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इंतज़ार
अब रेवा के पीछे-पीछे रेहान ने भी जाना शुरू कर दिया । दोनों बहुत ही सतर्कता दिखाते हुए नंदिश के पीछे जा रहें हैं।अब उन्होंने देखा कि नंदिश एक पतली पगडंडी से होता हुआ, जंगल की बीचों -बीच जा रहा है। रेहान ने रेवा का हाथ कसकर पकड़ लिया तो वह उसका मज़ाक उड़ाते हुए बोली,
“डर लग रहा है? “
“हाँ, मैं तुम्हारी तरह जेम्सबांड नहीं हूँ ना, पर मेरी जान मुझे तुम्हारे लिए डर लग रहा है ना कि अपने लिए, अगर इस जंगल में कोई जंगली जानवर होगा तो..... ? “ “यह वैसे वाला जंगल नहीं है, देखो दूसरे टूरिस्ट भी घूम रहें हैं।“ अब रेहान ने देखा तो वह थोड़ा रिलैक्स होते हुए बोला, “तो फिर क्या पता नंदिश भी घूमने ही आया हो, हम बेकार में उसका पीछा कर रहें हैं।“ “शटअप!!! और चुपचाप चलो।“ अब रेवा ने देखा कि नंदिश एक पेड़ के नीचे रखें बेंच पर बैठ गया और उसके ऐसा करते ही रेहान और रेवा भी किसी बड़े से पेड़ की ओट में छिपकर उसके पास का नज़ारा देखने लगें। कुछ देर बाद, नंदिश के पास एक आदमी आया और वह उससे बात करने लगा, रेवा और रेहान उसके इतने करीब है कि उसकी आवाज़ तो सुन सकते हैं, इसीलिए उन्होंने अपने कान अच्छे से पेड़ के तने से सटा दिए। अब नंदिश ने उस आदमी से कहा,
“मुझे इस छोकरे की फोटो मिल गई है पर उसके साथ करना क्या है?”
“वहीं जो बाकियों के साथ किया है।“ उस आदमी ने अब नंदिश से हाथ मिलाया और वहाँ से चला गया और नंदिश वहीं कुछ देर बेंच पर आँखें बंद करें अपने काम को अंजाम देने के बारे में सोचने लगा। उसे ऐसे देखकर रेवा ने अब रेहान को कहा,
“मुझे लगता है कि यह नंदिश कुछ खतरनाक करने वाला है, हमें पुलिस को इसकी खबर देनी चाहिए, तुम क्या कहते हो?” उसने अब रेहान की तरफ देखा, “मुझे लगता है, यह छोटी सी बातचीत से किसी नतीजे पर पहुँचना ठीक नहीं है।“ उसकी बात सुनकर वह कुछ देर तक तो खामोश रही फिर दोबारा नंदिश की तरफ देखने लगी।
यश ने अनुज को लैपटॉप पर उस बिल्डिंग की फुटेज दिखाई जिसकी छत पर कैमरा था। अभी उसने वीडियो चलाई ही थी कि अश्विन आ आ गया और तीनों लैपटॉप को गौर से देखने लगे। उन्होंने देखा कि वो आदमी कुछ देर छत पर टहलता रहा और उसके बाद एक चॉपर आया और उसने लोहे की तार से बनी सीढ़ी छत की ओर फेंकी और वह उस पर चढ़कर चॉपर पर बैठ गया और आसमान के रास्ते निकल गया। यह देखकर तीनों हैरान है, “ यार !! यह सब क्या था? “ अनुज ने कहा तो अश्विन बोला, “मुझे लगता है, जिस किसी ने भी हायर किया है, वह काफी पैसा वाला है जो इसको इतना सपोर्ट कर रहा है।“ उन दोनों ने भी अश्विन की बात से सहमति जताई। अब अनुज ने इस वीडियो से इस आदमी की फोटो निकालने को कहा तो वह यस सर बोलकर चला गया। अब अश्विन ने पेपरवेट घुमाते हुए कहा,
“उस अभिरंजन से बात की? क्या पता कोई क्लू मिले ?”
