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रिकॉर्डिंग
विपिन राठी तेज़ी से गाड़ी चलाता हुआ साउथ दिल्ली में बनी अपनी कोठी में पहुँचकर अपने आदमियों पर चिल्लाया तो सभी उसके सामने आकर खड़े हो गए, अब उसने सख्ती से पूछा,
“कोई आया था?”
“नहीं सर,” उसके खास आदमी ने ज़वाब दियाI
“कोई घर में घुसा हो और तुम लोगों को पता न चला लोI” वह बौखलाया हुआ हैI
“सर आप कहें तो कैमरे चेक कर लें?”
“हाँ और अगर कुछ अज़ीब लगें तो मुझे आकर बताओI” यह कहकर वह वापिस अपने ड्राइंगरूम में आकर सोफे पर लेट गयाI राठी का पाँच साल पहले अपनी बीवी से तलाक हो चुका है, दोनों बच्चे अपनी माँ के पास ही हैI कभी कभी उसके बच्चे उससे मिलने आ जाते है या कभी -कभी वह ख़ुद चला जाता हैI इतनी बड़ी कोठी में इतने कैमरे है कि यहाँ से बचकर निकलने की कोई सम्भावना नहीं हैI अब उसे ख़्याल आया कि “उसे उस पार्किंग लॉट की फुटेज निकलवानी चाहिए, देखो तो सही कि किसने मेरी गाड़ी में यह एन्वेलप रखा होगा पर शायद कोई फायदा नहीं होने वाला क्योंकि कैमरे खराब कर दिए होंगेI सम्राट की परछाई को पकड़ पाना भी आसान नहीं है, वो जो काम करता है,पूरी प्लानिंग के साथ करता हैI” अभी वह यह सब सोच ही रहा है कि उसके पास व्हॉट्सअप पर एक बाहर के नंबर से एक रिकॉर्डिंग मैसेज आया, उसने उस मैसेज को ऑन किया तो कुछ सेकण्ड्स की खमोशी के बाद, वो रिकॉर्डिंग शुरू हो गई,
“राठी उम्मीद कर रहा हूँ कि तुम्हें पुलिस सांस लेने दे रही होगी पर तुम्हें मेरा यह काम करना होगा, जिसके बारे में मैंने उस लिफाफा के अंदर रखे कागज़ में लिखा हैI तुम बस उतना ही करना जितना कहा गया है, बाकी मैं देख लूंगा और हाँ उस लिफाफे को कागज़ समेत जला देना और इस रिकॉर्डिंग को भी अपने फ़ोन से हटा देना अभी के लिए फ़िलहाल इतना हीI सम्राट”
यह कहकर रिकॉर्डिंग बंद हो गई I उसने उस नंबर पर कॉल किया तो उससे सुनने को मिला कि यह नंबर उपलब्ध नहीं हैI “यह आवाज़ तो सम्राट की नहीं है, ज़रूर उसने वॉइस मॉडुलेशन डिवाइस यूज़ करकर यह रिकॉर्डिंग की हैI” अब उसने रिकॉर्डिंग डिलीट की और फिर लिफाफे का ख्याल आते ही वह गाड़ी की तरफ भागाI जल्दी के चक्कर में उसने अपनी गाड़ी कोठी के बाहर ही सड़क पर छोड़ दी थीI वह पूरी फुर्ती से भागता हुआ गया और गाड़ी का दरवाजा खोला तो लिफाफे को देखकर उसे अपने जेब से लाइटर निकाला और उसे जलाने लगा, मगर तभी उसे यह एहसास हुआ कि लिफाफे के अंदर कागज़ नहीं हैI यह देखकर उसके होश उड़ गए, उसने पूरी फुर्ती से अपनी ऑडी चेक की, मगर उस कागज़ का नामो निशान नहीं हैI उसके अब पसीने छूटने लग गए, वह घबराता हुआ बोला, “सम्राट को यह लापरवाही पसंद नहीं आएगीI”
कोमल भी अश्विन की तरफ देख रही है, उसने अब कुछ सोचते हुए कहा, “शायद नहींI” अब अश्विन ने खुनस में अपने बाल झटके और उसे घूरते हुए बोला, “फिर बात खत्म हो गई, जब तुमने मन बना ही लिया है तो मैं क्यों तुम्हें अपनी कहानी सुनाओI” अब उसने निराश बैठे अनुज की तरफ देखकर कहा, “ यार किसी के साथ ज़बरदस्ती तो कर नहीं सकते, कोमल ने सोच लिया है तो फिर सोच लिया हैI” अब कोमल की ऑंखें भीग गईI उसने भरे गले से कहा,
