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सायरन
जब अश्विन, अनुज, करण और यश वहाँ पहुँचे तो देखा कि राहुल लेडीज टॉयलेट के बाहर खड़ा दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहा है और अंदर से सिमरन बुरी तरह चिल्ला रही है । “दरवाजा खोलो, मुझे बचाओ, वरना मैं मर जाऊँगी।“ यह दरवाजा क्यों नहीं खुल रहा अश्विन ने दरवाजे को धक्का मारते हुए पूछा तो यश ने कहा, “सर जाम हो गया है।“ अब अनुज ने जल्दी से रेलवे अथॉरिटी को बुलाया। ट्रैन अपनी गति से चलती जा रही है और टॉयलेट में फँसी सिमरन की चिल्लाने की आवाज़ बढ़ती जा रही है। उसकी ऐसी हालत देखकर उसके पति राहुल की आँखों में आँसू आ गए। अश्विन ने इन सबके बीच एक बात नोटिस की कि छठे डिब्बे से कोई उठकर यहाँ नहीं आया सिवाय रेहान को छोड़कर, यह वाशरूम इतने नज़दीक था, मगर फिर भी किसी के कान पर जूँ तक नहीं रेंगी। तभी रेलवे अथॉरिटी आ गई और सिमरन को बाहर निकाला गया। वह रोते हुए अपने पति के गले लग गई। राहुल उसे चुप करवाने लगा। अब अश्विन और अनुज ने वाशरूम में देखा तो उनकी यह देखकर आखें फटी की फटी रह गई कि वाशरूम में कॉकरोच ही कॉकरोच भरे पड़े है। अनुज ने रेलवे स्टॉफ को डाटा तो उन्होंने बताया “कि सर दो घंटे पहले वाशरूम में कुछ नहीं था, हमने खुद सफाई की है।“ अश्विन ने कॉकरोच को देखते हुए कहा, “ऐसा लग रहा है कि कोई इतने कॉकरोच साथ लाया था और उसने जानबूझकर यहाँ डाल दिए।“ अनुज भी उसकी बात से सहमत है।
अब फिर से सब अपने-अपने डिब्बे में लौट आये और अश्विन ने देखा कि रेहान रेवा से बात करने की कोशिश कर रहा है। उसने रेवा के इंग्लिश नावेल फिफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे को देखकर कहा,
“लगता है, आपको लव स्टोरी पसंद है??”
“नहीं, मैं तो सिर्फ सेक्स की वजह से पढ़ रही थी।“ उसका जवाब रेहान और अश्विन दोनों को हैरान कर गया।
“हाँ इरोटिक नावेल तो है ।“ रेहान ने फिर कहा और रेवा अपने बाल ठीक करते हुए खिड़की से बाहर देखने लगी।
“वैसे आप करती क्या है?”
“तुमसे मतलब!!!” उसने फिर मुँह बना दिया पर रेहान का बोलना जारी है, “ मैं एक विज्ञापन कंपनी में कॉपीराइटर हूँ पर एक नावेल लिखने के लिए अपनी नौकरी से एक महीने का ब्रेक लिया है।“ उसने खुद ही अपने बारे में बता दिया पर रेवा ने उसमे कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तो समर बोला, “तुम उस सीरियल किलर के बारे में क्यों नहीं लिखते?”
“मैं कोई रोमांटिक स्टोरी लिखना चाहता हूँ।“ उसने रेवा को देखते हुए कहा जो अभी भी खिड़की से बाहर देख रही है।
वैसे सिर्फ इन महाशय को छोड़कर कोई भी बाथरूम के पास नहीं आया, “क्या आप लोगों ने शोर नहीं सुना।“ “सर मेरा महाशय नहीं नाम रेहान है ।“ रेहान का जवाब सुनकर अश्विन मुस्कुराने लगा ।
“सब अपने कर्मों का फल है, हम क्या करते आकर।“ देवेन ने जवाब दिया तो अश्विन उसे घूरते हुए बोला, “वैसे आप क्या कर्म करते है? आई मीन क्या काम करते है? “
“मेरी स्टेशनरी की फैक्ट्री थी पर अब बंद हो गई है तो फ़िलहाल ब्रेक लिया है, थोड़े टाइम बाद सोचूँगा की करना क्या है?” देवेन का चेहरा बड़ा गंभीर दिखाई दे रहा है?
