आदित्य और उसके दोस्त कैफे में पार्टी कर रहे थे। वो कैफे भी काफी हाई क्लास था जो की आदित्य के पिता का था। जहा सब अमीर लोग ही आते थे। आदित्य अपने दोस्तो के साथ टाइम स्पेंट करने के लिए हमेशा वही जाता था इसलिए उसके नाम की टेबल हमेशा बुक ही रहती है।
आदित्य के फ्रेंड सर्कल में सात लोग है। रनवीर, जसदीप, पूजा, तमन्ना, आद्रिका और विक्की। आदित्य के ग्रुप में सात लोग के बाद आज तक इनका कोई अलग दोस्त नही बन पाया है। स्कूल में मस्ती करना, टीचर को परेशान करने में सबसे आगे है इनका ग्रुप। कहा जाए तो यह सभी आदित्य के बेस्ट फ्रेंड है लेकिन सबसे ज्यादा करीबी दोस्त रनवीर, जसदीप और पूजा ही है। एक पल के लिए आदित्य सब को इग्नोर कर सकता है लेकिन इन तीन की बातो को कभी टाल नही सकता।
सभी मिलके हसी मजाक और इधर उधर की बाते कर रहे थे, और अपना अपना ऑर्डर एंजॉय कर रहे थे। कैफे में धीमा धीमा सा रोमांटिक सॉन्ग बज रहा था। आदित्य रनवीर और पूजा से बाते कर रहा था, वही किसी की नशीली आंखें सिर्फ आदित्य को ही देख रही थी। वो कोई और नहीं अद्रिका थी। आदित्य को अपने उपर किसी की नजरे महसूस हो रही थी लेकिन वो उसे इग्नोर कर रहा था जिससे अद्रीका को मन ही मन गुस्सा भी आ रहा था।
विक्की बर्गर हाथ में लेते हुए : यार आदित्य एक बात बता, ना आज तेरा बर्थडे है और न ही हम सब में से किसी का और न ही आज कोई स्पेशल डे है तो यह ट्रीट किस बात कि दे रहा है तू ?
रनवीर : अरे आदि कभी कोई बिना रीज़न के करता है क्या ? आदि जो भी करता है उसके पीछे कोई न कोई वजह तो होती ही है। क्यों आदि, सही कहा न मेने...!!!
रनवीर की बात सुन के आदित्य सिर्फ एक छोटी सी स्माइल करता है। वही रनवीर की बाते किसी के समझ में नहीं आ रही थी।
तमन्ना... जो रनवीर के पास बैठी हुई थी, वो आदित्य को छेड़ते हुए कहती हैं : अच्छा ऐसा है, तो फिर बता ना ऐसा क्या रीजन है, क्या कोई गर्ल फ्रेंड पटाली है क्या या फिर किसी ने प्रपोज कर दिया है जिसकी खुशी में तू हमें पार्टी दे रहा है... ???
सभी लोग ठहाके लगाके हसने लगते हैं, इस बार आदित्य भी हस पड़ा लेकिन तमन्ना की यह बात आद्रिका को पसंद नहीं आती। आद्रिका बचपन से आदित्य को पसंद करती आई है और अब उसकी एक ही ख्वाहिश रही है और वो है आदित्य की पत्नी और राणा खानदान की बहू बनना। किसी और लड़की का नाम आदित्य के साथ जोड़ता देख उसके चेहरे पर गुस्सा भर जाता हैं।
आद्रिका एटिट्यूट से : नही, ऐसा कभी नहीं होगा। क्यों की आदित्य की लाइफ में सबसे ज्यादा क्लोज में ही हु। क्यों आदि, सही कहा न मेने ?
