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बर्थडे
अगली सुबह पुलिस स्टेशन में अनुज को गहरी सोच में डूबा देखकर अश्विन ने कहा कि “क्या बात है, किन सोचो के समुन्दर में तैर रहा है।“ यह सुनकर उसने एक गहरी साँस ली और कहा, “यार तुझे तो पता ही है कि कल कोमल का बर्थडे है, इसीलिए मैं सोच रहा हूँ कि कल पूरा दिन उसके साथ बिताता हूँ फिर रात नौ बजे रेलवे स्टेशन पहुँच जाऊँगा।“ “हाँ यार इसमें सोचने वाली क्या बात है!!! तू आराम से उसका बर्थडे मना कल का पूरा दिन मैं संभाल लूँगा।“ अश्विन उसके पास रखी कुर्सी पर बैठते हुआ बोला, “मैं तो कहता हूँ, आज भी जल्दी चला जा,” अश्विन की बात सुनकर अनुज मुस्कुराते हुए बोला, “आज नहीं, अभी तो मेरी पीसी गुप्ता के साथ मीटिंग है। यह कहकर वह वहाँ से बाहर चला गया तो अश्विन भी रोनित से मिलने हॉस्पिटल की तरफ निकल गया क्योंकि उसे पता है कि रोनित की जमानत चुकी है और आधे घंटे बाद वह रिहा भी हो जायेग।
पूरा दिन अनुज और अश्विन अपने-अपने काम में उलझे रहें और जब रात को अनुज हाथ में केक लिए अपने घर पहुँचा तो कोमल के चेहरे पर मुस्कान आ गई। रात ने बारह बजे अनुज, कोमल और उसकी माँ सुजाता ने साथ में केक काटा और फिर सुजाता ने बताया कि कल सुबह घर में कोमल की सेहत और उसके जन्मदिन की ख़ुशी में पूजा रखी है। “ठीक है माँ पर यह तामझाम जल्दी खत्म कर देना क्योंकि उसके बाद मुझे अपना पूरा दिन अपनी कोमल के साथ गुज़ारना है।“ यह कहते हुए अनुज की आँखों में शरारत देखकर कोमल भी मुस्कुरा दी और फिर बाकी की बची रात एक दूसरे की बाँहों में गुज़राने के बाद, अनुज की आंख घर में मचे शोर से खुली, उसने देखा कि सुबह ने नौ बजे हैं। कोमल पहले से ही तैयार होकर पूजा में बैठ चुकी है। उसकी माँ पंडित जी की बात को सुनते हुए बड़ी फुर्ती से काम कर रही है। अब वह नहा-धोकर सफ़ेद कुर्ते में पूजा में आकर बैठा तो उसने देखा कि कोमल के मम्मी-पापा के अलावा उसका भाई और कुछ कोमल के कजिन भी आ चुके हैं। अब पूरे विधि-विधान के साथ पूजा संपन्न हुई और उसके बाद सब नाश्ता करने लगे। अभी अनुज नाश्ता करके उठा ही था कि उसके फ़ोन पर यश का नंबर फ़्लैश होने लगा। वह एक कमरे में गया और दरवाजा बंद करकर धीरे से बोला, “ हाँ यश!!” “सर वो लड़का मिल गया है, जिसने मनोहर को चाय बेचीं थी।“ “अश्विन कहाँ है?” “सर, उन्हें कमिश्नर गुप्ता जी ने एक मीटिंग के लिए बुला लिया है।“ “क्या यार !!” उसने कुंठित होकर कहा। “सर आप रहें हैं न ?” “ठीक है, मैं आता हूँ ।“ वह अब सभी मेहमानो से नज़रें बचाता हुआ कोमल के पास पहुंचकर उसके कान में कुछ कहकर चला गया और कोमल उसे जाते हुए देखती रही।
पुलिस स्टेशन पहुंचकर उसने उस लड़के को गौर से देखा, उसके चेहरे पर डर साफ़ झलक रहा है। उसने उसकी तरफ पानी का गिलास बढ़ाया तो उस लड़के ने पानी का एक घूँट पिया और उसकी तरफ देखने लगा,
“नाम क्या है, तुम्हारा?” अनुज का सवाल है।
“सर, मेरा नाम किशोर है।“
“तुमने ही उस आदमी को चाय दी थी?”
