Schoolmates to Soulmates - Part 8 in Hindi Love Stories by Guddi books and stories PDF | Schoolmates to Soulmates - Part 8

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Schoolmates to Soulmates - Part 8

भाग 8 – मन की बात 


जिगर अपनी बात ख़तम करके देखता है की मीठी, किंजल और प्रतिक तीनो हैरानी से उसे ही देख रहे थे। यह देख के वो कहता है - अरे, तुम तीनो को क्या हो गया ? मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो ?


 

किंजल - काफी लम्बी कहानी सुनाई तुमने...!!! 

 

किंजल की बात सुनके सभी हसने लगे। जिगर की आँखे सिर्फ मीठी को देख रही थी। उसकी नज़रो में मीठी के लिए अलग ही कसक थी। लेकिन मीठी के मन में ऐसा कुछ नहीं था वो सिर्फ जिगर को अपना अच्छा दोस्त ही समझती है।

 

जिगर का मीठी को देखना लगातार जारी था। किंजल ने देखा तो उसने खांसने का नाटक किया। यह सुनके जिगर हड़बड़ाहट में मीठी से नज़रे हटा देता है।

 

किंजल जिगर को देखते हुए अपनी एक आँख मारके इशारो से कहती है - प्रपोज़ करने का इरादा है क्या ?

 

जिगर किंजल का इशारा समझते हुए ना में सिर हिलाता है - ऐसा कुछ नहीं है जैसा तुम सोच रही हो...!!!

 

किंजल - हम्म, मुझे पता है की तुम्हारे मन में क्या चल रहा है...!!! इसलिए मुझसे तो जुठ बोलो ही मत, समझे बच्चू।

 

मीठी उन दोनों को ऐसे इशारो में बाते करते देख कहती है - ये तुम दोनों इशारो इशारो में कब से क्या बाते करे जा रहे हो ? मुझे भी तो बताओ ...!!!

 

किंजल और जिगर एक साथ हड़बड़ाहट में - कुछ नहीं, कुछ भी तो नहीं...!!!

 

प्रतिक और मीठी उन दोनों को हैरान हो कर देखने लगते है। जैसे की उनकी कोई चोरी पकड़ी गयी हो। 

 

किंजल बात को बदलते हुए - अरे, चलो न इतने दिनों बाद हम मिले है तो बाहर जाते है... है न जिगर ?

 

जिगर - हं ? हा हा चलो न, और पता है... मेने तुम सब को बहुत मिस किया...!!!

 

मीठी मुस्कुराते हुए बोली - हमने भी।

 

मीठी मुस्क़ुरते हुए निचे की तरफ चली जाती है। उसके पीछे पीछे प्रतिक भी चला जाता है। अब बचे किंजल और जिगर। जिगर मीठी को जाते हुए देखने लगता है। उसको पता ही नहीं चला की कब वो निचे चली गयी और वो ऐसे ही देखता रहा।

 

किंजल जिगर के पास जाके - अच्छी है न ?

 

जिगर खोये हुए स्वर में - बहुत...!!!

 

किंजल - प्यारी भी है न ?

 

जिगर - बहुत ...!!!

 

किंजल - तो फिर क्या ख्याल है ?  

 

जिगर - ख्याल तो बहुत है लेकिन मानेगी क्या ?

 

यह सुनते ही किंजल झट से बोल पड़ती है - अरे मानेगी न, क्यों नहीं मानेगी। तुम्हारी ये समझदार दोस्त किस काम में आएगी। ( अपनी और इशारा करके ) 

 

कहते हुए वो जिगर के कंधे पे अपना हाथ रख देती है। जिगर एकदम से होश में आता है... उसको समझ आता है की उसने अभी अभी किंजल को क्या कहा...!!! जिस कंधे पे किंजल ने अपनी कोहनी टिकाई थी... उस कंधे को थोड़ा झुकाते हुए साइड में चला जाता है... जिससे किंजल खुद को गिरने से संभल लेती है। 

 

जिगर - क्या ? नहीं... ऐसा मत करना प्लीज्...!!!

 

किंजल - अरे, लेकिन क्यों ?

