Ek Musafir Ek Hasina - 27 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 27

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 27

27

प्यार

 

अब रेवा ने उसे गौर से देखकर पूछा,  “तुम यहाँ?”  “यस, मुझे एक कमरा  चाहिए।“ “कहीं और नहीं मिला ?” “तुम्हारा  रिसोर्ट  औरो के मुकाबले बहुत सस्ता  है।“  समर ने उसे यहाँ आने का कारण  बताया।  रेवा ने मुँह बनाते  हुए उसका रिकॉर्ड  कंप्यूटर  में  फीड  किया और उसे रूम की चाभी  पकड़ा दी और वह उसे थैंक्स कहकर  अपने कमरे में चला गया, रेवा को भी समर  कुछ अजीब लगा क्योंकि उसे  याद  है, उस रात  उसने समर को  सिमरन  के बाथरूम  में  जाने से  पहले हाथ में  एक छोटा  सा गत्ते  का डिब्बा  उठाए  बाथरूम  की  तरफ जाते देखा था। उसने एक गहरी  साँस  ली और सोनू को रिसोर्ट  की लाइटस  बंद करने के लिए कहा और फिर खुद  भी अपने  रूम  में  चली  गई।

 

अश्विन  गुस्से में  गाड़ी  चला रहा है, उसकी स्पीड ज़रूरत से बहुत ज़्यादा  है। अनुज ने अब सड़क की तरफ देखते हुए  कहा,  “कोमल डाइवोर्स  लेना चाहती है, विधवा  नहीं होना चाहती  ।“  उसने यह सुना तो गाडी एक सुनसान  जगह पर  रोक  की और गेट  का दरवाजा  खोलकर  बाहर  आ गया और खुले आसमान  में  साँस  लेने लगा,  मानों जैसे  उसका  गाड़ी  में  दम  घुट रहा हो। अनुज भी उसके पास  आकर  खड़ा  हो गया।  कुछ देर तक दोनों के बीच  खमोशी  छायी  रही, अब उसने उस चुप्पी  को तोड़ते  हुए कहा,

 

“तू आज माया  से मिलने जाने  वाला था ।

 

नहीं!! पर उसने मुझे बुलाया  था, कह रही थी कि उसके पास कोई खबर है पर मुझे पता था  कि  उसके पास कोई खबर नहीं है।  इसीलिए  मैं  पैराडाइस  क्लब  में  विपिन राठी  से मिलने चला गया था।“  उसने अनुज की तरफ देखते हुए जवाब  दिया।

 

“तुझे क्या ज़रूरत  थी, माया  के साथ एक रात  गुज़ारने  की?” अब अश्विन  ने  यह सुनकर  मुँह फेर लिया और फिर कुछ सोचते हुए बोला,  “एक तो मुझे लगा रहा था कि  शायद वो सीरियल  किलर  केस में  इन्वॉल्व  हो और दूसरा.....उस लड़की  ने मेरा दिमाग खराब कर दिया था,  मैं उसे पाने  के लिए बेचैन  हो रहा था...... “उसने  रुक-रूककर  जवाब दिया और बीच  में  बात काट  दी। 

 

“अब मुझे ऐसा  लग रहा है कि  माया  तेरे पीछे  पड़  गई है पर तुझे गले  लगाने के लिए नहीं बल्कि  फँसाने  के लिए।“ अनुज ने मुस्कुराते  हुए कहा। 

 

“मुझे भी यही लग लग रहा है, उसके इरादे  नेक नहीं है।“  वह अब अनुज की तरफ देखते हुए बोला।  “अच्छा  तूने ट्रेन में  लगे कैमरे  चैक  किए ।“ 

 

“हम्म! रेवा और रेहान  को छोड़कर सभी ने वो वाशरूम  यूज़  किया है जो  छठे  डिब्बे के  नज़दीक  था और एक समर ही था जो सिमरन से पहले  वाशरूम  गया था।“  अश्विन  ने सुना  तो उसे समर  की बात  याद आ गई, जब उसने ट्रेन में बताया था कि सिमरन  सीरियल  किलर  से डरती  नहीं है तो फिर कॉकरोच से क्यों डर गई । “डेमिट!!! मुझे इस नमूने पर पहले ही शख  था।“ अश्विन खींजते हुए बोला। अब अनुज  का फ़ो नबजा तो उस स्क्रीन पर कमिश्नर  लिखा आ रहा है, उसने  फ़ोन स्पीकर  पर डाल  दिया। 

 

“यस  सर!!!”