“जब वो हॉस्पिटल में था, तभी गया था, उससे मिलने, उसे कभी कोई माया का दुश्मन नज़र नहीं आया और अब तो वो हॉस्पिटल से डिस्टार्च लेकर पुणे चला गया है।“
“हो सकता है, यह उसके बाप और भाई के किसी दुश्मन का काम हो।“
“हम्म!!! खैर जो भी है, बहुत जल्द पता चल जायेगा।“ अनुज ने गहरी साँस छोड़ते हुए कहा। अच्छा यह बता, “पंचमढ़ी कब चलना है?” अश्विन ने हँसते हुए कहा, “अभी उन्हें एन्जॉय करने दें, बस कुछ दिन बाद धावा बोलेगे।“
“और तब तक वो कहीं फुरर्र हो गए तो...... ?”
“नहीं होंगें, वो रिसोर्ट उस लड़की रेवा का है तो वह तो नहीं जाएगी और बाकी सब पर मेरा एक आदमी नज़र रख रहा है।“ उसने अनुज की दुविधा दूर की। अब दोनों बात करते हुए बाहर की तरफ चले गए और अश्विन अनुज को लेकर उसके साथ, उसके घर की ओर निकल गया।
जब कोमल ने अपार्टमेंट का दरवजा खोला तो वह अश्विन को अनुज के साथ देखकर पहले की तरह ही खुश हो गई और उन्हें फ्रेश होने का कहकर खुद टेबल पर डिनर लगाने लगी। कुछ ही मिनटों में वे तीनों आपस में बात करते हुए डिनर एन्जॉय कर रहें हैं। अब डिनर के बाद, “जब अश्विन ड्राइंग रूम के सोफे पर आराम से पैर पसारकर बैठा तो वह उसे गाजर का हलवा पकड़ाते हुए बोली,
“लो खाने के बाद, अब मीठे की ज़रूरत है।“
“थैंक्स!! अब उसने हलवे की कोटरी अनुज को पकड़ाई और उसके बाद खुद हलवे की कटोरी हाथ में लिए वहीं सोफे पर उन दोनों के पास बैठ गई। अब अश्विन ने हलवे का एक चमच्च मुँह में लेते हुए कहा, “तुमने अपने बर्थडे पर मुझे रिप्लाई क्यों नहीं किया?”
“मैं बिजी थी.... “उसने इतराते हुए जवाब दिया।
“सही कर रही हो, जो दिया है, वहीं लौटा रही हो।“ अब अश्विन गंभीर हो गया तो कोमल के चेहरे के हाव-भाव भी बदल गए। उसने अश्विन के बोलने से पहले ही कहा, “मुझे समझाने की कोशिश मत करना , मैं सोच चुकी हूँ।“
“देखो कोमल!!! मुझे लगता है, तुम्हें अपने प्यार और शादी को एक चांस देना चाहिए।“
“मुझे नहीं लगता......!!!” कोमल ने चिढ़ते हुए कहा।
“यह ना हो तुम बाद में पछताओ।“
“जैसे तुम ईशा को छोड़कर पछता रहें हो? वैसे यह बताओ, तुम दोनों के बीच हुआ क्या था? क्या उसे भी तुम्हारी नौकरी से चिढ़ होने लगी थी।“
“अगर बता दूँगा तो क्या अपने रिश्ते को एक और चांस दोगी ? “ यह सुनकर कोमल चुप हो गई और अनुज और अश्विन कोमल के जवाब का इंतज़ार करने लगें।
विपिन राठी अपने क्लब पैराडाइस से निकलकर अपनी महबूबा से मिलने चला गया। कुछ घंटे अपनी रात रंगीन करने के बाद, जब वह वापिस अपनी गाड़ी में आकर बैठा तो उसे एक लिफाफा दिखाई दिया, उसने कुछ सोचते हुए पहले तो गाड़ी की खिड़की से आसपास झाँककर देखा, फिर थोड़ा डरते हुए लिफाफा खोल दिया और उसके अंदर रखे कागज़ को पढ़ने लगा, उसे पढ़कर उसके होश उड़ गए और उसके मुँह से बस इतना ही निकला “तो क्या सम्राट इस वजह से........ इंडिया आया है??” अब उसने तेज़ी से गाड़ी अपने घर की तरफ दौड़ा दी जैसे उसे यकीन है कि वहां पर सम्राट उसका इंतज़ार कर रहा होगा ।