“मेरे लिए भी यह आसान नहीं है, मगर मुझे अब यह आधीअधूरी ज़िन्दगी नहीं चाहिएI इसके पास मुझे देने के लिए एक वीकेंड भी नहीं होताI” यह बोलते समय उसकी आँखों से आँसू झलक गए तो अश्विन ने अनुज को ईशारा किया और वह कोमल के पास घुटनो के बल ज़मीन पर बैठ गया और उसका हाथ पकड़कर बोला,
“मैं मानता हूँ कि मैं अपने काम को लेकर थोड़ा ज़्यादा ही पागल हूँ पर मैं एक मौका तो डिज़र्व करता हूँ, तुम कहती हो तो मैं कल ही इस केस से अपने हाथ खींच लेता हूँ I” यह कहकर अनुज उसकी आँखो में देखने लगाI
“नहीं, मैं नहीं चाहती कि मेरी वजह से तुम्हारा प्रमोशन रुक जायेI” उसने अपने आँसू पोंछते हुए कहा I
“फिर तुम बताओ कोमल, तुम क्या चाहती हो? “
“यहीं कि तुम घर और काम में बैलेंस बनाकर रखोI मेरे साथ हो तो अपने काम को पूरी तरह भूल जाओI” अब उसने गहरी साँस ली और बोला, “ठीक है, पर क्या तुम यह तलाक की बात भूल सकती होI”
“नहीं !!! कोमल ने अनुज के हाथों से अपना हाथ छुड़वा लिया और अनुज को सोफे पर बैठने का ईशारा किया और फिर अश्विन की तरफ देखकर बोली, “तुम इस बात के गवाह हो, जो अब मैं कहने जा रही हूँI” अश्विन ने हाँ में सिर हिला दियाI अब उसने अनुज की तरफ देखते हुए कहा,
“आज से ठीक छह महीने बाद हमारी सेकंड वेडिंग एनिवर्सरी है, अगर तब तक तुम हमारे रिश्ते के लिए कुछ कर पाए तो हम अपनी शादी की सालगिरह साथ मनाएंगे पर अगर नहीं तो उससे एक दिन पहले तुम्हें डाइवोर्स पेपर पर साइन करना होगाI “ यह कहकर कोमल ने अनुज को देखा जैसे उसका जवाब जानना चाहती होI उसने भी कुछ सोचकर कहा, “ठीक है, पर तब तक तुम ना ही डाइवोर्स की बात करूँगी और ना ही मुझसे दूरिया बनाओगीI” अनुज ने भी जवाब दियाI
“अगर तुम्हारा मतलब हमारे एकसाथ सोने से है तो भूल जाओ, तुम्हें मेरे दिल को जीतना है ना कि मेरे जिस्म कोI अगर तुम इसमें कामयाब हो गए तो तुम्हें कहने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, मैं फिर से तुम्हारी पुरानी वाली कोमल हो जाऊँगीI” कोमल अपना फैसला सुनाकर अपने रूम में चली गई और अनुज मायूसी से बोली, “किसने कहा है कि प्यार में शर्त नहीं होती, आकर कोई मेरी ज़िन्दगी देख लोI” “यार प्यार में भले ही ना हो, लेकिन शादी में ज़रूर होती हैI” यह कहकर अश्विन एक फीकी हँसी हँस दियाI
अनुज से विदा लेकर वह वापिस अपने घर की तरफ जा रहा हैI अब उसने कुछ याद करते हुए गाड़ी बिग बाजार के सुपर मार्किट में रोक दी और अपने घर के लिए ग्रोसरी खरीदने लगाI उसने अब कुछ खाने के पैकेट्स लिए और कुछ सब्जियाँ ली और फिर बियर के सेक्शन की तरफ बढ़ गयाI उसने देखा कि व्हिस्की के भी कुछ नए ब्रैंड आये हुए हैंI उसने वो भी अपनी टोकरी में डाल दिएI अब वह बिलिंग कॉउंटर पर पहुँचा ही था कि एक जाने-पहचाने चेहरे को देखकर उसके पाँव ठिठक गएI “यह यहाँ क्या कर रहा है? यह तो दिल्ली से बाहर थाI” उसने मन ही मन कहाI उस शख़्स की नज़र भी अश्विन पर पड़ चुकी है और वह जल्दी से बिलिंग कर वहाँ से भागने के चक्कर में हैI