 

“अश्विन  कहाँ  है? “

 

“सर मेरे पास  खड़ा  है।“

 

अश्विन  का फ़ोन  स्विच  ऑफ  क्यों जा रहा है?

 

“सर वो मेरी बैटरी  डेड  हो गई  है।“ अब अश्विन बोल पड़ा।

 

“तुम आज शाम जहाँ  भी थे उसका सबूत  मेरे  पास सेंड कर दो।“

 

“सर आप....... मुझे पर शख  कर रहें  हैं?” अश्विन  हैरान  है।

 

“नहीं मैं  अपनी ड्यूटी कर रहा हूँ, इसीलिए  जितना कहाँ गया है उतना करो और हाँ माया  सिंघल  और उसकी  फैमिली  से दूर  रहो, समझे!!! यह बात मुझे तुम्हें  दोबारा  न बतानी  पड़े।“  कमिश्नर  ने  फ़ोन रख दिया और अश्विन  के गाड़ी  के गेट  पर लात  मारते  हुए कहा, “बास्टर्ड!!!” अब माया  का केस मैं  देख लूंगा, तू बस उससे दूर  रहना।“

 

 

अनुज घर पहुँचा  तो कोमल  किसी  से हँस-हँसकर फ़ोन पर  बातें  कर रही है, अनुज को देखते  ही उसने फ़ोन रख  दिया और उससे खाने के लिए पूछा और उसके हाँ कहने पर वह टेबल पर खाना  लगाकर  कमरे में  सोने जाने लगी तो अनुज ने  कोमल  का हाथ पकड़  लिया,” तुम नहीं खाऊँगी?” “मैं खाना  चुकी हूँ।  गुडनाइट!!” यह कहकर वह  बैडरूम के साथ  बने रूम में  चली गई। “यानी अब कोमल ने मेरे साथ खाना और सोना दोना  बंद कर दिया है।“  यह कहते हुए उसके चेहरे पर निराशा  के भाव उमड़ आए । 

 

 

अगली  सुबह  रेहान  तो रेवा के साथ ब्रेकफास्ट  कर रहा है पर समर  ने अपने रूम  में  ही ब्रेकफास्ट मंगवा  लिया।  रेहान  ने उसे नए  टूरिस्ट  के आने की बधाई  दी तो वह मुँह बनाते  हुए बोली,  “मुझे यह आदमी कुछ  ठीक  नहीं लगा रहा।“  “क्यों?” “इससे नेगेटिव वाइब्स  आ रही है।“  “अरे!! यार ज़्यादा  मत सोचो, चला जायेगा थोड़े  दिनों में,  अच्छा  मुझे पंचमढ़ी  तो घुमा  लाओ।“ उसने इतने प्यार से कहा कि  रेवा  मना  उसे घुमाने के लिए मना ना कर सकी।

 

अगले दिन पुलिस  स्टेशन में  माया  की माँ  रोमा आयी तो अनुज ने उन्हें एहतराम से बैठने के लिए कहा। अब अनुज ने उन्हें गौर से देखा,  ट्रॉउज़र  और शर्ट  के साथ उन्होंने मेकअप  कर रखा है। उसके  स्किन पर इतना  ग्लो  है कि  कोई कह नहीं सकता  कि वह दो बड़ी-बड़ी लड़कियों  की माँ  है।  अब उसने ब्लंट  कट  स्टाइल से कटे  बालों  में  हाथ फेरते  हुए पूछा,  “कुछ पता चला कि माया  पर हमला  किसने किया था? “ अब उसने अभिनव  को बुलाया जो थोड़ी देर पहले  ही आया है, अगर  वह कल फरीदाबाद  नहीं  जाता तो अनुज  कल  रात ही उसकी पेशी  लगा देता।“  अब यश ने उसे माया  की माँ  के सामने बिठा दिया। “अब  इन्हें  कहो जो कहना है,” अभिनव ने रोमा  सिंघल को गौर  से देखा और बड़े  ही नरम लहज़े  में  कहा,