 

जिगर सीरियस होके - देखो किंजल, अभी ये सही वक़्त नहीं है। अभी तो हमारा स्कूल भी ख़तम नहीं हुआ... और ऐसे में उसे ये सब... मलतब की अपने मन की बात कहूंगा तो सोचो... उसकी लाइफ में और स्टडी में कितना असर पड़ सकता है... और शायद हमारी दोस्ती पर भी। 

 

किंजल - हम्म, तुम सही कह रहे हो ...!!!

 

जिगर किंजल का हाथ पकड़के - तुम उसकी बहन हो... साथ में मेरी बेस्ट फ्रेंड भी। इसलिए कह रहा हु की में उसके साथ कोई जबरदस्ती नहीं करूँगा...!!! में पहले उसके काबिल बनना चाहता हु, उस लेवल तक जाना चाहता हु की जब भी में मीठी का हाथ थामु तो उसके मन में मेरे लिए कोई सवाल न रहे, कोई शक या गुंजाइश न रहे और में तो खुद भी चाहता हु की वो मुझे अपनी soulmate के रूप में चुने। में उसपे अपना फैसला नहीं थोपूंगा। उसका जो भी फैसला होगा... मुझे वो मंज़ूर होगा।अगर उसकी ना भी होगी तो भी में उसका अच्छा दोस्त बन के उसके साथ हमेशा खड़ा रहूँगा।

 

जिगर बहुत ही अच्छा और साफ़ दिल का लड़का था। उसकी बात सुनके किंजल की आँखों में नमी आ जाती है, उसके मन में ख़ुशी की लहर दौड़ जाती है।

 

किंजल - तुम बिलकुल सही कह रहे हो जिगर...!!! हम अभी उस मुकाम तक नहीं पहोचे जहा हम एक दुसरे का हाथ थाम सके। लेकिन तुम बिलकुल भी फ़िक्र मत करो। तुम्हारे इस फैसले में... में हमेशा तुम्हारा साथ दूंगी।

 

जिगर - थैंक यू किंजल...!!! तुम सच में बहुत अच्छी हो। एक सपोर्ट करने वाली दोस्त, एक प्यारी बहन, एक समझदार बेटी, और मुझे पूरा भरोसा है की तुम बहुत अच्छी soulmate भी बनोगी, देखना...!!!

 

उसकी बात सुनके किंजल के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान खिल गयी। निचे से मीठी की आवाज आती है फिर वे चारो गांव घूमने चले जाते है।

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राणा मेन्शन... 

 

आदित्य गुस्से में अपने रूम में आता है और जोर से दरवाजा बंध करता है। आदित्य का कमरा भी बहुत आलिशान और खूबसूरत था। बीच में बड़ा सा बेड, बेड के ऊपर वॉल पर आदित्य का बहुत बड़ा सा फोटो था... जिसमे आदित्य ने अपने हाथो में गिटार पकड़ा हुआ हुआ था। वो बहुत ही अट्रैक्टिव लग रहा था। उसके रूम में आदित्य की ऐसी ही कई सारी फोटो थी। ब्लैक पेंट में रंगी हुई दीवारे... क्यों की उसका फेवरेट कलर ब्लैक था। रूम में अटैच बालकॉनी... जिसमे झूला लगा हुआ था। बालकनी भी काफी बड़ी थी... जहा छोटे छोटे प्लांट्स भी थे। उसको भी प्लांटस काफी पसंद थे। आदित्य के रूम की दूसरी साइड उसका पर्सनल पूल था... जिसमे वो रोज़ स्विमिंग करता था।

 

आदित्य जब भी उदास होता तो स्विमिंग करता। आज भी कुछ ऐसा ही था... अपने रूम में आके उसने कपडे उतारे। उसने सिर्फ शॉर्ट पेंट के अलावा कुछ नहीं पहना था। फिर कूद पड़ा पूल में। इसमें कोई शक नहीं की वो स्विमिंग में चैंपियन था। इतनी छोटी सी उम्र में वो एक प्रोफेशनल की तरह स्विम कर रहा था। 

 

कुछ देर तक ऐसे ही स्विम करने के बाद वो बहार आ जाता है और टॉवल से अपने आपको पोछने लगता है। अब उसका मूड काफी हद्द तक ठीक हो गया था। फिर एक ढीली सी टी शर्ट और शॉर्ट पेंट पहन के बालकनी में लगे झूले पे बैठ के आसमान को एकटक देखने लगता है।

 

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राधे राधे... 

कहानी अभी जारी है...