कहते हुए आद्रिका अपना एक हाथ आदित्य के हाथो पर रख देती है।
वही आदित्य आद्रिका का हाथ हटाते हुए और उसकी बातो को इग्नोर करते हुए बोला : अरे क्या तुम लोग खयाली पुलाव बनाने लगे, अपने पुलाव को गैस से नीचे उतारो । जैसा तुम लोग सोच रहे हो वैसा कुछ नहीं है। यह तो में और वीर गेम खेल रहे थे, उसमे में विनर रहा तो सोचा क्यों न छोटा सा सेलिब्रेशन हो जाए... इस बहाने थोड़ी मस्ती भी हो जायेगी।
पूजा : हा, यह बात तो सही कहा तूने। स्कूल की छुट्टियों में खेलने का मजा ही अलग होता है। सब के साथ बैठना, बाते करना, घूमने जाना, खेलना, मस्ती करना कितना मजा आता है न।
जसदीप : हा, लेकिन अब यह मजा ज्यादा देर तक नहीं रहने वाली। पता है न कि स्कूल खुलने में बस 10 दिन रह गए हैं।
जसदीप की बात सुन के सबका मूड ऑफ हो गया सिवाय आदित्य और पूजा के। क्यों की दोनो को पढ़ाई करना काफी पसंद था और साथ ही जसदीप को भी लेकिन बाकी सभी का पढ़ाई का नाम सुन के तो जैसे सिर दर्द हो गया।
विक्की मुंह बिगड़ते हुए बोला : क्या यार, कितना अच्छा मूड था सबका, तूने सबके मूड पर पानी फेर दिया स्कूल की बात करके।
अद्रिका : विक्की इस राइट जसदीप, तूने तो सारा मजा ही किरकिरा कर दिया। सब तेरी तरह पढ़ाकू नही होते।
जसदीप की स्कूल वाली बात सुनके आदित्य के चेहरे के भाव एकदम से बदल गए और वो बेहद शांत सा बैठ गया। वो पता नही क्या सोच रहा था या शायद उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।
उसके शांत होने पर पूजा ने पूछा : आदि, क्या हुआ तुम्हे। तुम एक दम से चुप क्यों हो गए।
विक्की : यह सब इस जसदीप की वजह से।
जसदीप : मेने क्या किया, मेने तो जो था वही बोला इसमें गलत क्या क्या मेने ???
तमन्ना : हा हा ठीक है, तू कभी अपनी गलती नहीं मानेगा। आदि समझाओ इसे यार।।।।
जसदीप : अरे पर...…
आदित्य अपनी कड़क आवाज में बोला : ओके साइलेंस..…...
आदित्य इतना जोर से कहता है की सभी... जो बोल रहे थे वो एक दम से चुप हो जाते हैं और हैरान होके आदित्य को देखने लगते है।
आदित्य : व्हाट्स रॉन्ग विथ यू ऑल ??? दीप ने कुछ गलत नहीं कहा। 10 दिन के बाद हमारा स्कूल स्टार्ट हो रहे हैं। डैड के लेक्चर वापिस स्टार्ट हो जायेंगे। फिर से वही बोरिंग वाली लाइफ। अरे यार परेशान हो गया हु में उनसे। कितने अच्छे मार्क्स लाता हूं में, कितनी पढ़ाई करता हूं यहां तक कि स्पोर्ट्स में भी मैडल और ट्रॉफी लाता हूं लेकिन... लेकिन पता नही उनकी प्रॉब्लम क्या है, वो मेरे किसी काम से कभी खुश नही होते।
रनवीर : रिलैक्स ब्रो, शांत होजा मेरे भाई इतना हाइपर मत हो। देखना एक दिन तुम्हारे डैड जरूर समझेंगे और प्राउड फील करेंगे... !!!
आदित्य : नही, ऐसा कुछ नहीं होगा। एनीवे फ्रैंड्स, में घर जा रहा हु, मेरा अब बिल्कुल भी मन नही है, तुम लोग एन्जॉय करो, byeee....…
कहते हुए आदित्य जाने लगता है और आद्रिका उसका नाम पुकारते हुए उसके पीछे पीछे जाने लगती है......
आद्रिका : अरे लेकिन आदि, Listen... सुनो तो मेरी बात । में भी तुम्हारे साथ चलूंगी, मुझे अपने साथ ले चलो प्लीज। तुम मुझे ऐसे छोड़ के नही जा सकते ।
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कहानी जारी है.....
राधे राधे।