 

“मैंने आपकी बेटी  माया  पर कोई हमला  नहीं किया है पर आप मुझे मेरे पैसे दिलवा  दें।“  रोमा  की त्योरियाँ  चढ़  गई।

 

“मिस्टर अनुज आप इसकी बात पर भरोसा  कर  रहें हैं?”

 

“यह कल  शाम से ही फरीदाबाद  में  था और अगर इसने किसी  को भेजा  होता तो इसके फ़ोन रिकार्ड्स  से हम पता लगा चुके  होते।“ 

 

“क्या पता इसने कोई चालाकी की हो।“ 

 

“मैं क्यों माया  के साथ ऐसा करूँगा, बस आप मुझे  मेरे पैसे दे दीजिये।“  उसने तेज़ आवाज़  में  कहा। 

 

“कितने पैसे  है?” उसे चिढ़कर  पूछा। 

 

“एक करोड़  रुपए।“  यह सुनकर रोमा  ने सिर  पकड़  लिया।  “इस  लड़की  ने हद  कर रखी  है।“ 

 

“आप लोगों  ने माया  के अकाउंट  क्यों फ्रीज़  करवाए  है?”  अनुज ने पूछा।

 

“उसे घोड़ो  की रेस  पर पैसा  लगाने  की आदत  पड़ गई   है।“

 

“देखिये  मिस रोमा, फ़िलहाल  तो आप इसे पैसे  दे दीजिये। इसने भी किसी  को देने हैं।  मैंने इसका बैकग्राउंड  चेक  किया है, यह शेयर  मार्किट  में  एक ब्रोकर  है।  इसे लगा था माया के साथ दोस्ती करकर  इसे फायदा  होगा पर आपकी बेटी  ने ही इसका  फायदा  उठा लिया।“  अब रोमा  ने किसी को फ़ोन किया और अभिनव को  पैसे  ले जाने के लिए कहा।

 

रेवा रेहान को पंचमढ़ी  की सुंदर  वादियों के नज़ारे  दिखाती  हुई  एक कॉफी  शॉप पर ले आई। दोनों ने काफी देर  वहां  बैठकर बातें  की और उसके बाद वे दोनों एक सड़क  के किनारे  घूमते  हुए एक ऐसी  जगह पर पहुँच  गए जहाँ सिर्फ पक्षियों का शोर है।  रेवा ने एक पेड़  के  पास  बैठते  हुए  कहा,  “यह जगह मुझे बहुत सकून  देती है।“ “मुझे भी” यह कहते  हुए उसने रेवा की आँखों  में  देखा तो रेवा की नज़र  उसके होंठो  पर चली गई  और देखते ही देखते  वे  एक दूसरे  के होंठो  को चूमने  लगें और फिर कुछ ही पल  में  दोनों  ने एक दूसरे  के कपड़े  उतारना  शुरू कर दिया। अब रेहान  नरम घास पर रेवा के ऊपर  सवार होकर उसके बदन को चूमता जा रहा है और रेवा भी उसका पूरा  साथ दे रही है फिर धीरे- धीरे दोनों  की एक  दूसरे को पाने  की शुरुआत  चरम  आनंद  में  बदल चुकी  हैं। इस  मदहोशी  भरे  आलम  में वे इतने मशगूल  है कि  उन्हें  नहीं पता कि  एक सुनसान  जगह पर पक्षियों  के अलावा  भी एक शख़्स  है जो उन्हें पेड़  की ओट  से देख रहा है और उसकी आँखे  बता रही है कि  उसे यह  दृश्य  पसंद  नहीं आ रहा है।