“जी!!” उसने थोड़ा झिझकते हुए कहा।
“तुमने चाय में क्या मिलाया था?”
“सर मैंने कुछ नहीं मिलाया था, मैं गरीब हूँ, सुबह यह काम करता हूँ और शाम को पढ़ाई, मैं क्यों अपनी ज़िन्दगी खराब करने वाले काम करूँगा।“
“क्या तुमने किसी को देखा था और यह चाय तुम कहाँ से लाते हो ?”
“सर मेरी माँ बनाती है? स्टेशन के पास ही मेरा घर है। जहाँ तक मुझे याद है, मैं चाय की अपनी ट्रे दो मिनट के लिए अकेला छोड़कर सिर्फ टॉयलेट गया था।“ उसने दिमाग पर ज़ोर देते हुए कहा। अब उसने यश से पूछा, “तुमने इसकी माँ से बात की।“ यश ने हाँ में सिर हिला दिया और उसने किशोर को जाने के लिए कह दिया। स”र इसका मतलब किलर ट्रैन के अंदर ही था?” “ हम्म!!!।“ कहते हुए अनुज ने ज़वाब दिया। अब अनुज ने यश के साथ रेलवे स्टेशन का एक चक्कर लगाया और फिर दोबारा घर के लिए निकल गया।
वह घर पहुँचा तो तीन बज रहे हैं, उसने देखा कि सभी मेहमान जा चुके हैं । आते ही उसने लंच किया और पहले से तैयार बैठी कोमल को लेकर बाहर निकल गया। दोनों अब दिल्ली के सबसे पॉश मॉल सनसिटी में गए और वह वहाँ कोमल को शॉपिंग करवाने लगा। एक ऑउटलेट में उसने एक जाने-पहचाने चेहरे को देखा तो वह सरप्राइज हुए बिना नहीं रह सका, माया अपनी नई डेट के साथ शॉपिंग कर रही है। एक हैंडसम सा लड़का उसके बैग उठाये उसके आगे-पीछे घूम रहा है। अब कोमल ने भी अपनी पसंद की कुछ चीज़े खरीदी और फिर दोनो मॉल में बने रेस्ट्रा पिंड बलोची में कुछ खाने-पीने के लिए चले गए।
अनुज को बार-बार टाइम देखते हुए देखकर कोमल ने पूछा, “कहाँ जाना है? “ “उस सीरियल किलर की एक लीड मिली है, उसी सिलसिले में रात के पौने नौ बजे तक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुँचना है।“ अब इससे पहले कोमल कुछ कहती वेटर उनका आर्डर लेने आ गया। अब अनुज की नज़र रेस्ट्रा के दरवाजे पर गई तो देखा कि माया उसी लड़के के साथ अंदर आ रही है। अब माया भी अनुज को देख चुकी है। वह अनुज से कुछ टेबल छोड़कर उस लड़के के साथ बैठ गई और अनुज को देखकर स्माइल देने लगी। जैसे ही अनुज उसे देखकर हल्के से मुस्कुराया तो कोमल ने पीछे मुड़कर देखा और माया को देखकर अनुज से पूछने लगी, “यह लड़की कौन है, अनुज? उसका यह सवाल वह सुनकर थोड़ा सकपका गया पर फिर सामान्य होते हुए बोला, “एक केस में विक्टिम की एक्स गर्लफ्रेंड है।“ “कौन सा केस, वो सीरियल किलर वाला?” “ हाँ!!!” यह सुनकर कोमल हैरान है। अब माया अपने साथ बैठे लड़के को कुछ बोलकर अनुज की तरफ बढ़ने लगी तो अनुज धीरे से बोला, “यह यहाँ क्या करने आ रही है।“ अब पास पहुंचकर उसने कोमल को देखा पिंक कलर की शार्ट वन पीस में गेहुँए रंग की कोमल बड़ी प्यारी लग रही है। कोमल की बड़ी-बड़ी आँखे भी माया को ऊपर से नीचे तक देखने लगी, अब इससे पहले कोमल माया को कुछ कहती, माया अपनी कमसिन अदायें बिखेरते हुए वाइट शर्ट और ब्लैक जीन्स में हैंडसम लग रहें अनुज को दिलकश नज़रों से देखने लग गई। ।