Ek Musafir Ek Hasina - 33 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 33

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 33

33

हिस्ट्री

 

अश्विन रोमा सिंघल  की नज़रों  से बचता  हुआ  होटल के अंदर  गया  तो देखा कि  रोमा  रिसेप्शन  पर बैठे  एक लड़के  से कुछ पूछ  रही है और फिर उस लड़के  से बात करने के बाद वह लिफ्ट की ओर  बढ़ने लगी पर अश्विन  ने सीढ़ियाँ  चढ़ने  का फैसला  किया क्योंकि वह देखने चाहता  है कि  यह माया  सिंघल  कहाँ  जाती है l इस होटल में  सिर्फ  छह  फ्लोर  है l हालांकि  बाहर  से दिखने वाला यह मामूली  सा होटल अंदर  से काफी  इलीट  क्लॉस  का लग रहा है l यानी  कम  पैसो  में   एक अच्छा  मज़ा  l  पहले फ्लोर  पर लिफ्ट रुकी पर रोमा  नहीं  निकली, फिर दूसरे  और तीसरे  फ्लोर पर भी लिफ्ट रुकी तब भी वह लिफ्ट से नहीं निकली l अब वह सीधा पाँचवे फ्लोर  पर कमरा  नंबर 910  की तरफ बढ़  गई तो अश्विन  भी बड़ी  सावधानी से उस कमरे की  ओर  बढ़ गया और उनके कमरे  के दरवाजे  से सटकर  उनकी बातें  सुनने  लगा l  रोमा  कमरे के अंदर  एक आदमी  से बातें  कर रही  है,  उसे ठीक से तो नहीं सुनाई  दे रहा पर वह पूरी  कोशिश  कर रहा  है

 

“सुनो !! माया  पर अटैक  हुआ है, तुम्हें  तो पता ही होगा l”

 

“हाँ और मैं भी उसके लिए परेशान  है l” उस आदमी  ने  कहा l

 

“यह कहीं  उसका काम  तो नहीं है?”

 

“पता  नहीं पर वो वापिस  इंडिया  कब  आ रहा है l”

 

“परसो  उसकी फ्लाइट है l”  रोमा  ने जवाब  दिया l

 

“अब हमें  इस तरह  मिलना बंद  करना होगा l कहीं  उसे भनक  भी लग गई तो आफत  आ जाएगी l”  अब अश्विन  को रोमा  और उस आदमी  की आवाजें  आनी बंद हो गई  तो उसने  एकदम  अपने कान  दरवाजे  से चिपका  लिए मगर अंदर  से रोमा  और आदमी  की करहाने  की आवाजें  सुनकर  अश्विन  समझ गया कि  पचास  साल  की उम्र  में  भी   रोमा  सिंघल  एक अपने  जैसे  ही किसी  आदमी  के साथ  खूब  एन्जॉय  कर रही है l अब वह मुँह बिचकाता  हुआ, होटल के रिसेप्शन  की तरफ आया तो उसका  मन  किया कि  वह वहाँ  बैठे  लड़के से उस आदमी  के बारे में  पूछें पर उसने कुछ सोचकर ऐसा नहीं किया और बाहर अपनी  गाड़ी  में  दोनों  का इंतज़ार  करने लगा l रात  गहराती जा रही  है पर रोमा   और उस आदमी का कहीं  कुछ पता नहीं  l अब अश्विन  ने एक बार फिर पार्किंग में  देखा कि रोमा की गाड़ी  तो खड़ी  है l उसने एक गहरी  साँस  ली और गाड़ी  के शीशे  थोड़े  से ऊपर  कर आँख  बंद  कर शीला की कहीं बात के बारे में  सोचने  लगा l

 

चहल-पहल  की आवाज़  सुनकर  अश्विन   ने आँख  खोली तो देखा कि  सुबह  हो चुकी  है l अब उसने  खुनस  में  हाथ  गाड़ी  के स्टेरिंग  पर दे दिया और फिर पार्किंग  में  रोमा  की गाड़ी  न देखकर उसने वापिस गाड़ी अपने  घर की तरफ मोड़  दी l

 

पुलिस  स्टेशन  में  यश अनुज को माया के हमलावर  पर अपडेट  दे रहा है l “सर एक बिल्डिंग  का कैमरा  है जो हमारी  मदद कर सकता है l पर अभी उसे गवर्नमैंट  ने सील  कर रखा है l बहुत जल्द  परमिशन  आर्डर  लेकर  हम बिल्डिंग  के अंदर  चले  जायेंगे l” “ गुड!!” “जल्द  से जल्द  इस काम  को करो l” अनुज  की बात  सुनकर  यश  तो चला गया और उसके निकलते  ही अश्विन  अंदर  दाखिल  हुआ l अनुज ने उसकी तरफ चाय  का कप  बढ़ाते  हुए कहा,

 

“क्या बात है, आज लेट  हो गया l”

 

“हाँ  यार कभी  माया तो  कभी  उसकी माँ?” उसने उसे सवालियां  नज़रों  से देखा तो उसने कल  रात  की कहानी  उसे विस्तार  से बता दी, कहानी  खत्म होते ही अनुज के मुँह से निकला “भैंस  की आँख!!!” माया  की माँ  का अफेयर  है  पर किससे ?”

