हर्षवर्धन ने हल्की मुस्कान के साथ टीवी की तरफ देखा और फिर दोबारा उसकी तरफ झुका, "अरे, तुम ही तो कह रही थी कि घूरना बंद करूं, तो मैंने बस ऑप्शन दिया।"
सनजना ने तकिया उठाकर उसकी तरफ फेंक दिया, "बकवास बंद करो और ठीक से बैठो!"
हर्षवर्धन ने तकिया पकड़ लिया और मुस्कुराते हुए कहा, "ठीक से तो मैं तब बैठूंगा जब तुम मेरे पास आकर बैठोगी।"
"हर्गिज़ नहीं!" सनजना तुरंत पीछे हट गई।
हर्षवर्धन ने उसकी ओर देखते हुए धीरे से कहा, "डर रही हो?"
"मैं... मैं क्यों डरूंगी?" उसने खुद को संभालते हुए कहा।
"तो फिर आ जाओ पास," हर्षवर्धन ने मजाकिया लहजे में कहा।
"हद है! मैं अपने कमरे में जा रही हूं!" सनजना पलटने ही वाली थी कि हर्षवर्धन ने उसकी कलाई पकड़ ली।
"जाओ, पर इतना सोच लो... अगर चली गई तो पूरी रात यही सोचती रहोगी कि मैं सच में चूमता या बस डराने के लिए कहा था?"
सनजना की धड़कनें तेज हो गईं। उसने धीरे से अपनी कलाई छुड़ाई और हर्षवर्धन को गुस्से से देखते हुए बोली, "तुम पागल हो!"
हर्षवर्धन ने हंसते हुए कहा, "और तुम बेहद प्यारी!"
सनजना तेजी से कमरे में चली गई, लेकिन उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान आ चुकी थी, जिसे छिपाना मुश्किल था। कमरे में पहुंची सनजना को भूख लग रही थी वो इस वक़्त यही सोच रही थी कि वो हर्षवर्धन से इस बारे में किस तरह बात करे क्यों कि वो किसी बात का सीधे जवाब नहीं देता है | कुछ देर भूख कन्ट्रोल करने के बाद जब उस से कन्ट्रोल नहीं हुआ तो वो वापस हाॅल में पहुंची | हर्षवर्धन कि नजर सनजना पर गई और वो बोला" क्या बार बार आत्मा जैसे भटक रही हो | सनजना ने आंखों में आंसू भर कहा " भूख लगी है डांस करके सारा खाना हज़म हो गया है, हर्षवर्धन ने कहा कि ", किचन में फ्रिज है और फ्रिज में खाना है जाकर खा लो , सनजना ने कहा ", हां लेकिन किचन कहा है,
हर्षवर्धन उठते हुए बोला, "आओ, मैं तुम्हें किचन का रास्ता दिखाता हूं। लेकिन एक शर्त है..."
सनजना ने संदेह भरी नजरों से उसे देखा, "अब क्या?"
"तुम्हें मेरे हाथ से खाना पड़ेगा!" हर्षवर्धन ने शरारती अंदाज में कहा।
"हर्गिज़ नहीं!" सनजना ने तुरंत मना कर दिया।
"तो फिर खुद ढूंढ लो किचन!" हर्षवर्धन ने हाथ पीछे बांध लिए और दीवार से टिककर खड़ा हो गया।
सनजना ने झुंझलाते हुए इधर-उधर देखा और फिर हार मानते हुए कहा, "ठीक है, लेकिन सिर्फ एक बाइट!"
हर्षवर्धन ने मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़ लिया और धीरे-धीरे किचन की ओर बढ़ा।
किचन में पहुंचकर उसने फ्रिज से सैंडविच निकाला और प्लेट में रखकर कहा, "लो, बैठो यहां। मैं तुम्हें खिलाता हूं।"
सनजना ने हल्की नाराजगी जताई, "मैं बच्ची नहीं हूं!"
"हां, लेकिन अभी तो तुम खुद कह रही थी कि भूख से रोने वाली हो!" हर्षवर्धन ने उसकी नकल उतारी।
सनजना ने गुस्से से उसकी तरफ देखा, लेकिन जैसे ही हर्षवर्धन ने सैंडविच का एक टुकड़ा उसके होठों के पास लाया, वह झिझकते हुए चुपचाप खा गई।
हर्षवर्धन उसे प्यार से देख रहा था, और सनजना ने नज़रे चुराते हुए कहा, "अब खुश?"
हर्षवर्धन मुस्कुराया, "बहुत!"
सनजना ने अनजाने में मुस्कुरा दिया और हल्की आवाज़ में बोली, "थैंक यू..."
"ओहो! यह तो रिकॉर्ड कर लेना चाहिए!" हर्षवर्धन ने मजाक किया।
सनजना ने तुरंत सैंडविच से भरी प्लेट उसकी तरफ बढ़ाई, "अब तुम खाओ, और चुप रहो!"
हर्षवर्धन ने हंसते हुए एक टुकड़ा उठाया, लेकिन उसकी नजर सनजना के चेहरे पर थी, जहां हल्की मुस्कान थी, जो शायद वह खुद भी छिपाना नहीं चाहती थी...