम मेरा ही था पर उसने किसके कहने पर किया, यह तू पता लगा सकें तो लगा लियों और दूसरी बात तेरी सरकार को तू मुझसे गोल्ड चाहिए, तभी तो वो लोग मुझसे बात करने के लिए ढूंढ मुझे रहें हैं पर तू मुझे क्यों मारना चाहता है,” अब सम्राट कुछ सेकण्ड्स तक ख़ामोश रहा l “अच्छा याद आया.. तेरी एक्स गर्लफ्रेंड ईईईईशाशाशा.... सम्राट ने उसके नाम को खींचते हुए कहा l
“बास्टर्ड, उसका नाम मत लेंl” अश्विन की आँखें गुस्से से लाल होने लगीl
“क्या यार!! बड़ी कमाल की लड़की थी, वो गुलाबी होंठ, बड़ी आंखें, सुन्दर चेहरा और छरहरा बदन,” “कुत्ते अपना मुँह बंद रख, वरना मैं तेरी जबान नोंच लूँगाl” अश्विन चिल्लाया पर सम्राट को उसकी बात से कोई असर नहीं पड़ा वह अभी भी बोलता जा रहा है, “उस छरहरे बदन की गर्दन के दाई तरफ एक छोटा सा मस्सा, एक नशा था यार ईशा में पर अफसोस अब ना ही नशा है और ना ही ईशाl”
“बास्टर्ड क्या किया तूने उसके साथ........ ???”
“अगले जन्म से में उससे मिला तो पूछ लियो क्या किया था सम्राट ने उसके साथ क्योंकि इस जन्म में तो ईशा तुझसे बहुत दूरररर जा चुकी हैl तूने कैसे उस मासूम सी लड़की को मेरे पास आने दिया यार!!!!! तुझे पता तो है मैं कैसा हूँ.......” यह कहते हुए सम्राट ज़ोर से हँसा और उसके हँसते ही फ़ोन कट गया.l अश्विन ने गुस्स में फ़ोन को ज़ोर से गाड़ी की खिड़की पर मारते हुए कहा, “बास्टर्ड! बास्टर्ड! बास्टर्ड!!!” अब गाड़ी में उसका दम घुटने लगा और वह गाड़ी से बाहर निकलकर ईशा को याद करते हुए सड़क पर चलने लगा, उसे लगा कि जैसे उसे सांस नहीं आ रही हैl अब ईशा के बारे में सोचकर उसके दिल में दर्द होने लगा तो उसने अपना एक हाथ अपने सीने पर रख दियाl वह ऐसे ही बीमारो की तरह चलता एक शराब के ठेके के पास पहुँचा और उसने वहाँ से देसी दारू की एक बोतल ली और अब एक कुर्सी पकड़कर वहीँ बैठ गया और दारू की बोतल को मुँह से लगा लिया, ठेके में गाने चल रहें हैं और उस गान के बोल अश्विन के दर्द को बेहिसाब बढ़ाते जा रहें हैं,
“एक शख़्स रास्ते में कहीं छूट गया था
उस हादसे के बाद यह दिल टूट गया था
एक शख़्स रास्ते में कहीं छूट गया था
उस हादसे के बाद यह दिल टूट गया था”
वही पंचमढ़ी में रेवा ने रिसोर्ट की छत पर खड़े राजीव से पूछा, “तुम इतनी रात को किससे बात कर रहें थे,” राजीव रेवा की आवाज़ सुनकर सकपका गया और फिर कुछ सोचते हुए उसने पीछे मुड़कर देखा और रेवा को देखकर मुस्कुराने लगाl “तुम सोई नहीं?” इससे पहले वह कोई जवाब देती, उसकी नज़र उसके हाथ में पकड़े सेटेलाइट फोन पर चली गई और वह हैरान होते हुए बोली, “ यह कौन सा फ़ोन है?” यह सेटेलाइट फ़ोन है इससे लंदन में अपने दोस्त से बात कर रह था, इस फ़ोन से नेटवर्क इशू नहीं होता, अच्छा गुडनाइट !” वह रेवा को सफाई देकर जल्दी से छत से नीचे उतर गयाl “यह नाइट गुड तो नहीं लग रहीl” रेवा ने बड़बड़ाते हुए कहाl
अश्विन ने शराब की बोतल आधी से ज्यादा खाली कर दी पर उसके दिल का दर्द कम नहीं हुआ बल्कि गीत की अगली पंक्ति सुनकर दर्द अपने चरम पर पहुँच गया,
“वो शख़्स जिसके काँधे पर सिर रखकर मैं सोया
सीने से लगके जिसके कई बार मैं रोया
जिसकी जुल्फों की खुशबू में रातों में खोया
जिस जिस्म की बरसात में यह जिस्म भिगोया
एक दिन किसी बात पे जब वो रूठ गया था
उस हादसे के बाद यह दिल टूट गया था”
अब अश्विन ने पूरी बोतल खत्म की और दूसरी बोतल माँगने कॉउंटर पर गयाl पहले तो वहाँ बैठे लड़के ने उसकी ज़हनी बिगड़ती हालत देखकर उसे मना किया, मगर जब अश्विन ने अपने पर्स से हज़ार रुपए निकाल कर पकड़ाए तो लालच में आकर उसने उसे एक बोतल और थमा दीl अब वह बोतल लेकर ठेके से बाहर निकला और लड़खड़ाते क़दमों से मुख्य सड़क की ओर जाने लगा पर चलते-चलते भी उसके कानों में गाने के बोल पड़ रहें हैं,
“रहता हूँ कैद अब जिसकी यादों के फेरे में
है लब्ज़ जिसका जिन्दा मेरी बाँहों के घेरे में
जिसके ख्वाबों को मैंने नींद में सँजोया
जिसके अश्कों को मैंने अपनी आँखों पे पिरोया
एक दिन किसी बात पे जब वो रूठ गया था
उस हादसे के बाद यह दिल टूट गया था
एक शख़्स रास्ते में कहीं छूट गया था
उस हादसे के बाद यह दिल टूट गया था”
अश्विन की आँखों से पानी बह रह रहा, मुँह से थूँक निकल रही है, मगर उसके हाथ से बोतल नहीं छूट रही, अब वह उस चलती सड़क के बीचों-बीच आकर लेट गया और खुले आसमान की तरफ देखने लगा l उसके शराब की बोतल सीने से लगाई हुई हैl उसके बाल ठंडी हवा में उड़ रहें हैं, अब उसकी नज़र आसमान में सबसे चमकते सितारे पर गई तो उसे हँसता-मुस्करता ईशा का चेहरा नज़र आया और उसके मुँह से निकला, “ईशा मैं भी तुम्हारे पास आ रहा हूँ” और तभी एक गाड़ी बीच सड़क पर लेटे अश्विन की तरफ बढ़ती जा रहीं हैl