Ek Musafir Ek Hasina - 50 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 50

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 50

50

रिस्क

 

अब मंत्री जी बोलते-बोलते रुक गए और फिर उन्होंने दोबारा  उन दोनों  पर एक सरसरी  नज़र  डाली और कहा कि  “अगर  यह केस  नहीं सोल्व हुआ तो मैं आप लोगों के साथ नरमी  नहीं बरतूँगा I” मैं  आप दोनों  का ट्रांसफर  अंडमान  निकोबार  में  कर दूँगा, अब आप दोनों जा सकते  हैं I” दोनों  ने जाते समय गुप्ता को देखा तो  उसकी नज़रें  बता रही है कि  उसे उन दोनों  के साथ हमदर्दी  है पर वह कर कुछ  नहीं सकता I

 

गृहमंत्री  आवास  से निकलते ही अनुज अश्विन  की गाड़ी  में  बैठने  लगा तो उसने  पूछा,  “अपनी  गाड़ी  नहीं लाया  था?”  “पता था, तू यह होगा इसलिए  कैब से आया था I”  अब अश्विन  की गाड़ी  रफतार  पकड़  रही हैI  मगर उसने गाड़ी  पुलिस स्टेशन  में  न ले  जाकर  गाड़ी इंडियागेट  की तरफ मोड़  दी और अनुज समझ  गया कि  जब भी अश्विन  का मूड  खराब होता है तो वह यहीं  आना पसंद  करता है क्योंकि  यह  जगह उसे बहुत सकून  देती हैI अब गाड़ी  वहाँ  रुकी  तो दोनों दोस्त  उस जगह  जाकर  खड़े  हो गए जहाँ  से अमर जवान  ज्योति  नज़र  आ रही है और उसके पास देश के शहीदों के स्मारक  बने हुए हैंI  अब कुछ देर तक दोनों खामोश  खड़े  रहें और फिर अनुज ने उस खमोशी  को तोड़ते  हुए कहा,

 

“वैसे यार  अंडमान  निकोबार  भी बुरी जगह नहीं हैI”  यह कहते हुए उसके चेहरे  पर मुस्कान  हैI

 

“आज तू वर्दी  में  नहीं आया?”

 

“मन  नहीं था,” अनुज  ने रूखा  सा जवाब  दियाI 

 

“वैसे  तेरे तो मज़े  आ जायेंगे अंडमान  जाकर, तू और कोमल  आराम से सारा  दिन समुन्दर  के किनारे  घूमते  रहना I”

 

“पता  नहीं,  कोमल  के साथ जाऊँगा  या  अकेले  जाऊँगाI”  अनुज ने मुँह बनाते हुए कहा I

 

“अच्छा  सोच, अच्छा होगाI”  अश्विन  अब  भी अमर  जवान  ज्योति  को देखे   जा रहा है I 

 

“पता नहीं  यार ज़िन्दगी झंड  हो रखी  है, घर में  कोमल  ने दिमाग का दही  किया हुआ है और यहाँ  काम  पर इन  कुर्सी वालों की सुनोI”

 

“इन  लोगों को गोल्ड  की पड़ी है, किसी  की जान  की कोई कीमत  है,  यहाँ   देख  कितने खून  इस मिट्टी  के लिए  शहीद होकर  चैन की नींद सोये  हुए हैंI”  यह कहते हुए अश्विन  के चेहरे  पर जो दर्द भरे  भाव थे, उन्हें अनुज समझने  की कोशिश  कर रहा था I 

 

“यार !!!  हमें  यही सिखाया  जाता है कि  यह मत पूछो  कि  देश  ने तुम्हारे लिए क्या किया,  यह कहो  कि तुमने देश के लिए क्या  किया और इस वक्त  देश  को वो सोना  चाहिए जिसकी देश को ज़रूरत  हैI” अनुज ने उसके कंधे  पर हाथ रखाI  अब एक पंद्रह  साल का बच्चा  गुब्बारे  बेचने  आया तो उसने उसे 100 रुपए  पकड़ा  दिए और गुब्बारे  खरीदकर अनुज को पकड़ाते  हुए कहा,  “यह कोमल  को दे  दियोI” “वो अब इन  गुब्बारों  से नहीं  बहलने वाली, “ उसने गुब्बारे  लेकर  अश्विन  के पास  खड़ी उसकी  गाड़ी  में  रख  दिए और फिर उसके पास वापिस  आकर बोला,  “लोग बड़ी  जल्दी  बदल  जाते हैंI”

 

“लोग नहीं बदलते  उनके हालात  बदल जाते हैंI”  अश्विन  ने गहरी  साँस  छोड़कर   कहाI

 

