Ek Musafir Ek Hasina - 46 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 46

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 46

46

गलती

 

अब अश्विन  ने यश की बात का ज़वाब  देते हुए कहा,  “हो सकता है, यह देवेन औजारों  और तसले की खरीद-बेच  करता हो और उसने फिर पंचमढ़ी  जाने  से पहले  यह दीवार  बनायीं  हो ताकि  किसी  को इसके इस धंधे  के बारे  में  पता नहीं चलेl  अश्विन  के जवाब  को सुनकर  अनुज ने भी कहा,  “पर पेन  से क्यों मारता  है? “ इसका जवाब  तो यहीं दे सकता हैl” अश्विन बाकी तीनों  के साथ फैक्ट्री  से बाहर  आकर  बोलाl   अब उन्होंने एक नज़र फिर इस फैक्ट्री  पर डालीl अब अनुज ने गहरी  साँस  छोड़ते  हुए कहा,  “देखा जाए  तो  इस फैक्ट्री  में  एक भी मशीन  नहीं थी सिर्फ सामान  थाl  इसका  मलतब इसने पहले ही सारी  मशीने बेच  दें दी हैl”  अब अनुज  के कहने  पर यश फैक्ट्री  के अंदर  गया और वह  नीले  रंग  के डिब्बे  में  रखे  एक हरे  रंग  के  पेन   को ले आया, अनुज ने उस पेन  की नोक  हल्के  से अपने  हाथ  पर मारी  तो उस पर से हल्का खून  निकलने  लगाl   अनुज ने अब तीनों  की तरफ देखते  हुए कहा, “देख!!  जो पेन  हमें  मिलते  थें, वह मामूली  बॉल  पेन  होते थें, जैसे  बाकी  डिब्बों  में  रखे  होते  है पर इस डिब्बे  के पेन  में  पतली  नुकीली  आरी  जैसी  नौक है, जिससे आसानी  से किसी  का भी गला  कट  सकता है,  यानी  यह किलर  अपने  पास दो  पेन  रखता  है, एक  गाड़ी  में  गिराने  के लिए  और एक से किसी  को मारने के लिएl”  अनुज ने मुँह से यह सुनकर अश्विन  बोला,

 

“तूने  यह बात  फैक्ट्री  के अंदर  क्यों नहीं बताईl “

 

“अंदर  पेन  के डिब्बों  को देखकर  मेरा माथा  तो ठनका  था क्योंकि सभी हरे  रंग के पेन, सफ़ेद  रंग  के डिब्बे में  है  और बस एक ही पेन  का बंडल  नीले  रंग  के डिब्बे   में  है पर मैंने  उसे इग्नोर  कर दिया पर जब वे सामान  देख लिया है तो अपनी  दुविधा  को  दूर  करने के लिए मैंने यश को अंदर  भेजाl”  अनुज ने अब खुलकर  सभी  को   अपने  मन   की बात बताई  तो सब उसकी  से सहमत   दिखाई  दिएl  

 

“पर सर सवाल  अब  भी वही  है कि  सबकुछ  उस देवेन के खिलाफ है पर फिर भी उसे पकड़ने  के लिए हम श्योर क्यों नहीं हैl” 

 

“अब अश्विन  ने यश के सवाल  का जवाब  देते हुए  कहा, “क्योंकि यश जब  मैंने  उस  मुंबई  वाले सीरियल  किलर  को पकड़ा था तो उसने  अपने  मुँह से एक शब्द भी नहीं निकाला था पर जब मैंने उसे रिहा  करने का प्लान  बनाया और वह  अपने  अगले  टारगेट  पर गया और मैंने इसका पीछा किया तभी वो रंगे हाथों पकड़ा  गया क्योंकि मेरा अनुभव कहता है  कि  जो  इस  तरह  के काम करते है,  उनके दिमाग को  समझ पाना आसान  नहीं है,   पता नहीं यह क्या सोचकर ये काम  कर रहें होते हैंl”  

 

“अश्विन  ठीक कह रहा है और इस देवेन  की तो कोई पर्सनल  लाइफ  भी  नहीं है,  माँ-बाप  है नहींl   शादी  इसने की नहीं,  कोई अफेयर  था नहींl   फिर क्यों यह उन लोंगों को मार  रहा है? “

 

“क्योंकि  अनुज उसे मज़ा  आ रहा है, तकलीफ  देने में,  इसलिए  हम  उसे जितना भी  टॉर्चर  कर ले, वह कभी  भी अपनी जबान  नहीं खोलेगा इसलिए सान्या  सही कह  रही थी,  हमें  इसे  टारगेट  देना होगाl”  अश्विन  ने यह बोलकर सबकी तरफ देखा तो  सबने  कहा  कुछ नहीं पर सब अश्विन  की बात  से  सहमत  हैl”   अब वह लोग वहां  से जाने लगें तो अश्विन  ने कहा, “ यश  दो पुलिस  के लोग सादा कपड़ों में  यहाँ खड़ा करोl”  “जी सर” कहते  हुए यश  ने सिर  हिला दियाl   अब अनुज  तो अश्विन  की गाड़ी  में  बैठ गया और  यश और विवेक  पुलिस  की गाड़ी  में  जाने  लगेंl