 

“पता  नहीं, अच्छा  यह बता यह रोमा का पति रवीश  सिंघल  कहाँ  है? “

 

“वह जापान  गया हुआ है l”

 

“मुझे लगता है, माया  की माँ  अपने पति की बात उस  आदमी  से कर रही  होगी जो इंडिया वापिस  आने वाला है l

 

?उस रोमा  सिंघल  पर नज़र  रखनी  है?” अश्विन  ने हाँ  में  सिर  हिलाया  तो अनुज ने करण  को फ़ोन घुमा  दिया l

 

वहीं  दूसरी  तरह पंचमढ़ी  में  रेवा और रेहान  के बीच  नज़दीकियाँ  बढ़ती  जा  रही है और राजीव  को यह मेलजोल  पसंद  नहीं आ रहा है l   एक दिन  रेवा अपने  पर्सनल  लैपटॉप  पर कुछ  मेल  टाइप  कर  रही थी कि  तभी राजीव  उसके पास  आकर  बैठ गया,

 

“क्या कर रही  हो?”

 

“आँखे  है, तुम्हारी!!!” उसने  रूखेपन  से जवाब  दिया l

 

“वैसे मुझमे  कमी  क्या है? दिखने  में  अच्छा हूँ,  तुम्हारी  उम्र  का हूँ और मैं  तुम्हें  वो दे सकता हूँ जो वो राइटर  दे रहा है l”

 

रेवा  ने उसे बुरी  तरह  घूरकर  कहा, “दोबारा  यह बात कही तो अपना  सामान  उठाकर  यहाँ से निकल लेना l” यह कहकर  वह लैपटॉप  उठाकर वहाँ  से चली गई  और राजीव   ने मुँह  बना लिया l नंदिश ने रेवा  के हाथ में  लैपटॉप  देखा तो कहा,  “क्या मैं  इसे यूज़  कर सकता  हूँ, मुझे कुछ देखना  था,” रेवा ने मुँह  बनाते  हुए उसे लैपटॉप  थमा  दिया और  रेहान  की तरफ बढ़  गई  जो पूल  के पास  बने टेबल पर बैठा  सुस्ता रहा है l “क्या हुआ? का सोये  नहीं?” “ नहीं! मेरी जान  कल रात  मैं  काफी  देर तक लैपटॉप पर था l”  “क्या नाम  है, तुम्हारे  नॉवेल  का?” “ सरप्राइज  फॉर यू l” उसने रेवा  के गाल को छूते  हुए कहाl थोड़ी  देर बाद नंदिश   ने लैपटॉप  लौटा  दिया और रेवा  अपनी  हिस्ट्री  चेक करने  लगी  तो उसने देखा कि  नंदिश ने सब डिलीट  कर दिया है l रेहान ने  रेवा  के उखड़े  भाव  देखे तो कहा, “लाओ, मैं  कुछ मदद  करता हूँ, “ उसने लैपटॉप   लिया और फिर एक एप्प  इनस्टॉल  कर  क्रोम  ब्राउज़र  की हिस्ट्री उसके सामने ला  दी l यह देखकर  रेवा ने रेहान  के गाल  पर किस करते हुए कहा, “थैंक्स!!!” फिर दोनों इंस्ट्राग्राम  पर दिख  रहें  एक लिंक  पर पहुँचे  जिस पर एक 28  साल  के लड़के  का प्रोफाइल बना  हुआ है l  यह लिंक  उसे किसी  ने सेंड  किया है,  “इस नंदिश  को इस लड़के  से क्या लेना-देना? रेवा  के मुँह से  यह निकलते  ही रेहान और रेवा दोनों सामने से आते नंदिश को घूरने लगे l जो चेहरे  पर बड़े  कड़े  भाव लिए रिसोर्ट  से बाहर  जा रहा हैl  अब रेवा यह सोचकर उसके पीछे जा रही है कि आज इस नंदिश की हिस्ट्री पता करके ही रहनी है l