अब अनुज उसके  गंभीर चेहरे  की तरफ देखकर  बोला,  “देख यार !! चाहे  प्रमोशन  हो या डिमोशन  इस किलर  को तो ठिकाने  लगाना  ही है और  रही  बात  सम्राट  की तो......” अब इससे पहले अनुज  कुछ बोलता अश्विन  बोल  पड़ा,  “उसे तो मैं मारूंगा  ही चाहे  ये लोग मुझे काले पानी  की सजा ही क्यों ना दें देंI “ अब अनुज ने कुछ सोचते हुए  कहा,  “ठीक है, लेकिन पहले  उससे बातचीत  का कोई जरिया  निकाल और सोना  पता  कर, फिर उसे भी मौत  की  नींद  भी सुला  दियो,  वैसे अब क्या सोचा  है, उस बावर्ची  को धर  लें, जिसने मंत्री को दूध  दिया था?”

 

“नहीं, वह मंत्री को बता देगा और फिर वहीं  सब..... शुरू  को जायेगाI” अश्विन  और अनुज अब चलते हुए बात करने लगेंI

 

“पर यह सम्राट  कुछ ज़्यादा  ही चालाक  हैI “ अनुज की आवाज़  में  हैरानी  हैI

 

“यही तो मैं  कह रहा  हूँ, वह अपने बाप  की मौत का बदला  लेने सात  समुन्दर  से आकर  इस हद तक चला गया और हम अपने इरादे  से पीछे  हट  रहें हैं, “ यह बोलते हुए अश्विन  ने  गुस्से  में  मुट्ठियाँ  भींच  लीI

 

“तो फिर अब क्या करेंगा?” अनुज का फिर वहीं  सवाल हैI

 

“वही सोच  रहा हूँI” अश्विन  ने रुककर अनुज की तरफ देखा कि  तभी यश  का  नंबर  अनुज की  फ़ोन स्क्रीन  पर फ़्लैश  होने लगाI

 

हाँ यश  बोलो,  अब उसने  यश की बात सुनी और फिर अश्विन  को वापिस  पुलिस  स्टेशन चलने के लिए कहाI  दोनों  पुलिस  स्टेशन  पहुँचें  तो यश ने बताया कि  “जनवरी  में  जितनी भी शादियाँ  होने वाली है, उनमे ऐसा  कोई नहीं है जिसका  अपनी शादी  तोड़ने का ईरादा  हो और सर राजीव का पता चल गया, कल उसे राजीव चौंक  मेट्रो  स्टेशन के पास देखा गया है,” “ जाहिर  है वहां  से रक्षा  मंत्री का आवास  पास ही पड़ता  हैI” अश्विन  ने  ज़वाब  दिया I “और देवेन  क कुछ  पता चला?” “नहीं सर पर तलाश  ज़ारी हैI” “और समर  और नंदिश?” “सर नंदिश तो जाफराबाद  किसी  के घर पर रह  रहा है, आप कहें  तो उसे पकड़  लेंI” “नहीं,  कोई  फायदा  नहीं हैI” अनुज ने मुँह बनाते  हुए कहा I “और समर ?” अनुज ने फिर सवाल  किया?  “सर उसे भी ढूंढ  रहें  हैं, वैसे सर मंत्री जी  के यहाँ  क्या हुआ?” यश  का अनुज के लिए सवाल हैI  “होना  क्या है, हमें  हमारा  भविष्य  बता रहें  थेंI “अनुज ने अश्विन  की तरफ देखते  हुए कहा  जो किसी  गहरी  सोच में  डूबा  हुआ हैI “ अच्छा सर, मैं  आपको समर, देवेन  या राजीव  के बारे में  कुछ    पता  चलते  ही  बताता हूँI” यह  कहकर  यश वहाँ  से चला  गयाI

 

अब अनुज ने अब घड़ी  में टाइम देखा  और फिर अश्विन  का ध्यान भंग  करते हुए कहा,  “यार मैं  चलो, मुझे आज मम्मी-पापा से मिलने जाना, वे बहुत दिनों से याद कर रहें थें I”  “ठीक है, अंकल-आंटी को मेरा नमस्ते कहियो?” “तू भी चल मेरे साथ, तुझे भी बहुत याद करते हैं, “  “हाँ यार आऊँगा कभीI” अश्विन ने मुस्कुराते हुए जवाब दियाI “ वैसे तू क्या  सोच  रहा है?” अनुज ने उसे टोकाI  “मैं सोच रहा हूँ कि उस नागिन पर भरोसा  करने का रिस्क  ले ही लूँI”  अनुज ने उसे गौर से देखते  हुए कहा,  “देख यार!! जो भी करना है, सोच समझकर  करियो, वह माया है, माया  सिंघल,  उसका ज़हर  उतारना  मुश्किल  हो सकता है,” “ जानता  हूँ पर सम्राट  के लिए यह रिस्क  तो लेना ही पड़ेगाI “ उसने  अनुज को देखते  हुए जवाब  दियाI