 

अब उनकी गाड़ी  रेडलाइट  पर आकर  रुकी  तो उसने देखा की एक  सफ़ेद  रंग की  स्विफ्ट  डिजायर  में  कोमल  किसी आदमी के साथ बैठी  हैl  अनुज को उसी  तरफ  देखते अश्विन  ने भी  देख लिया तो वह बोला,  “यह कौन है? पता  नहीं, पर पता  करना  पड़ेगाl”  यही सोचकर  उन्होंने ग्रीन लाइट  होते ही कोमल  की गाड़ी  का पीछा  करना शुरू  कर दियाl   गाड़ी  वह आदमी  चला  रहा  है और कोमल  साथ वाली  पैसेंजर सीट  पर बैठी हैl अश्विन  ने गाड़ी  को उसके पीछे  दौड़ाते  हुए कहा, “यह दिल्ली  के कोने  में  गाड़ी  क्यों लेकर जा रहा  हैl” अब उस आदमी  ने ओखला  इंडस्ट्रियल  एरिया  में  गाड़ी  रोक दी और वह  आदमी  उसे एक गोदाम  में  ले जाने लगा,  “यह कैसे  किसी  अनजान  आदमी  के साथ  ऐसी  जगह   आ सकती हैl” अनुज  गुस्से में  चिल्लायाl   अब कोमल  और उस आदमी  के गोदाम के अंदर  घुसते ही गोदान  का शटर  आधा  नीचे  हो  गया तो अश्विन  और अनुज  भी  उस शटर  की तरफ दौड़े  और अंदर  जाने लगे  तो तभी उन्हें  एक आदमी  रोकने आया पर अनुज  को पुलिस  की  वर्दी  में  देखकर   रुक गयाl   अब दोनों  जल्दी  से अंदर   गए और देखा कि  कोमल  और वो आदमी  एक गुंडे  से आदमी  से बात कर  रहें हैंl   वह  गुंडा  आदमी  कोमल  को कुछ समझा  रहा हैl   अब अनुज ने उसे ज़ोर से आवाज  दी,  “कोमल!!!!” कोमल  ने हैरानी  से पीछे   मुड़कर  देखा तो वे उन दोनों  को देखकर   हैरान  हो गईl वे दोनों  आदमी सकपका  कर बोले, “ मैडम  आप पुलिस  को क्यों लाई  है?”  कोमल  अनुज पर चिल्लाते  हुए बोली,

 

“तुम यहाँ  क्या कर रहें  हो?”

 

“तुम यहाँ कर रही हो,” अनुज ने भी चिल्लायाl 

 

“मैं  मिस्टर  यतिन के साथ,  उस्मान  भाई से  मॉल  के लिए जगह खरीदने  आई  थीl”  उसने सफाई दीl   अब अश्विन  ने उस्मान  और यतिन को  देखा तो वह भागने  को हुएl जैसे  ही वह गोदान  से निकलने लगें, अश्विन  ने दोनों  को गर्दन  से पकड़कर  खींचा  और उन्हें  अंदर  फ़ेंक दियाl   यह देखकर अनुज को तो कोई हैरानी  नहीं हुई पर कोमल  की आँखें  ज़रूर  बड़ी  हो गई  हैl  

 

“क्यों बे!!! क्यों भागे रहें थें? “ अश्विन ने दोनों  को कॉलर  से पकड़कर  ज़मीन पर से उठाते  हुए कहा

 

“सर!! वो पुलिस  को देखकर  डर  गए थेंl”  यतिन  ने सफाई दीl अब उसने उन दोनों  को धक्का  दिया और  मुँह पर एक ज़ोरदार  तमाचा  लगाते  हुए कहा,  “बता  क्यों भाग रहें  थें और यह तू इस मैडम  को यहाँ  क्यों लाया  हैl “

 

“सर मैडम  ने बताया तो  कि  वह मॉल  के लिए जगह  खरीदने  आई  है,” अब उसने एक तड़ाक  चाटा  उस्मान  के मुँह पर जड़  दिया तो वह  गिरते-गिरते  बचा,  “देख सच बता, तू शक्ल से कोई प्रॉपर्टी  डीलर  नहीं लगता है और  यह मत  भूल  कि  मैं  पुलिस  हूँl” अश्विन के मुँह से यह सुनकर यतिन और उस्मान  दोनों का गला  सूखने  लगा और अनुज ने कोमल  को इतनी  बुरी  तरह  घूरा  कि  वह  समझ गई कि उसने कोई बहुत बड़ी गलती  कर ली हैl