“वैसे बुरा ना मने तो आपका नाम और आपकी उम्र जान सकता हूँ।“
“मैं कोई लड़की थोड़ी न हो जो बुरा मान जाऊँगा।“ उसने रेवा की तरफ देखकर कहा तो वह बोली, “33” यह सुनकर रेहान भी तपाक से बोल पड़ा, “पिछले महीने 34 का हुआ हूँ।“ अब देवेन ने जवाब दिया, “मेरा नाम देवेन और उम्र 36 साल है।“ हालांकि अश्विन को सबके नाम और उम्र पता है, मगर उसे तो सबके मुँह से उगलवाना है।
अब उसने नंदिश को देखा जो किसी सोच में डूबा हुआ है, “सर एक लड़की चिल्लाती रहीं और आप भी बाथरूम के पास नहीं आये, नंदिश ने उसे घूरते हुए ज़वाब दिया, “मैं इतना फ्री नहीं हूँ।“ “ओह !! तो फिर आप बिजी होने के लिए क्या करते है? “ फ्रीलान्स काम करता हूँ, जैसे, प्लंबिंग, बिजली या कैब ड्राइवर।“ अश्विन के मुताबिक इस नंदिश की उम्र 45 है। “पंचमढ़ी क्या करने जा रहें हैं?” आप पुलिस है? जो आपको सब बताएं?” यह कहकर उसने मुँह फेर लिया तो वह राजीव से पूछने लगा, “भाईसाहब आपको भी उस मैडम की चीखे सुनाई नहीं दी?” उसने गहरी साँस लेते हुए कहा, “मुझे तो आज तक अपनी बीवी की चीखी सुनाई दे रही है, मैं किसी और की बीवी की चीखे सुनकर क्या करूँगा।“ “मैं कुछ समझा नहीं।“ “मैं लंदन में था, मेरे घर में आग लग गई और मेरी बीवी उसी में जलकर मर गई।“ “तब आप कहाँ थे?” अश्विन ने सवाल किया। “मैं अपनी शॉप पर था, जैसे ही पता लगा, मैं हॉस्पिटल पहुँचा तो वहाँ डॉक्टर ने उसे मरा हुआ घोषित कर दिया।“ “अभी तो आप कह रहे थे कि आपको उसकी चीखे सुनाई दी?” “तो!!! मुझे ऐसे ही ख्याल आते है कि वो कैसे चिल्ला रही होगी क्योंकि इस हादसे के बाद मैं अपने डिप्रेशन का ईलाज करवाने इंडिया आ गया।“ “आपका नाम क्या है?” “राजीव!!” उसकी आवाज में जो दर्द महसूस हुआ, वह अश्विन को सिर्फ दिखावा लग रहा है। अब समर बोल पड़ा, “ज़िन्दगी ऐसे ही है, मुझे देख लो, कल तक एक इन्वेस्टमेंट बैंकर था, अचानक से सब खत्म हो गया और फिर घरवालों ने भी पूछना बंद कर दिया तो मैं घर से निकल गया।“ “ऐसा क्या हो गया था?” “करोड़ों रुपए का नुकसान वो भी एक लड़की की वजह से ।“यह बोलते हुए उसके चेहरे पर गुस्से के भाव उमड़ आये। “कैसे?” अश्विन ने सवालियाँ नज़रों से पूछा। “उसके प्यार के चक्कर में फँसकर मैंने गलत कंपनी में पैसे लगा दिए और नतीजन पैसा गया और वो भी भाग गई ।“ “तभी आपने उन मैडम की चीख को सुनना ज़रूरी नहीं समझा।“ “हम्म!!! वैसे भी वो मैडम सीरियल किलर से नहीं डरती थी तो फिर बॉथरूम में कॉकरोच देखकर क्यों चिल्ला रही थी?” यह सुनकर अश्विन का चेहरा गंभीर हो गया। “तुम्हें कैसे पता?” “मेरा नाम समर है, हवा की तरह मुझे सबकी खबर रहती है, आई मीन मैंने उन्हें बात करते सुन लिया था और वाशरूम के पास से स्टाफ़ के बोलने की आवाजें आ रही थी।“ उसने बड़ी सफाई से जवाब दिया तो अश्विन को उसपर और शख होने लगा।
अब रात गहराती जा रही है। उसके डिब्बे के सभी लोग सो चुके हैं। पंचमढ़ी आने में सिर्फ तीन घंटे रह गए है। बाकी के सभी डिब्बे खाली हो चुके हैं और वहाँ मौजद इंस्पेक्टर पंचमढ़ी पहुँचने का इंतज़ार कर रहे हैं। अब एक बार फिर वेटर कॉफी लेकर आया तो अश्विन अपनी कॉफी वही छोड़कर अनुज से फ़ोन पर बात करने दूसरे डिब्बे में चला गया और वापिस आकर, कॉफी पीते ही सुस्ताने लगा, तभी उसे लगा कि उसका पेट खराब हो रहा है और उसका सिर घूम रहा है। वह वाशरूम में गया और जब वहाँ से निकला तो उसकी आँखों के आगे अँधेर छाने लगा, अब उसके कानों में ट्रेन का गेट खुलने की हल्की सी आवाज पड़ी पर उसे ठीक से दिखाई नहीं दे रहा है, अब अश्विन को किसी ने ज़ोर से बाहर की तरफ धक्का मारा और ट्रैन के साइरन बजने की आवाज तेज़ होती गई ।